बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अप्रैल में कर्नाटक के मैसूरु का दौरा किया था. इस दौरान वह रेडिसन ब्लू प्लाजा होटल में रुके थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के होटल में रुकने का बिल कथित तौर पर 80 लाख रुपये आया था, लेकिन अभी तक बिल का भुगतान नहीं किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि होटल ने 1 जून, 2024 तक बिल का भुगतान न करने पर बकाया वसूलने के लिए कानूनी सहारा लेने की धमकी दी है.
इस संबंध में कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने शनिवार को कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के अवसर पर पिछले साल अप्रैल में मैसूरु पहुंचे पीएम मोदी के होटल में ठहरने का बिल 80 लाख रुपये तक होगा, जिसका आपसी सहमति से निपटान कर लिया जाएगा. खंड्रे ने कहा कि वह इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करेंगे.
खंड्रे के कार्यालय ने एक बयान में उनके हवाले से कहा कि पिछले साल हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम की लागत 6.33 करोड़ रुपये आई थी. इसमें से तीन करोड़ रुपये मिल गया था और अभी भी 3.33 करोड़ रुपये एनटीसीए पर बकाया है. उन्होंने बताया कि होटल में रुकने का खर्च करीब 80 लाख रुपये था.
उन्होंने आगे कहा कि जब यह कार्यक्रम अप्रैल 2023 में आयोजित किया गया था, तब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू थी और इसलिए राज्य सरकार इसमें शामिल नहीं थी. न ही राज्य के प्रतीक का इस्तेमाल किया गया था. यह पूरी तरह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) का कार्यक्रम था. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर आतिथ्य का प्रबंधन करने के लिए स्थानीय स्तर पर गठित समिति में वन विभाग के अधिकारी शामिल थे. लेकिन एनटीसीए ने कार्यक्रम का पूरा खर्च उठाने की बात कही थी.
खंड्रे ने कहा कि एनटीसीए ने होटल के बिल का भुगतान नहीं किया है, जबकि उनके विभाग के अधिकारियों ने कई पत्र लिखे हैं और फोन पर भी इस संबंध में में बात की है. अब यह मामला उनके संज्ञान में आया है. वह इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करेंगे.
ये भी पढ़ें- बेंगलुरु रेव पार्टी मामला: क्राइम ब्रांच ने एक्ट्रेस हेमा समेत 8 को सुनवाई के लिए भेजा नोटिस