रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड के नतीजे से इंडिया गठबंधन के दल, खासकर झामुमो और कांग्रेस काफी उत्साहित हैं. पहली नजर में उनका उत्साह स्वभाविक भी लगता है क्योंकि 2019 में महज 02 लोकसभा जीतने वाले गठबंधन को इस बार 05 लोकसभा सीटें मिली हैं. इस नतीजों का दूसरा पक्ष यह है कि राज्य में 2019 से 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद राज्य में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और उनके कैबिनेट के 6 मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्रों में इंडिया गठबंधन उम्मीदवार को बढ़त नहीं दिला सके.
जिस राज्य में अगले छह महीने के अंदर विधानसभा का चुनाव होना है. वहां के दिग्गज सत्ताधारी नेताओं का अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में लचर प्रदर्शन इंडिया गठबंधन के लिए चिंता का विषय जरूर है. हैरत की बात यह है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सत्ताधारी मंत्रियों के पिछड़ने का अंतर 10 हजार से लेकर 67 हजार तक का है. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी अपनी प्रत्याशी जोबा मांझी को बढ़त नहीं दिलवा सके.
सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला विधानसभा में भी भाजपा उम्मीदवार गीता कोड़ा को 01 लाख 18 हजार 773 मत मिलें जबकि इंडिया गठबंधन उम्मीदवार को 98 हजार 488 मत मिले. मुख्यमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से झामुमो के वोटर नलिन सोरेन 20 हजार से अधिक मतों से पिछड़ गए.
आइये! विधानसभावार एक नजर डालें चंपाई सरकार के मंत्रियों पर जिन्हें अपने ही विधानसभा क्षेत्र में मुख्य प्रतिद्वंदी से पीछे हुए
बादल पत्रलेख, कृषि मंत्रीः गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के जरमुंडी विधानसभा सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद सबको थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जरमुंडी विधानसभा के जनप्रतिनिधि, प्रत्याशी और राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की तमाम कोशिशों के बावजूद जरमुंडी में निशिकांत दुबे 1 लाख 07 हजार 082 मत पाकर पहले स्थान पर रहे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप यादव को इस विधानसभा में सिर्फ 62 हजार 684 वोट पा सके. वह भाजपा उम्मीदवार निशिकांत दुबे से 44 हजार 398 मतों से पिछड़ गए.
सत्यानंद भोक्ता, श्रम मंत्रीः चंपाई सोरेन की सरकार में राजद कोटे से एकमात्र मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी लोकसभा चुनाव में कोई खास करिश्मा नहीं कर पाए. जिस विधानसभा सीट चतरा से वह जीतकर विधायक बने हैं. वहां पर लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी, भाजपा उम्मीदवार कालीचरण सिंह से 67 हजार से अधिक मतों से पिछड़ गए. कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी को जहां 76 हजार 022 वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह को 01 लाख 43 हजार 867 मत मिले.
बेबी देवी महतो, महिला एवं बाल विकास मंत्रीः लोकसभा चुनाव 2024 में डुमरी से उपचुनाव जीत कर विधायक और मंत्री बनीं बेबी देवी का अपने विधानसभा सीट पर प्रदर्शन खराब रहा. इसमें झामुमो उम्मीदवार दूसरे नहीं बल्कि तीसरे स्थान पर आ गए. गिरिडीह लोकसभा के अंतर्गत पड़ने वाले डुमरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में JBKSS के जयराम महतो को सबसे ज्यादा 90 हजार 541 मत मिले. साथ ही आजसू के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को 55 हजार 441 मत मिले. इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार मथुरा महतो को महज 52 हजार 193 मत प्राप्त हुए.
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्रीः जमशेपुर लोकसभा क्षेत्र के जमशेदपुर पश्चिम से विधायक बन कर पहले हेमंत और अब चंपाई सरकार में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता की गिनती राज्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता के रूप में होती है. इस लोकसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन अपने विधानसभा क्षेत्र में इंडिया ब्लॉक के झामुमो उम्मीदवार समीर मोहंती के लिए अच्छा नहीं रहा. मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्वाचन वाले क्षेत्र जमशेदपुर वेस्ट में भाजपा उम्मीदवार विद्युत वरण महतो को 1 लाख 33 हजार 172 मत मिले जबकि झामुमो उम्मीदवार समीर मोहंती को महज 77 हजार 474 वोट ही प्राप्त हुए.
