श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 9 जून को शिव खोड़ी से कटरा जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकवादी हमले के मामले को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने आतंकवादी के एक सहयोगी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने हमलावरों को गाइड के रूप में मदद किया. यही नहीं उन्हें आश्रय प्रदान किया था.
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान हकम दीन के रूप में हुई है. वह राजौरी के बंधराही का निवासी है. रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हकम दीन ने जंगली इलाकों से आतंकवादियों को हमले वाली जगह तक पहुंचाया और वापस लाया. इस हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल थे, लेकिन पुलिस के पास इस घटना के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी.
शर्मा ने बताया, 'नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह और भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के कारण सामान्य अलर्ट था, लेकिन इस हमले के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी.' यह मामला आईपीसी की धारा 302 और 307, आर्म्स एक्ट की धारा 727 और यूएपीए की धारा 16, 18 और 20 के तहत दर्ज किया गया है. एसएसपी शर्मा ने खुलासा किया कि हमले से पहले आतंकवादी बांद्राही में हाकम दीन के घर पर रुके थे, जहां उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान किया गया था.
पिछले 10 दिनों में रियासी पुलिस ने विभिन्न सूचनाओं और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस मामले के सिलसिले में लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया है. शर्मा ने बताया कि हकम दीन से 6,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं. माना जाता है कि यह धन राशि उसे आतंकवादियों ने मुहैया कराया था, लेकिन कोई हथियार या गोला-बारूद नहीं मिला.
एक प्रश्न के उत्तर में शर्मा ने कहा कि जांच जारी है, लेकिन तीनों आतंकवादी तीन मौकों पर हकम दीन के घर पर रुके थे. एसएसपी शर्मा ने कहा, 'इस क्षेत्र में सड़क खोलने वाली कोई पार्टी तैनात नहीं की गई थी, जिससे तीर्थयात्रियों पर दुर्भाग्यपूर्ण हमला हो गया. इसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तीर्थयात्रा पहले की तरह जारी रखें.