नई दिल्ली: केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शहरी क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. अनुमान है कि शहरी क्षेत्र में वार्षिक निवेश 2014 में 68,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018 में 1.30 लाख करोड़ रुपये और 2023 में 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
मंत्री ने कहा कि 'आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के तहत शहरी योजनाओं में अनुमानित निवेश 2004-14 के दौरान 1,78,053 करोड़ रुपये से कई गुना बढ़कर 2014-23 के दौरान 18,07,101 करोड़ रुपये हो गया है. इसमें अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), स्मार्ट सिटीज मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू), स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) और शहरी परिवहन की केंद्र सरकार की शहरी योजनाओं में निवेश शामिल है. जो एक सामान्य नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देता है.'
मंत्री ने कहा कि 'इसके अलावा, 2014-2023 की अवधि के दौरान निजी क्षेत्र द्वारा आवास में निवेश में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है.' राज्यसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर में पुरी ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) लागू कर रहा है. 'सभी के लिए आवास' मिशन 25 जून 2015 से चल रहा है. इसके तहत देश भर में सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर प्रदान किया जाता है.'
उन्होंने कहा कि 'यह योजना लाभार्थी-आधारित निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) सहित चार वर्टिकल के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है.'
उन्होंने कहा कि '29 जनवरी तक, पीएमएवाई-यू के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर मंत्रालय द्वारा कुल 118.63 लाख घरों को मंजूरी दी गई है. जिनमें से 114.00 लाख को ग्राउंड किया जा चुका है और 80.02 लाख को पूरा कर लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है.'
उन्होंने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर, फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति को बदले बिना स्वीकृत सभी घरों को पूरा करने के लिए, योजना के क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना को छोड़कर, मिशन की अवधि 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दी गई है.
2004-14 की अवधि की तुलना में, 2015-24 की अवधि के दौरान आवास परियोजनाओं में कुल निवेश लगभग 21 गुना बढ़कर 38,303 करोड़ रुपये से 8.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसी प्रकार, स्वीकृत कुल केंद्रीय सहायता 2004-14 के दौरान 20,304 करोड़ रुपये से बढ़कर 2015-24 के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो लगभग 10 गुना की वृद्धि दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि 'इसके अलावा, निर्माण के लिए स्वीकृत घरों की कुल संख्या 2004-14 में 13.46 लाख घरों से लगभग 9 गुना बढ़कर 2015-24 के दौरान 118.63 लाख घरों तक पहुंच गई है.'