रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है. चुनाव आयोग की तैयारी के अनुसार अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक चुनाव की घोषणा होने की संभावना है. इस बार का विधानसभा चुनाव 2019 के विधानसभा चुनाव से अलग होगा. बीजेपी 2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त की गई गलती से सीख लेते हुए एनडीए के बैनर तले सभी सहयोगी दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. इधर सत्तारूढ़ झामुमो, कांग्रेस और राजद ने इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में सीधा मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच होने के आसार हैं.
चुनावी समर में उतरेंगे कई राजनीतिक महारथी
विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कई राजनीतिक महारथी किस्मत आजमाते नजर आने वाले हैं. जिसमें कई पूर्व से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री शामिल हैं. इसके अलावा वर्तमान सरकार के कैबिनेट मंत्री, स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक जैसे पद पर रहने वाले राजनेता चुनावी समर में उतरने वाले हैं. राजनीतिक विश्लेषक और सामाजिक कार्यकर्ता अमरनाथ झा कहते हैं कि ये तमाम नेता जहां से भी चुनाव लड़ेंगे अपने आप में हॉट सीट हो जाएगा, क्योंकि झारखंड की राजनीति में इनकी पहचान किसी ना किसी रूप से है. जाहिर तौर पर इनके चुनावी विधानसभा क्षेत्र पर देश दुनिया की नजर रहेगी. हेमंत सरकार के कैबिनेट मंत्री बन्ना गुप्ता, दीपिका सिंह पांडे, इरफान अंसारी, बेबी देवी जैसे बड़े नेता चुनाव में ताल ठोकते नजर आएंगे.
आखिर टॉप 10 सीटों पर क्यों रहेगा आकर्षण
अन्य चुनाव की तरह झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी. आखिर इसके पीछे क्या वजह है इसे हम विस्तार से बताते हैं. सबसे पहले शुरुआत करते हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा सीट से जहां इस बार भी उनके चुनाव लड़ने की संभावना है. पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट से चुनाव लड़कर दोनों जगहों से जीत हासिल की थी. संवैधानिक बाध्यता के कारण उन्हें एक सीट छोड़नी पड़ी और उन्होंने दुमका को छोड़ा और बरहेट के विधायक बने रहे.
बरहेट झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहा है. यहां से बीजेपी कभी भी नहीं जीत पाई है, ऐसे में हेमंत सोरेन के लिए सबसे सुरक्षित सीट है. 2019 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से 53.49% यानी 73725 वोट लाकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. 2014 में भी हेमंत सोरेन ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी. जाहिर तौर पर हैट्रिक लगाने हेमंत सोरेन इस सीट से चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं.
गांडेय से कल्पना सोरेन लड़ सकती हैं चुनाव
गांडेय विधानसभा उपचुनाव के जरिए राजनीति में एंट्री मारने वाली कल्पना सोरेन ने तेजी से जनता के बीच अपने पति हेमंत सोरेन के सानिध्य में स्थान बनाने में सफल हो रही हैं. गांडेय सीट पर जेएमएम की पकड़ है, जिसके पीछे राजनीतिक सामाजिक समीकरण हैं. यही वजह है कि एक बार फिर कल्पना सोरेन चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं.
रबींद्रनाथ महतो नाला से लड़ेंगे चुनाव
स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो नाला विधानसभा चुनाव क्षेत्र से किस्मत आजमाते रहे हैं. झामुमो के वरिष्ठ नेता होने का लाभ उन्हें इस बार स्पीकर जैसे पद के रूप में मिला है. नाला विधानसभा सीट से 2005, 2014 और 2019 में रबींद्र नाथ महतो जीत चुके हैं. ऐसे में एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में रबींद्रनाथ महतो हैं.
चंदनकियारी से अमर कुमार बाउरी मैदान में उतरेंगे
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी से 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. हालांकि 2014 में अमर कुमार बाउरी ने झारखंड विकास मोर्चा और 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था. यहां एनडीए के सहयोगी आजसू का खास पकड़ रहा है. जिसका फायदा अमर कुमार बाउरी को इस सीट से टिकट मिलने पर चुनाव में मिलेगा.
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से सरयू राय कर रहे तैयारी
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव जीतते रहे हैं. 2005, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में हैट्रिक लगाकर 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अपनों से ही शिकस्त खानी पड़ी और इस चुनाव में बतौर निर्दलीय सरयू राय ने इस सीट पर जीत हासिल की. सरयू राय जमशेदपुर पश्चिम सीट से इससे पहले चुनाव जीतते रहे हैं मगर 2019 के चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से ही चुनाव लड़ना उचित समझा और वे सफल भी हुए. 2024 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी से एक बार फिर चुनाव लड़ने की तैयारी सरयू राय ने की है उन्होंने कुछ दिन पूर्व जदयू का दामन थामा है. ऐसे में यह सीट एनडीए के फोल्डर में जदयू के पास जाने की संभावना है.
सरायकेला से चंपाई सोरेन की तैयारी
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की करें तो हाल ही में जेएमएम से नाराज होकर भाजपा में वे शामिल हुए हैं. इस बार भाजपा के टिकट पर सरायकेला से वे चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं. चंपाई सोरेन 2005 से 2019 तक यहां से जेएमएम के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं. क्षेत्र में अलग पहचान होने की वजह से उन्हें लगातार चार विधानसभा चुनाव में सफलता मिलती रही है. ऐसे में एक बार फिर वे चुनाव मैदान में इस विधानसभा क्षेत्र से उतरने वाले हैं. पिछले चुनावों से इस बार के चुनाव में अंतर यही है कि इस बार सरायकेला में कमल खिलाने वे उतरेंगे.
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