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जयशंकर ने लाओस के पीएम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया - Jaishankar Laos Visit

Jaishankar raised issue smuggling of Indian citizens Laos: विदेश मंत्री आसियान की बैठक में भाग लेने के लिए लाओस की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने लाओस के पीएम सोनेक्साय सिफांडोन से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया.

EAM Jaishankar
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 27, 2024, 1:14 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने शनिवार को लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्साय सिफांडोन के समक्ष साइबर घोटाला केंद्रों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया. उन्होंने आज आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक के अवसर पर लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की.

जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'लाओस के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मैंने साइबर स्कैम सेंटरों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया. हमारे नागरिकों के बचाव और राहत में लाओस सरकार के चल रहे सहयोग की सराहना करता हूं. कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों के साथ भी इस मामले पर चर्चा की.'

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं. नेताओं ने रक्षा, विरासत संरक्षण, ऊर्जा, डिजिटल और क्षमता निर्माण में विकास साझेदारी और सहयोग पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा, 'हमारे घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं.' कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने कंबोडियाई अधिकारियों के साथ मिलकर साइबर क्राइम घोटाले में फंसे 14 भारतीय नागरिकों को रिहा करवाया है.

कंबोडियाई पक्ष उनकी देखभाल कर रहा है. दूतावास उनकी शीघ्र घर वापसी के लिए काम कर रहा है और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. एक प्रेस वक्तव्य के अनुसार नोम पेन्ह स्थित भारतीय दूतावास कंबोडिया में धोखाधड़ी वाले नौकरी प्रस्तावों से भारतीय नागरिकों को सक्रिय रूप से बचा रहा है. ये उन्हें साइबर अपराध में फंसा देते हैं.

कंबोडियाई अधिकारियों के साथ घनिष्ठ सहयोग से दूतावास ने 650 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाने और वापस लाने में सहायता की है, जो इन धोखाधड़ी के शिकार हो गए थे. हाल ही में दूतावास ने कम्बोडियाई पुलिस को विशिष्ट सुराग उपलब्ध कराए. इसके परिणामस्वरूप 14 अतिरिक्त भारतीय पीड़ितों को बचाया जा सका.

वर्तमान में इन व्यक्तियों की देखभाल कंबोडिया के सामाजिक मामलों, भूतपूर्व सैनिकों और युवा पुनर्वास मंत्रालय के समन्वय में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन द्वारा की जा रही है. भारतीय दूतावास कम्बोडियाई अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है तथा बचाए गए 14 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित एवं समय पर भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने का अनुरोध कर रहा है.

दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है तथा कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय नागरिकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे देश में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के संबंध में अत्यधिक सावधानी बरतें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दूतावास को दें.

ये भी पढ़ें- आसियान बैठक से पहले जयशंकर के साथ असम सीएम की बैठक क्यों महत्वपूर्ण है?

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने शनिवार को लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्साय सिफांडोन के समक्ष साइबर घोटाला केंद्रों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया. उन्होंने आज आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक के अवसर पर लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की.

जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'लाओस के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मैंने साइबर स्कैम सेंटरों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की तस्करी का मुद्दा उठाया. हमारे नागरिकों के बचाव और राहत में लाओस सरकार के चल रहे सहयोग की सराहना करता हूं. कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों के साथ भी इस मामले पर चर्चा की.'

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं. नेताओं ने रक्षा, विरासत संरक्षण, ऊर्जा, डिजिटल और क्षमता निर्माण में विकास साझेदारी और सहयोग पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा, 'हमारे घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं.' कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने कंबोडियाई अधिकारियों के साथ मिलकर साइबर क्राइम घोटाले में फंसे 14 भारतीय नागरिकों को रिहा करवाया है.

कंबोडियाई पक्ष उनकी देखभाल कर रहा है. दूतावास उनकी शीघ्र घर वापसी के लिए काम कर रहा है और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. एक प्रेस वक्तव्य के अनुसार नोम पेन्ह स्थित भारतीय दूतावास कंबोडिया में धोखाधड़ी वाले नौकरी प्रस्तावों से भारतीय नागरिकों को सक्रिय रूप से बचा रहा है. ये उन्हें साइबर अपराध में फंसा देते हैं.

कंबोडियाई अधिकारियों के साथ घनिष्ठ सहयोग से दूतावास ने 650 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाने और वापस लाने में सहायता की है, जो इन धोखाधड़ी के शिकार हो गए थे. हाल ही में दूतावास ने कम्बोडियाई पुलिस को विशिष्ट सुराग उपलब्ध कराए. इसके परिणामस्वरूप 14 अतिरिक्त भारतीय पीड़ितों को बचाया जा सका.

वर्तमान में इन व्यक्तियों की देखभाल कंबोडिया के सामाजिक मामलों, भूतपूर्व सैनिकों और युवा पुनर्वास मंत्रालय के समन्वय में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन द्वारा की जा रही है. भारतीय दूतावास कम्बोडियाई अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में है तथा बचाए गए 14 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित एवं समय पर भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने का अनुरोध कर रहा है.

दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है तथा कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय नागरिकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे देश में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के संबंध में अत्यधिक सावधानी बरतें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दूतावास को दें.

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