कानपुर : सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दीपावली के दिन सीसामऊ इलाके के वनखंडेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाया था. इस दौरान उन्होंने आर्य नगर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई समेत तमाम कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में दीये भी जलाए थे. अब इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. शनिवार की मंदिर समिति के पदाधिकारियों और पुजारियों ने मंदिर का शुद्धिकरण किया. हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर पूरे मंदिर में छिड़का. शिवलिंग को भी धोया.
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. 13 नवंबर को वोटिंग है. इसे लेकर पार्टी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी लगातार लोगों से मिल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सीसामऊ सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भी तेजी से प्रचार करना शुरू कर दिया है. नसीम पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी हैं.
दीपावली वाले दिन नसीम सोलंकी सीसामऊ इलाके के वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं. इस दौरान उनके साथ आर्य नगर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के अलावा तमाम कार्यकर्ता भी मौजूद थे. उन्होंने वहां पर जलाभिषेक के बाद दीये भी जलाए थे. इसके बाद यह मामला पूरे शहर में सुर्खियों में आ गया.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नसीम सोलंकी के इस कदम के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है. वहीं मंदिर के पुजारियों ने हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर पूरे मंदिर परिसर में छिड़का. शिवलिंग को भी धोया. इसका एक वीडियो भी सामने आया है.
मजहबी कट्टरपंथ से देश को नुकसान : भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि जो दूसरों के घरों में आग लगाते हैं, उनके घर में एक दिन खुद ही आग लग जाती है. उन्होंने तंज कसा है, सपा की लगाई आग में अब सपा प्रत्याशी ही जद में आ गईं हैं. मजहबी कट्टरपंथ से देश को नुकसान होगा. चुनावी पूजा-पाठ से सपा को ही नुकसान होगा.
नसीम को करनी चाहिए तौबा : वहीं दूसरी ओर इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा जारी कर कहा है कि अगर नसीम सोलंकी ने मंदिर में जाकर जलाभिषेक किया है तो उन्हें तौबा करनी चाहिए. कलमा पढ़ना चाहिए. जिससे वह दोबारा इस तरीके की कोई गलती न कर सकें.
इस पूरे मामले पर सपा की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने कहा कि, जो फतवा जारी हुआ है उसके मुताबिक अब आगे से इस तरीके की कोई कवायद उनकी ओर से नहीं की जाएगी. मेरा मकसद किसी को भी ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं. मैं उस दिन गुरुद्वारा भी गई थी और भविष्य में चर्च भी जाऊंगी. नसीम सोलंकी ने कहा कि, मंदिर के अंदर मैंने कोई पूजा नहीं की. कार्यकर्ताओं ने कहा था, दीपावली है तो उनको बधाई के देने के स्वरूप में दीये जला दिए थे. नसीम सोलंकी ने कहा, उनके घर पर ना तो दो सालों से दीपावली मनाई गई है, ना ही ईद मनाई गई. उन्होंने यह भी साफ तौर से कहा यह कोई राजनीतिक मामला नहीं था , जिसे इतना तूल दिया जा रहा है.
पढ़िए कौन हैं नसीम सोलंकी : नसीम सोलंकी इरफान सोलंकी की पत्नी हैं. वह पूर्व विधायक हाजी मुश्ताक सोलंकी की बहू हैं. साल 2022 में जाजमऊ आगजनी केस में इरफान को 7 साल की जेल हो गई थी. इसके बाद यह सीट खाली हो गई. इसके बाद नसीम ने ही पूरा घर संभाला. वह घरेलू महिला हैं. सोलंकी परिवार मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव का भी करीबी माना जाता है.
सीसामऊ सीट पर परिसीमन के बाद साल 2012 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था. इस सीट से सपा लगाता जीत दर्ज करती चली आ रही है. यहां ढाई लाख से ज्यादा मतदाताओं में करीब एक लाख मुस्लिम वोटर हैं. इससे अलावा अनुसूचित जाति और ब्राह्मण वोटरों की संख्या लगभग 50-50 हजार है.
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