नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए रिश्वत लेने के मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी. फिलहाल कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को संरक्षण दे रखा है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को करने का आदेश दिया.
जानकारी के मुताबिक, कार्ति चिदंबरम शुक्रवार (5 अप्रैल 2024) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान उनकी ओर से पेश वकील ने बताया कि चिदंबरम को कोर्ट से सरंक्षण मिल चुका है. वहीं, बाकी सभी आरोपियों को एक- एक लाख रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया गया.
बता दें, इस मामले में ईडी ने 25 जनवरी को कार्ति चिदंबरम, उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन, पदम दुगार, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, विकास मखरिया, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और मंसूर सिद्दीकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. इसके बाद कोर्ट ने 19 मार्च को संज्ञान लिया. फिर सीबीआई ने मई 2022 में पी चिदंबरम के आवास पर छापा मारा. सीबीआई के दर्ज केस के बाद ईडी ने भी केस दर्ज किया था.
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सीबीआई द्वारा दर्ज केस में बताया गया कि वे 2011 में अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 263 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे. तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद 14 मई 2022 को पी चिदंबरम के घर पर छापा मारने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया. इसके तहत सीबीआई ने भास्कर रमन को 18 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भास्कर रमन को 9 जून 2022 को जमानत दे दी.
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