कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2024) के दूसरे सेशन की परीक्षा 4 अप्रैल से शुरू हुई है. इस परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने के 9 मामले पहले दिन सामने आए हैं. वहीं, एक डमी कैंडिडेट को भी सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा है. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एनटीए व जेईईमेन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एजेंसी ने तुरंत प्रभाव से इस तरह की घटनाओं को सार्वजनिक तौर पर उजागर किया है. इसमें पहली बार नकल करने के मामले और डमी कैंडीडेट्स की सूचना सार्वजनिक की गई है.
इस संबंध में जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार देव शर्मा ने अन्य विद्यार्थियों को सलाह दी है कि वह इस तरह की गलती ना करें. साथ ही यह भी साफ किया है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स (AI) इजाद किया है. इसके जरिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक से वे डमी कैंडिडेट को पकड़ रहे हैं. आपको बता दें कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम में 12 अप्रैल तक दूसरे सेशन की परीक्षा होनी है. इस परीक्षा में करीब 12 लाख विद्यार्थी रजिस्टर्ड हैं. यह परीक्षा 290 शहरों के 495 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है.
एआई तकनीक का इस्तेमाल : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से बताया गया कि एडमिट कार्ड के फोटो और स्टूडेंट का एंट्री के दौरान ली जाने वाली फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से मिलाया जाता है. अगर इसमें कुछ अंतर आता है तो बच्चों से पूछताछ की जाती है. इस तकनीक के इस्तेमाल से डमी कैंडिडेट का खुलासा हो जाता है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा के संचालन और निगरानी के लिए दिल्ली में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है. इसके जरिए देश भर के परीक्षा केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की मॉनिटरिंग की जाती है. इसके अलावा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अधिकारी, पर्यवेक्षक, वर्चुअल पर्यवेक्षक और फ्लाइंग स्क्वाड भी परीक्षा की निगरानी बनाए हुए हैं. वहीं, परीक्षा केद्रों पर बायोमेट्रिक, तलाशी, सीसीटीवी और 5G जैमर भी स्थापित किए गए हैं.
धूप में केंद्र के बाहर खड़ा होना चुनौती : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह परीक्षा सुबह और शाम दो पारियों में आयोजित करवा रही है. इसमें दूसरी पारी की परीक्षा 3 बजे से 6 बजे तक आयोजित होती है. इसके लिए परीक्षार्थियों को 1 बजकर 20 मिनट से प्रवेश दिया जाता है. 2:30 बजे तक विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है. वर्तमान में गर्मी होने के कारण परीक्षा केंद्रों के बाहर परीक्षार्थियों की लंबी कतारें रहती हैं. धूप में ही पूरी सुरक्षा जांच करवाने के लिए छात्र खड़े रहते हैं. यह परीक्षार्थियों के लिए चुनौती बना हुआ है.