नई दिल्ली : पंद्रह राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले, कांग्रेस के भीतर संसद के ऊपरी सदन में जगह बनाने के लिए खींचतान शुरू हो गई है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस लगभग 9 सीटें जीतने की स्थिति में है, जिसमें कर्नाटक से 3, तेलंगाना से 2 और मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र से एक-एक सीट शामिल है, क्योंकि संबंधित राज्यों में सबसे पुरानी पार्टी की संख्यात्मक ताकत है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता इन 9 राज्यसभा सीटों के लिए कतार में हैं, जिनमें एआईसीसी कोषाध्यक्ष अजय माकन, राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा, मौजूदा सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी और ऑल इंडिया प्रोफेशनल के प्रमुख सैयद नसीर हुसैन, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती, सीडब्ल्यूसी सदस्य जितेंद्र सिंह, प्रवक्ता गौरव वल्लभ, एआईसीसी पदाधिकारी के राजू, लोकसभा सदस्य प्रतिभा सिंह और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव शामिल हैं.
इसके अलावा, पार्टी के भीतर अटकलें हैं कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के आलोचक रहे पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को कांग्रेस द्वारा संसद के ऊपरी सदन में भेजा जा सकता है.
माकन जिन्हें हाल ही में एआईसीसी कोषाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद दिया गया था. उनको 2022 में हरियाणा से राज्यसभा के लिए भी नामांकित किया गया था, लेकिन वह भाजपा समर्थित कार्तिकेय शर्मा से एक वोट से हार गए थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले माकन को संसद के ऊपरी सदन के लिए नामांकन मिलने की पूरी संभावना है.
ऐसा ही मामला राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा का है, जिनकी 2022 में 'बस' छूट गई थी और बाद में उन्होंने टिप्पणी की कि शायद उनकी 'तपस्या' में कुछ कमी थी. खेड़ा लगातार मोदी सरकार और बीजेपी पर हमलावर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की कई लड़ाइयों में पार्टी के योद्धा रहे अभिषेक मनु सिंघवी का मामला सीडब्ल्यूसी सदस्य के कानूनी और राजनीतिक कौशल और महत्व को देखते हुए मजबूत है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी से मौजूदा लोकसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह राज्यसभा में जाना चाहती हैं ताकि उनके बेटे और राज्य मंत्री विक्रमादित्य सिंह पारिवारिक गढ़ मंडी से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकें. 13 राज्यों के 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, जबकि दो राज्यों के शेष छह सदस्य 3 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
जिन राज्यों में राज्यसभा चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश (10), महाराष्ट्र (6), बिहार (6), पश्चिम बंगाल (5), मध्य प्रदेश (5), गुजरात (4), कर्नाटक (4), आंध्र प्रदेश (3), तेलंगाना (3), राजस्थान (3), ओडिशा (3), उत्तराखंड (1), छत्तीसगढ़ (1), हरियाणा (1), और हिमाचल प्रदेश (1) शामिल हैं. राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक फॉर्मूले के अनुसार विधायकों की एक निश्चित न्यूनतम संख्या की आवश्यकता होती है.
राज्यसभा चुनाव वाले राज्यों में से, कांग्रेस कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में सत्ता में है, जबकि पार्टी हाल ही में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव हार गई है. इससे पहले पार्टी गुजरात में बुरी तरह हार गई थी और पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में उसके कोई विधायक नहीं थे. नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 20 फरवरी है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष जल्द ही नामों पर फैसला करेंगे.'