नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक मामले में आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 नवंबर तक बढ़ा दी है. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी ने कहा कि संसद में फेंके गए केन और डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक रिपोर्ट मिल गई है. सोमवार को मामले के आरोपी महेश कुमावत की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से आंशिक दलीलें पेश की गई. याचिका पर अगली सुनवाई 19 नवंबर को की जाएगी.
इससे पहले कोर्ट ने 11 सितंबर को मामले में आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. आरोपी दो साल से इसकी योजना बना रहे थे. आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे और उन्होंने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट पर कोर्ट ने तीन अगस्त को संज्ञान में लिया था.
यह है मामला: बता दें कि 13 दिसंबर, 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. इसके कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा था. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई थी. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने आरोपियों को पकड़ लिया था और उनकी पिटाई कर दी थी. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया था. वहीं संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए थे, जो नारेबाजी करते हुए पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.
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