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कर्नाटक के किसानों से नफरत करते हैं मोदी और शाह, सूखा राहत निधि न मिलने पर भड़के सीएम सिद्धारमैया - congress protest - CONGRESS PROTEST

CM Siddaramaiah Protest: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी ने पीएम मोदी पर गंभीर आरोप भी लगाए.

सिद्धारमैया
CM Siddaramaiah
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By ANI

Published : Apr 23, 2024, 1:32 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने सूखा राहत निधि को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया. इस दौरान राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया.

विधान सौधा (विधानसभा) के बाहर प्रदर्शन कर रहे कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी की ओर से हमने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. नरेंद्र मोदी और अमित शाह कर्नाटक के किसानों से नफरत करते हैं. 22 सितंबर को हमने केंद्र सरकार को एक ज्ञापन दिया था, जिसके बाद यहां केंद्रीय टीम आई और राज्य का निरीक्षण किया.'

'कर्नाटक के 223 तालुक सूखाग्रसित'
उन्होंने कहा कि राज्य के 223 तालुक सूखाग्रसित हैं. सूखे की मार से किसान बेहाल हैं. अब तक हमने अपने किसानों को 650 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. सीएम ने आरोप लगाया कि कर्नाटक को राहत नहीं मिलने की वजह निर्मला सीतारमण और नरेंद्र मोदी हैं.

'किसानों के साथ अन्याय'
वहीं, इस संबंध में एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक राज्य प्रभारी राणादीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य और उसके किसानों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं." मीडिया को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा, "बीजेपी ने एनडीआरएफ के तहत सूखा राहत देने से इनकार करके कर्नाटक के किसानों और लोगों के साथ प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं. कर्नाटक के किसान अन्याय का सामना कर रहे हैं और सूखा राहत के रूप में 18172 करोड़ रुपये के हकदार हैं."

कांग्रेस ने सूखा घोषित किया
कांग्रेस नेता ने कहा कि 13 सितंबर 2023 को कांग्रेस सरकार ने राज्य में सूखा घोषित कर दिया था. 22 सितंबर को राहत के लिए एनडीआरएफ से 18,172 करोड़ रुपये तक की सहायता की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा गया था. ज्ञापन के आधार पर भारत सरकार से एक टीम राज्य में भेजी गई और उन्होंने 25 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंपी.

इसके बाद 13 नवंबर को सूखे पर एक रिपोर्ट एक उच्च स्तरीय समिति को सौंपी गई. इसके अलावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान पीएम ने उनसे सूखा राहत निधि जारी करने का वादा किया. हालांकि, केंद्र ने अब तक यह निधि जारी नहीं की.

यह भी पढ़ें- शाह का चिदंबरम पर पलटवार, कहा- वोट बैंक को खुश करने के लिए CAA को खत्म करना चाहती है कांग्रेस - Amit Shah Slams Chidambaram

बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने सूखा राहत निधि को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया. इस दौरान राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया.

विधान सौधा (विधानसभा) के बाहर प्रदर्शन कर रहे कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी की ओर से हमने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. नरेंद्र मोदी और अमित शाह कर्नाटक के किसानों से नफरत करते हैं. 22 सितंबर को हमने केंद्र सरकार को एक ज्ञापन दिया था, जिसके बाद यहां केंद्रीय टीम आई और राज्य का निरीक्षण किया.'

'कर्नाटक के 223 तालुक सूखाग्रसित'
उन्होंने कहा कि राज्य के 223 तालुक सूखाग्रसित हैं. सूखे की मार से किसान बेहाल हैं. अब तक हमने अपने किसानों को 650 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. सीएम ने आरोप लगाया कि कर्नाटक को राहत नहीं मिलने की वजह निर्मला सीतारमण और नरेंद्र मोदी हैं.

'किसानों के साथ अन्याय'
वहीं, इस संबंध में एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक राज्य प्रभारी राणादीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य और उसके किसानों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं." मीडिया को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा, "बीजेपी ने एनडीआरएफ के तहत सूखा राहत देने से इनकार करके कर्नाटक के किसानों और लोगों के साथ प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं. कर्नाटक के किसान अन्याय का सामना कर रहे हैं और सूखा राहत के रूप में 18172 करोड़ रुपये के हकदार हैं."

कांग्रेस ने सूखा घोषित किया
कांग्रेस नेता ने कहा कि 13 सितंबर 2023 को कांग्रेस सरकार ने राज्य में सूखा घोषित कर दिया था. 22 सितंबर को राहत के लिए एनडीआरएफ से 18,172 करोड़ रुपये तक की सहायता की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा गया था. ज्ञापन के आधार पर भारत सरकार से एक टीम राज्य में भेजी गई और उन्होंने 25 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंपी.

इसके बाद 13 नवंबर को सूखे पर एक रिपोर्ट एक उच्च स्तरीय समिति को सौंपी गई. इसके अलावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान पीएम ने उनसे सूखा राहत निधि जारी करने का वादा किया. हालांकि, केंद्र ने अब तक यह निधि जारी नहीं की.

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