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कर्नाटक: लोकसभा चुनाव के लिए 26 लाख स्याही की बोतलें की जा रही तैयार

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 18, 2024, 10:54 AM IST

Mylac ink bottles for elections: लोकसभा चुनाव अब काफी करीब है. इसे देखते हुए इसकी तैयारी जोरों से की जा रही है. कर्नाटक के मैसूरु में माइलैक कंपनी की ओर से 26.55 लाख स्याही की बोतले तैयार की जा रही है.

Mysore: 26.55 lakh ink bottles supplied by 'Mylac' for Lok Sabha elections
लोकसभा चुनाव के लिए 26 लाख स्याही की बोतलें की जा रही तैयार

मैसूर: यहां की एक स्याही की कंपनी में इन दिनों जोरो शोरों से काम चल रहा है. दरअसल चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान लगाए जाने वाली स्याही बनाने के लिए ऑर्डर दिए हैं. इस मांग को पूरा करने के लिए यहां काम करने वाले कर्मचारी जुटे हैं. कंपनी को 10 मिलीलीटर की 26.55 लाख बोतल तैयार के ऑर्डर मिले हैं.

जानकारी के अनुसार मैसूर स्थित पेंट एंड वार्निश लिमिटेड यानी माइलैक लोकसभा चुनाव के सिलसिले में केंद्रीय चुनाव आयोग की मांग पर स्याही की बोतलों की आपूर्ति करने में जुटी है. कुछ राज्यों में पहले ही अमिट स्याही की आपूर्ति की जा चुकी है. माइलैक के प्रबंध निदेशक मोहम्मद इरफान ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी.

माइलैक कंपनी
माइलैक कंपनी

लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं. इसलिए मतदान की पहचान के लिए मतदाता की उंगली पर अमिट स्याही का निशान लगाया जाता है. ऐसी स्याही की आपूर्ति मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड द्वारा की जाती है. 15 मार्च तक सभी राज्यों को 10 मिलीलीटर अमिट स्याही की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना को अंतिम चरण में प्रदान किया जाएगा. मोहम्मद इरफान ने कहा कि 10 मिलीलीटर की एक बोतल से 700 मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही लग सकती है और इस बार 26.55 लाख स्याही की बोतलों से 55 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है.

मायलैक का इतिहास: मायलैक का अर्थ है मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड. यह कर्नाटक सरकार के अधीन एक उद्यम है. अब यह 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. मैसूर में 1937 में नलवाडी कृष्णराज वोडेयार द्वारा बन्नी मंतपा द्वारा स्थापित किया गया. बाद में 1947 में माइलाक को कर्नाटक सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और इसका नाम बदलकर मैसूर लैक एंड पेंट लिमिटेड कर दिया गया. बाद में 1989 में उन्होंने वार्निश का उत्पादन शुरू किया. यह गर्व की बात है कि सरकारी उद्यम पिछले 75 वर्षों से लाभ में चल रहा है.

हमने स्याही की आपूर्ति के लिए 28 मार्च तक की समय सीमा तय की है. चुनाव आयोग ने कहा कि इसे मार्च तक वितरित किया जाना चाहिए. हम यथाशीघ्र डिलीवरी करने का भी प्रयास करते हैं. यह इंडस्ट्री 75 साल से अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इससे कम कीमत पर कभी नहीं गया. इसने अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखी है. पिछली बार मंत्री ने हमें विविधता बैठक के बारे में सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि तदनुसार कार्रवाई की जा रही है.

चुनाव आयोग ने आकर जांच की है. उनकी एसओपी के अनुसार काम चल रहा है. यहां वे इसकी गुणवत्ता को लेकर परीक्षण करते हैं. इसके बाद केंद्र पर भी इसकी जांच की जाएगी. हम भारत के सभी राज्यों में नमूने भेजते हैं. यह एकमात्र कंपनी है जो पूरे देश में स्याही भेज सकती है. हम किसी भी कारण से समझौता नहीं करेंगे.

