देहरादून: सहारनपुर से लेकर साउथ अफ्रीका तक जिनके नाम का डंका बजाता था, वह गुप्ता बंधु इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में हैं. शायद ही लोगों ने कभी ऐसा सोचा होगा कि करोड़ों रुपए के हेलीकॉप्टर में चलने और लग्जरी लाइफ जीने वाले गुप्ता बंधुओं का यह हाल होगा.
गुप्ता बंधुओं पर फेंकी काली स्याही: खुद गुप्ता बंधुओं ने नहीं सोचा होगा कि कोई उनके ऊपर काली स्याही फेंक कर अपना विरोध जताएंगे. यह वही गुप्ता बंधु हैं, जिनको कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया और भारी सुरक्षा भी मुहैया कराई गई. लेकिन अब इन लोगों को बिल्डर आत्महत्या मामले में जेल और कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
कोर्ट में पेशी के दौरान नारेबाजी: शनिवार को देहरादून कोर्ट में अनिल गुप्ता और अजय गुप्ता को जब पुलिस लेकर पहुंची, तो वहां पर खड़े स्वराज दल के तमाम कार्यकर्ताओं ने पहले तो गुप्ता बंधु को देखकर खूब नारेबाजी की. उसके बाद भीड़ में से ही किसी व्यक्ति ने गुप्ता बंधु पर काली स्याही फेंक कर अपना विरोध जताया. जिस वक्त यह सब कुछ हुआ, उस वक्त पुलिस बल भी गुप्ता बंधु के साथ था. राजधानी देहरादून में जब से पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है, तब से वकील हों या राजनीतिक दल इनका भारी विरोध कर रहे हैं.
गुप्ता ब्रदर्स पर दर्ज हुए 6 मामले: पुलिस ने पहले एक मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. लेकिन 31 मई यानी शुक्रवार शाम तक पुलिस ने गुप्ता बंधुओं के खिलाफ छह मामले दर्ज कर लिए हैं. लगातार पुलिस इनसे जुड़े मामलों की जांच पड़ताल कर रही है. पुलिस किसी भी सूरत में इस मामले को हल्का नहीं पड़ने देना चाहती है. यही कारण है कि सहारनपुर हो या देश के अन्य राज्य सभी जगह से मामलों की जानकारी ली जा रही है. देहरादून पुलिस लगातार सहारनपुर पुलिस के साथ संपर्क बनाकर इनसे जुड़े तमाम मामलों की फाइल भी खुलवा रही है.
क्या है मामला: बीती 24 मई को देहरादून में राजपुर थाना क्षेत्र में शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी ने आत्महत्या कर ली थी. साहनी का शव एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के नीचे मिला था. सतेंद्र साहनी के पास एक सुसाइड नोट मिला था जिलमें आत्महत्या के लिए बिजनेसमैन गुप्ता बंधुओं को जिम्मेदार ठहराया गया था. पुलिस ने 25 मई को इस मामले में अजय व अनिल गुप्ता (जीजा-साले) को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
इसके बाद 27 मई को अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता की जमानत याचिका को तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाइस्ता बानो की कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके अगल ही दिन 28 मई को दून पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 385 (जबरन वसूली) और धारा 420 (धोखाधड़ी) की दो धाराएं और बढ़ाईं. इससे पहले दोनों पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इसकी पुष्टि की थी.
30 मई को देहरादून पुलिस छानबीन के लिए गुप्ता बंधुओं के घर पहुंची और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खंगाले, जिनमें सीसीटीवी डीवीआर, लैपटॉप और कुछ मोबाइल फोन शामिल थे. इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जांच के लिए आगे भेजा गया.
वहीं, दून पुलिस की ओर से लॉन्ड्रिंग की आशंका जताते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र भी लिखा गया है, जिसके बाद इस केस में ED की एंट्री भी हो सकती है. इस बीच एसएसपी अजय सिंह की ओर से ये भी बताया गया कि गुप्ता बंधुओं ने बिल्डर साहनी पर दबाव बनाने के लिए सहारनपुर पुलिस को गलत तरीके से शिकायत दी थी. सहारनपुर पुलिस को जो प्रार्थना पत्र दिया गया था उसमें 9 मई की तारीख अंकित थी जबकि पत्र 20 मई को दिया गया था ताकि साहनी पर दबाव बन सके.
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