नई दिल्ली: पुलिस ने सोमवार को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर अपने मृत भाई के नाम पर पिछले साल 200 से अधिक उड़ानें बुक कीं. इतना ही नहीं उसने अपने सह-यात्रियों के केबिन बैगेज से करोड़ों रुपये की ज्वेलरी और नकदी भी चुरा ली और उन्हें पश्चिमी दिल्ली में एक जौहरी को बेच दिया.
पुलिस ने बताया कि आरोपी राजेश कपूर ने 110 दिनों में 200 से अधिक यात्राएं कीं. इसमें चंडीगढ़ और हैदराबाद जैसे शहरों की यात्राएं भी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक वह घटना को अंजाम देने के दिल्ली से राउंड ट्रिप फ्लाइट लेता और वरिष्ठ नागरिकों को टारगेट किया.
दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा) उषा रंगनानी ने कहा, आरोप ने अव्यवस्थित बोर्डिंग प्रक्रिया का फायदा उठाता और ओवरहेड बैगेज बिन को खंगालता, जैसे ही यात्री अपनी सीटों पर बैठते, वह खुले बैग से कीमती सामान चुरा लेता. इतना ही नहीं एयरलाइंस और कानून प्रवर्तन को चकमा देने के लिए राजेश अपने मृतक भाई ऋषि कपूर के नाम से टिकट बुक करता था. ऋषि की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी.
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
आरोपी उस समय पुलिस के हत्थे चढ़ा जब दो यात्रियों ने अपने केबिन बैगेज से लाखों के आभूषण गायब होने की सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस कपूर की तलाश में जुट गई. उसके खिलाफ पहली शिकायत इस साल 2 फरवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के निवासी वरिंदरजीत सिंह ने दर्ज करवाई थी, जो अमृतसर से एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली गए थे, जहां उन्हें जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट में चढ़ना था. सिंह ने पुलिस को बताया कि दिल्ली की यात्रा के दौरान उनके बैग से 20 लाख रुपये की ज्वेलरी चोरी हो गई.
दूसरा केस 11 अप्रैल को दर्ज किया गया था, जब हैदराबाद से दिल्ली जा रही सुधारानी पथुरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक कनेक्टिंग फ्लाइट में सवार होना था. दिल्ली पहुंचने पर उनके बैग से 7 लाख रुपये के आभूषण गायब थे.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दिल्ली, अमृतसर और हैदराबाद के हवाई अड्डों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एयर इंडिया के अधिकारियों की मदद ली. इस दौरान उन्हें एक व्यक्ति दिखाई दिया, जिसने संबंधित दोनों उड़ानों में यात्रा की थी.
गेस्ट हाउस चलाता था आरोपी
इसके बाद जांचकर्ताओं ने जांच शुरू की और पाया कि राजेश ने जिस फोन नंबर का इस्तेमाल करके टिकट बुक किया था जो उसका नंबर नहीं था. इस बीच पुलिस ने कपूर की तलाश शुरू कर दी और उसे दिल्ली के पहाड़गंज से गिरफ्तार कर लिया. वह रिकी डीलक्स नाम से एक गेस्ट हाउस चलाता था और चार मंजिला इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर अपने परिवार के साथ रहता था.
पुलिस आयुक्त रंगनानी ने कहा कि कपूर से पूछताछ से पता चला कि वह इन दो मामलों के अलावा, वह पिछले चार महीनों में तीन अन्य चोरियों में भी शामिल था. इनमें से दो मामले में 62.5 लाख के आभूषण चोरी हुए थे. यह दो के आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे, जबकि पांचवां मामला हैदराबाद में दर्ज किया गया था.
पहले ट्रेन में करता था चोरी
इसके बाद आरोपी पुलिस को जौहरी शरद जैन तक ले गया, जो पश्चिमी दिल्ली के रेघरपुरा में एक दुकान चलाता है. जैन कथित तौर पर एक साल से ज्यादा समय से कपूर से चोरी का सामान खरीद रहा है. उसने चोरी की गई ज्वेलरी को पिघलाकर, उनका उपयोग दूसरे आभूषण बनाने के लिए किया. पुलिस के अनुसार, कपूर कथित तौर पर लगभग 20 साल से चारी कर रहा है. इससे पहले वह ट्रेनों में यात्रियों को लूटता था.
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