बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी बनाने की प्रक्रिया में कृत्रिम रंगों के मिश्रण पर प्रतिबंध लगा दिया है. सोमवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्री दिनेश गुंडुराव ने विकास सौधा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. बता दें, जनता और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के चलते यह फैसला लिया गया है.
कृत्रिम रंग के कारण राज्य भर में बेची जा रही गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी की गुणवत्ता खराब होती जा रही रही थी. ऐसा माना जाता है कि इससे जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था. गुंडुराव ने असुरक्षित खाद्य पदार्थों से उत्पन्न जोखिमों की ओर इशारा किया और स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कॉटन कैंडी और गोबी मंचूरियन पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई हालिया जांच के निष्कर्षों का हवाला भी दिया. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कैंडी, जैसे कि सफेद सूती कैंडी, को बेचने की अनुमति है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्री दिनेश गुंडुरावमंत्री ने कहा, कि राज्य भर में बेचे जा रहे गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी के नमूने एकत्र किए गए हैं और राज्य प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया है.
गोबी मंचूरियन नमूने का विवरण:
एकत्र किये गये नमूने - 171
कृत्रिम रंगों वाले असुरक्षित नमूने जो पाए गए - 107
कृत्रिम रंगों के बिना सुरक्षित नमूने - 64
कृत्रिम रंग जो पाए गए - टारट्राज़िन, सनसेट येलो और कार्मोइसिन
कॉटन कैंडी नमूनों का विवरण:
एकत्र किये गये नमूने - 25
कृत्रिम रंगों वाले असुरक्षित नमूने जो पाए गए - 15
कृत्रिम रंगों के बिना सुरक्षित नमूने - 10
कृत्रिम रंग जो मिले - टारट्राज़िन, सनसेट येलो और रोडामाइन-बी