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जम्मू कश्मीर में जल्द ही शुरू होगा RTI पोर्टल, स्मार्टफोन-लैपटॉप से दायर हो सकेगी एप्लीकेशन

जम्मू-कश्मीर सरकार जल्द ही आरटीआई दाखिल करने सूचना का अधिकार पोर्टल शुरू करेगी. पोर्टल का कस्टमाइजेशन पूरा हो चुका है.

जम्मू कश्मीर में जल्द ही शुरू होगा RTI पोर्टल
जम्मू कश्मीर में जल्द ही शुरू होगा RTI पोर्टल (प्रतिकात्मक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार जल्द ही आरटीआई दाखिल करने का आसान और सुविधाजनक मैथड के लिए सूचना का अधिकार पोर्टल शुरू करेगी. इसे एक्टिविस्ट और आम लोगों ने बहुत देर से लिया गया लेकिन स्वागत योग्य निर्णय बताया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पोर्टल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र तैयार कर लिया गया है. फिलहाल इसका परीक्षण चल रहा है.

इस संबंध में सूत्रों ने ईटीवी भारत से कहा, "राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC)ने जम्मू कश्मीर सरकार के लिए आरटीआई पोर्टल का कस्टमाइजेशन पूरा कर लिया है. इस पोर्टल जल्द ही लॉन्च किया जाएगा." अधिकारियों ने बताया कि एनआईसी ने इस साल अगस्त में विभिन्न विभागों के आरटीआई पोर्टल के सभी नोडल अधिकारियों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग सेशन आयोजित किया था.

उन्होंने कहा, "सभी नोडल अधिकारियों को अब आरटीआई, जम्मू-कश्मीर पोर्टल पर सफलतापूर्वक शामिल कर लिया गया है. इन नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है और वे अपने विभागों में सीपीआईओ के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए जिम्मेदार मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे."

पोर्टल में सुविधाजनक फीचर्स
ट्रेनिंग सेशन में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि पोर्टल में सुविधाजनक फीचर्स हैं और एप्लीकेंट अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप से आरटीआई दाखिल कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि पोर्टल की साइट अभी तक NICNET के एक्सेस तक ही सीमित है और इसे औपचारिक लॉन्च के तुरंत बाद सार्वजनिक डोमेन में लाइव कर दिया जाएगा.

आरटीआई कार्यकर्ताओं फैसले का किया स्वागत
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आरटीआई पोर्टल शुरू करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. आरटीआई कार्यकर्ता एमएम शुजा ने ईटीवी भारत को बताया, "पोर्टल का निर्माण लंबे समय से हमारी मांग थी. पोर्टल हमारा समय बचाएगा, क्योंकि हम घर से या अपने स्मार्टफोन पर आवेदन दाखिल कर सकते हैं. पहले आवेदकों को आवेदन जमा करने या डाक के माध्यम से भेजने के लिए कार्यालयों में जाना पड़ता था." वहीं, युवा वकील और आरटीआई कार्यकर्ता नवीद बुख्तियार ने कहा कि सरकार की ओर से यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह बहुत देर से उठाया गया है.

उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में अपग्रेड करने से पहले राज्य का अपना आरटीआई अधिनियम था, लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग ने जून 2020 में जम्मू कश्मीर सरकार से आम जनता के लिए ऑनलाइन आरटीआई आवेदन और प्रथम अपील दायर करने की सुविधा के लिए एक आरटीआई पोर्टल बनाने को कहा था.

अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में, भारत सरकार के कार्मिक विभाग ने सुझाव दिया था कि जम्मू कश्मीर के आवेदक भारत सरकार के आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल का एक सेक्शन रख सकते हैं. हालांकि, बाद में, भारत सरकार ने एक अलग ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2024: क्या होते हैं एग्जिट पोल? कब किए जाते हैं जारी?

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार जल्द ही आरटीआई दाखिल करने का आसान और सुविधाजनक मैथड के लिए सूचना का अधिकार पोर्टल शुरू करेगी. इसे एक्टिविस्ट और आम लोगों ने बहुत देर से लिया गया लेकिन स्वागत योग्य निर्णय बताया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पोर्टल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र तैयार कर लिया गया है. फिलहाल इसका परीक्षण चल रहा है.

इस संबंध में सूत्रों ने ईटीवी भारत से कहा, "राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC)ने जम्मू कश्मीर सरकार के लिए आरटीआई पोर्टल का कस्टमाइजेशन पूरा कर लिया है. इस पोर्टल जल्द ही लॉन्च किया जाएगा." अधिकारियों ने बताया कि एनआईसी ने इस साल अगस्त में विभिन्न विभागों के आरटीआई पोर्टल के सभी नोडल अधिकारियों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग सेशन आयोजित किया था.

उन्होंने कहा, "सभी नोडल अधिकारियों को अब आरटीआई, जम्मू-कश्मीर पोर्टल पर सफलतापूर्वक शामिल कर लिया गया है. इन नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है और वे अपने विभागों में सीपीआईओ के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए जिम्मेदार मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे."

पोर्टल में सुविधाजनक फीचर्स
ट्रेनिंग सेशन में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि पोर्टल में सुविधाजनक फीचर्स हैं और एप्लीकेंट अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप से आरटीआई दाखिल कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि पोर्टल की साइट अभी तक NICNET के एक्सेस तक ही सीमित है और इसे औपचारिक लॉन्च के तुरंत बाद सार्वजनिक डोमेन में लाइव कर दिया जाएगा.

आरटीआई कार्यकर्ताओं फैसले का किया स्वागत
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आरटीआई पोर्टल शुरू करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. आरटीआई कार्यकर्ता एमएम शुजा ने ईटीवी भारत को बताया, "पोर्टल का निर्माण लंबे समय से हमारी मांग थी. पोर्टल हमारा समय बचाएगा, क्योंकि हम घर से या अपने स्मार्टफोन पर आवेदन दाखिल कर सकते हैं. पहले आवेदकों को आवेदन जमा करने या डाक के माध्यम से भेजने के लिए कार्यालयों में जाना पड़ता था." वहीं, युवा वकील और आरटीआई कार्यकर्ता नवीद बुख्तियार ने कहा कि सरकार की ओर से यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह बहुत देर से उठाया गया है.

उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में अपग्रेड करने से पहले राज्य का अपना आरटीआई अधिनियम था, लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग ने जून 2020 में जम्मू कश्मीर सरकार से आम जनता के लिए ऑनलाइन आरटीआई आवेदन और प्रथम अपील दायर करने की सुविधा के लिए एक आरटीआई पोर्टल बनाने को कहा था.

अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में, भारत सरकार के कार्मिक विभाग ने सुझाव दिया था कि जम्मू कश्मीर के आवेदक भारत सरकार के आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल का एक सेक्शन रख सकते हैं. हालांकि, बाद में, भारत सरकार ने एक अलग ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने का निर्देश दिया.

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