पलामू: बदलते वक्त के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म समाज में कई तरह के बदलाव ला रहा है. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर कई तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. इस माध्यम से घर बैठे लोग कई जागरूकता अभियान से जुड़ रहे हैं और समाज में बदलाव ला रहे हैं. डिजिटल प्लेटफार्म से मतदाताओं को जागरूक करने के अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हो रहे हैं.
पलामू के इलाके में 16 हजार स्वयं सहायता समूह हैं. इन स्वयं सहायता समूह से करीब ढाई लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं. महिलाओं का अपना सोशल मीडिया अकाउंट भी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सखी दीदी रील्स बना रही हैं और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर रही हैं.
छोटे छोटे वीडियो के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने की पहल
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सखी दीदियां छोटे-छोटे वीडियो बना रही हैं. इन वीडियो के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने का संदेश दिया जा रहा है. अच्छे संदेश वाले वीडियो को पलामू डीसी के सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर भी किया जा रहा है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के डीपीएम शांति मार्डी बताती हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में सखी दीदियां रील्स तैयार कर रही हैं और सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर रही हैं. मतदाताओं को जागरूक करने के लिए रील्स के माध्यम से संदेश दिए जा रहे हैं. सखी दीदी रील्स को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर रही हैं. कई सखी दीदियों के व्यूज हजारों में हैं.
मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की आगे महिलाएं
2024 के लोकसभा चुनाव में पलामू जिला प्रशासन ने वोट का प्रतिशत 80 से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा है. स्वीप के तहत कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की योजना तैयार की गई है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं रील्स बनाने में आगे है. पलामू में सखी दीदियों ने अब तक 1000 से भी अधिक रील्स तैयार किए हैं. सखी दीदी संगीता ने बताया कि लोकतंत्र के इस महापर्व में सब की भागीदारी है, आधी आबादी उनकी है. सभी को जागरूक किया जा रहा है. आज के वक्त में अधिकतर लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट है. अनिता देवी ने बताया कि वे रील्स तैयार कर रही है . लोग रील्स को देखें और जागरूक हो.