हम अपनी संस्था को निजी संस्थाओं से प्रतिस्पर्धा नहीं दे सकते क्योंकि इसका पेटेंट है. राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा पेटेंट कराया गया. उनका हमारे साथ समझौता है. मैं यहां 6 महीने से हूं. यहां आना और कुछ विकास कार्य करना बहुत गर्व की बात है. मोहम्मद इरफान ने कहा कि हम और भी कई बदलाव लाने की कोशिश करेंगे.

ये भी पढ़ें- हम 2024 का चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार : मुख्य चुनाव आयुक्त

मैसूर: यहां की एक स्याही की कंपनी में इन दिनों जोरो शोरों से काम चल रहा है. दरअसल चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान लगाए जाने वाली स्याही बनाने के लिए ऑर्डर दिए हैं. इस मांग को पूरा करने के लिए यहां काम करने वाले कर्मचारी जुटे हैं. कंपनी को 10 मिलीलीटर की 26.55 लाख बोतल तैयार के ऑर्डर मिले हैं.

जानकारी के अनुसार मैसूर स्थित पेंट एंड वार्निश लिमिटेड यानी माइलैक लोकसभा चुनाव के सिलसिले में केंद्रीय चुनाव आयोग की मांग पर स्याही की बोतलों की आपूर्ति करने में जुटी है. कुछ राज्यों में पहले ही अमिट स्याही की आपूर्ति की जा चुकी है. माइलैक के प्रबंध निदेशक मोहम्मद इरफान ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी.

माइलैक कंपनी
माइलैक कंपनी

लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं. इसलिए मतदान की पहचान के लिए मतदाता की उंगली पर अमिट स्याही का निशान लगाया जाता है. ऐसी स्याही की आपूर्ति मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड द्वारा की जाती है. 15 मार्च तक सभी राज्यों को 10 मिलीलीटर अमिट स्याही की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना को अंतिम चरण में प्रदान किया जाएगा. मोहम्मद इरफान ने कहा कि 10 मिलीलीटर की एक बोतल से 700 मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही लग सकती है और इस बार 26.55 लाख स्याही की बोतलों से 55 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है.

मायलैक का इतिहास: मायलैक का अर्थ है मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड. यह कर्नाटक सरकार के अधीन एक उद्यम है. अब यह 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. मैसूर में 1937 में नलवाडी कृष्णराज वोडेयार द्वारा बन्नी मंतपा द्वारा स्थापित किया गया. बाद में 1947 में माइलाक को कर्नाटक सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और इसका नाम बदलकर मैसूर लैक एंड पेंट लिमिटेड कर दिया गया. बाद में 1989 में उन्होंने वार्निश का उत्पादन शुरू किया. यह गर्व की बात है कि सरकारी उद्यम पिछले 75 वर्षों से लाभ में चल रहा है.

हमने स्याही की आपूर्ति के लिए 28 मार्च तक की समय सीमा तय की है. चुनाव आयोग ने कहा कि इसे मार्च तक वितरित किया जाना चाहिए. हम यथाशीघ्र डिलीवरी करने का भी प्रयास करते हैं. यह इंडस्ट्री 75 साल से अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इससे कम कीमत पर कभी नहीं गया. इसने अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखी है. पिछली बार मंत्री ने हमें विविधता बैठक के बारे में सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि तदनुसार कार्रवाई की जा रही है.

चुनाव आयोग ने आकर जांच की है. उनकी एसओपी के अनुसार काम चल रहा है. यहां वे इसकी गुणवत्ता को लेकर परीक्षण करते हैं. इसके बाद केंद्र पर भी इसकी जांच की जाएगी. हम भारत के सभी राज्यों में नमूने भेजते हैं. यह एकमात्र कंपनी है जो पूरे देश में स्याही भेज सकती है. हम किसी भी कारण से समझौता नहीं करेंगे.

हम अपनी संस्था को निजी संस्थाओं से प्रतिस्पर्धा नहीं दे सकते क्योंकि इसका पेटेंट है. राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा पेटेंट कराया गया. उनका हमारे साथ समझौता है. मैं यहां 6 महीने से हूं. यहां आना और कुछ विकास कार्य करना बहुत गर्व की बात है. मोहम्मद इरफान ने कहा कि हम और भी कई बदलाव लाने की कोशिश करेंगे.

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