पुलवामा: रूस-यूक्रेन युद्ध में घायल कश्मीरी युवक करीब नौ महीने बाद युद्ध क्षेत्र से घर लौटा है. उसके परिवार और इलाके के लोगों के लिए ये वाकई खुशी का पल है. ईटीवी भारत से बात करते हुए दक्षिण कश्मीर के पोशवान अवंतीपोरा का रहने वाला यूसुफ कुमार ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा की. उसने कहा, 'मुझे लगता है कि यह पीएम मोदी की रूस यात्रा थी जिसने मुझे सुरक्षित घर पहुंचने में मदद की. अन्यथा पिछले नौ महीने से मेरा जीवन में दुख भरा था.'
यूसुफ कुमार के अनुसार एक वर्ष पहले उसने एक यूट्यूब चैनल पर व्लॉग्स देखा. इसे एक मुंबई निवासी चलाते हैं. इस व्लॉग्स में रूस में सुरक्षा सहायक के रूप में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था. इसमें शुरुआती वेतन 40,000 से 50,000 रुपये तक था और संभावित रूप से एक लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता था. लालच में आकर उसने नौकरी के लिए आवेदन दिया.
फिर नौकरी के लिए चयन कर लिया गया. बाद में उसे रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया, जहां वह घायल हो गया. आजाद ने युद्ध क्षेत्र के दिनों को याद करते हुए कहा कि उसने मौत को करीब से देखा लेकिन उसके पास कोई विकल्प नहीं था. केवल चुप रहना था. फिर भारत के एक युवा पठान ने उसे परिवार और दूतावास से बात करवाने में मदद की.
सौभाग्य से इस साल पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया, जहां यूक्रेन युद्ध में भारतीयों के मामले पर चर्चा हुई और फिर उसे रिहा कर दिया गया. यूसुफ कुमार ने कहा कि बिना किसी उचित प्रशिक्षण के हमें युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया और इस साल अप्रैल से भुगतान से इनकार कर दिया गया. उसने हर युवा से अपील की है कि वे बगैर पंजीकृत परामर्शदाताओं के झांसे में न आएं जो नौकरियां दिलाने का दावा करते हैं.