मिथिलेश ठाकुर, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रीः झारखंड विधानसभा में गढ़वा का प्रतिनिधित्व करने वाले सूबे के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में पलामू से इंडिया ब्लॉक के राजद उम्मीदवार को भारी मतों से पिछड़ना पड़ा. गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार वीडी राम को जहां 1 लाख 50 हजार 077 वोट मिले. वहीं राजद की ममता भुइयां को 92 हजार 415 मत ही मिल पाए. जिससे वह भाजपा प्रत्याशी से गढ़वा में 57 हजार 662 मतों से पिछड़ गयीं.
बसंत सोरेन, पथ निर्माण मंत्रीः दुमका से विधायक बनकर चंपाई सरकार में कैबिनेट मंत्री बने शिबू सोरेन के छोटे पुत्र बसंत सोरेन अपने क्षेत्र से झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन को बढ़त नहीं दिलवा पाए. दुमका लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीता सोरेन जहां 89 हजार 211 वोट पाने में सफल रहीं, वहीं इंडिया ब्लॉक की ओर से झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन 78 हजार 778 मत ही पा सके.
विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र में भी भाजपा को बढ़त
दुमका लोकसभा क्षेत्र के नाला से विधायक झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के नाला विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन को बड़ी लीड मिली. सीता सोरेन को जहां 95 हजार 400 वोट मिले. वहीं झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन मात्र 74 हजार 041 मत ही प्राप्त कर सके.
चंपाई सरकार के चार मंत्रियों ने बचाई इंडिया गठबंधन की लाज
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान चंपाई सोरेन केबिनेट में कुछ मंत्री ऐसे जरूर रहें, जिन्होंने अपने अपने गृह विधासभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन को बढ़त दिलवा पाने में कामयाब रहे. राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ के विधानसभा क्षेत्र चाईबासा में झामुमो उम्मीदवार जोबा मांझी को 1 लाख 04 हजार 833 मत मिले जबकि गीता कोड़ा 45 हजार 338 को मत मिल पाया.
इसी तरह राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के निर्वाचन क्षेत्र मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप यादव को 1 लाख 28 हजार 833 मत मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे को 1 लाख 19 हजार 956 वोट ही मिले. यहां कांग्रेस के प्रत्याशी को भाजपा से 8 हजार 877 अधिक मत मिले.
वित्त मंत्री और लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव भी अपने क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार को बढ़त दिलाने में कामयाब रहे. उनके विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को भाजपा पर 27 हजार 254 वोट की बढ़त मिली. यहां कांग्रेस उम्मीदवार सुखदेव भगत को 97 हजार 310 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को 70 हजार 056 वोट मिला.
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ऐसे मंत्री रहे, जिन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पर 78 हजार 786 मतों की बढ़त दिलाई. राजमहल लोकसभा क्षेत्र के पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा को 1 लाख 59 हजार 343 वोट मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार ताला मरांडी इस विधानसभा से सिर्फ 80 हजार 557 वोट ही पा सके.
चंपाई सरकार की साख जनता के बीच गिर गयी है- प्रदेश भाजपा
लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो और कई मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र में इंडिया दलों के उम्मीदवारों के पिछड़ जाने पर झारखंड भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिव पूजन पाठक ने कहा कि जनता के बीच वर्तमान सरकार की साख गिर गयी है. राज्य में जब चार महीने बाद विधानसभा चुनाव होंगे तब जनता उन्हें राज्य की सत्ता से बेदखल कर देगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 50 विधानसभा सीटों पर भाजपा आगे रही है.
हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा, लोकसभा के परिणाम से विधानसभा का आकलन नहीं कर सकते- कांग्रेस
राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के साथ-साथ कई मंत्रियों के अपने क्षेत्र में पिछड़ जाने को लेकर झारखंड कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा को ज्यादा खुश होने की जगह 2019 के लोकसभा चुनाव को याद करना चाहिए तब 55 विधानसभा सीटों पर भाजपा आगे रही थी. इस बीच जब छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव हुए तो वह 25 पर आ गयी थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है.
देशभर में 12 केंद्रीय मंत्री की हार हुई है- झामुमो
लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, छह मंत्री और स्पीकर के अपने-अपने विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन उम्मीदवार को बढ़त नहीं दिला सकने पर भाजपा के तंज का जवाब जेएमएम ने दिया है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि यह अपने-अपने नजरिये का फर्क है. देश में 12 केंद्रीय मंत्री हारे हैं. झामुमो नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा जाता है. जब विधानसभा चुनाव में लोकल मुद्दे उठेंगे तो भाजपा की करारी हार होगी.
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