बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को शहर की एक श्रवण-बाधित वकील सारा सनी की सहायता के लिए दुभाषियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया है. जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट-शैली की सांकेतिक भाषा में बहस की थी. स्कॉटलैंड में एक पति और बेंगलुरु में एक पत्नी के बीच घरेलू विवाद के चलते पति को लुक आउट नोटिस जारी किया गया है.
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली एकल सदस्यीय पीठ ने केंद्र को सारा सन्नी की मदद के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो उस मामले में पत्नी की ओर से बहस कर रही है. पति ने लुक आउट नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
गुरुवार को आदेश देने के बाद आदालत ने सोमवार तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. मामले के उत्तरदाताओं के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एच. शांतिभूषण भी इस पर सहमत हुए. इसे दर्ज करने वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सारा सनी के लिए दुभाषिया की व्यवस्था करने का निर्देश दिया और सुनवाई 8 तारीख के लिए तय की.
क्या है मामला?: मुंबई के ठाणे जिले का रहने वाला पति उच्च शिक्षा के लिए 2004 में स्टेटलैंड चला गया था. फिलहाल वह वहां बैंक अधिकारी हैं और उन्हें ब्रिटिश नागरिकता मिल गई है. वह अब 41 साल का है. उन्होंने अपनी पहली पत्नी से तलाक लेकर 21 मई 2023 को बेंगलुरु की 36 साल की महिला से शादी की थी.
याचिका में महिला ने कहा कि शादी की रात दोनों परिवार के सदस्य डिनर पार्टी में शामिल हुए. जब मेरे पति शौचालय गए, तो मैंने उनके मोबाइल फोन पर एक संदेश देखा. मैंने एक महिला की ओर से भेजा गया वह संदेश पढ़ा और उत्सुकतावश मैंने उसके पिछले संदेश पढ़े और चिंतित हो गयी. क्योंकि संदेशों को पता चला कि मेरे पति उस महिला के साथ बहुत स्नेही और यौन संबंध भी है.
जब मैंने उन संदेशों के बारे में पूछा तो मेरे पति ने मेरे साथ मारपीट की. बाद में पत्नी ने दहेज के लिए परेशान करने का आरोप लगाते हुए पति, उसके पिता, मां, उसकी बहन और उसके पति के खिलाफ बसवनगुड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. बसवनगुड़ी पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता और घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और पति के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया.