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लंबे समय बाद कश्मीर में फिर हुई पत्थरबाजी, प्रशासन चिंतित, एक्शन की तैयारी - Stone pelting in Kashmir - STONE PELTING IN KASHMIR

जम्मू कश्मीर में लंबे समय बाद पत्थरबाजी की घटना हुई है. वैसे, जब से अनुच्छेद 370 की समाप्ति हुई है, तब से पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं, बल्कि प्रशासन का दावा है कि यह खत्म हो चुकी है. लेकिन शुक्रवार को बारामूला में जो नजारा देखने को मिला, उसे देखकर प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं. क्या थी पत्थरबाजी की वजह, जानने के लिए पढ़ें ईटीवी भारत संवाददाता मीर फरहत की रिपोर्ट.

Protests in Baramulla
बारामूला में विरोध प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 19, 2024, 7:21 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में पानी की किल्लत को लेकर पत्थरबाजी की गई. पानी की कमी के विरोध में प्रदर्शनकारियों पर जब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, तो जवाब में कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. पत्थरबाजी की इस घटना से हर कोई हैरान है.

बारामूला के पट्टन क्षेत्र में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुआ था. इसकी वजह से कुछ देर के लिए श्रीनगर-बारामूल हाइवे भी बंद हो गया था. एनएच पर जाम लगने की वजह से ट्रैफिक प्रभावित हो गया. पुलिस चाहती थी कि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे, इसलिए उसने कार्रवाई की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने अश्रू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठी चार्ज भी किया.

भाजपा ने बयान जारी कर कहा कि हमारे मीडिया (कश्मीर) इंचार्ज साजिद युसूफ शाह और सोशल मीडिया इंचार्ज साहिल बशीर भट भी इस हमले में घायल हो गए. वे दोनों यहां से गुजर रहे थे. उनके पीएसओ भी चोटें आई हैं.

इस क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता हामिद राठेर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यहां पर पानी की समस्या लगातार बनी रहती है, लोग सालों से इसका सामना कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने जल जवीन मिशन के तहत भी इस कमी को दूर नहीं कर सका. यहां के जनप्रतिनिधि भी कुछ नहीं कर सके.

पत्थर चलने के बाद डीएम और एसएसपी ने प्रभावित गांव का दौरा किया. उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे. बारामूला के एसएसपी अमोद नागपुरी ने कहा कि लोगों की समस्याएं वास्तविक हैं और अगर वे शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे, तो किसी के खिलाफ भी कोई लीगल एक्शन नहीं लिया जाएगा. एसएसपी ने गांव वालों से अपील की है कि वे शांति भंग न करें.

जिला कलेक्टर मेंगा शेरपा ने भी पानी के संकट को लेकर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा कि यहां पर एक नया वाटर पाइप स्कीम निर्माणाधीन है, एक बार यह पूरा हो जाएगा, तो पानी की कमी दूर हो जाएगी और जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है, हम टैंकर से पानी भेजते रहेंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन देखकर हर कोई हैरान है, क्योंकि आम तौर पर लोग अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद किसी भी मुद्दे पर खामोशी बरतना पसंद करते हैं. इमरान अंसारी ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर चिंता प्रकट की है. वह पट्टन विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. वह सज्जाद लोन की पार्टी से आते हैं.

ये भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर: कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में पानी की किल्लत को लेकर पत्थरबाजी की गई. पानी की कमी के विरोध में प्रदर्शनकारियों पर जब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, तो जवाब में कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. पत्थरबाजी की इस घटना से हर कोई हैरान है.

बारामूला के पट्टन क्षेत्र में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुआ था. इसकी वजह से कुछ देर के लिए श्रीनगर-बारामूल हाइवे भी बंद हो गया था. एनएच पर जाम लगने की वजह से ट्रैफिक प्रभावित हो गया. पुलिस चाहती थी कि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे, इसलिए उसने कार्रवाई की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने अश्रू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठी चार्ज भी किया.

भाजपा ने बयान जारी कर कहा कि हमारे मीडिया (कश्मीर) इंचार्ज साजिद युसूफ शाह और सोशल मीडिया इंचार्ज साहिल बशीर भट भी इस हमले में घायल हो गए. वे दोनों यहां से गुजर रहे थे. उनके पीएसओ भी चोटें आई हैं.

इस क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता हामिद राठेर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यहां पर पानी की समस्या लगातार बनी रहती है, लोग सालों से इसका सामना कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने जल जवीन मिशन के तहत भी इस कमी को दूर नहीं कर सका. यहां के जनप्रतिनिधि भी कुछ नहीं कर सके.

पत्थर चलने के बाद डीएम और एसएसपी ने प्रभावित गांव का दौरा किया. उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे. बारामूला के एसएसपी अमोद नागपुरी ने कहा कि लोगों की समस्याएं वास्तविक हैं और अगर वे शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे, तो किसी के खिलाफ भी कोई लीगल एक्शन नहीं लिया जाएगा. एसएसपी ने गांव वालों से अपील की है कि वे शांति भंग न करें.

जिला कलेक्टर मेंगा शेरपा ने भी पानी के संकट को लेकर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा कि यहां पर एक नया वाटर पाइप स्कीम निर्माणाधीन है, एक बार यह पूरा हो जाएगा, तो पानी की कमी दूर हो जाएगी और जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है, हम टैंकर से पानी भेजते रहेंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन देखकर हर कोई हैरान है, क्योंकि आम तौर पर लोग अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद किसी भी मुद्दे पर खामोशी बरतना पसंद करते हैं. इमरान अंसारी ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर चिंता प्रकट की है. वह पट्टन विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. वह सज्जाद लोन की पार्टी से आते हैं.

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