नई दिल्ली : किर्गिस्तान में विदेशी छात्रों की पिटाई की जा रही है, खासकर पाकिस्तानियों की. पिटाई की मुख्य वजह स्थानीय छात्रों से झगड़ा है. हालांकि, लोकल स्टूडेंट्स ने विरोध के दौरान सभी विदेशी छात्रों को निशाने पर लिया. इसकी वजह से भारत और बांग्लादेश के भी छात्र भी निशाने पर आ गए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान और इजिप्ट (मिस्र) से आए छात्रों ने स्थानीय छात्रों के साथ मारपीट की थी. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद स्थानीय छात्रों ने विदेशी छात्रों को टारगेट करना शुरू कर दिया.
स्थिति बिगड़ते देख सरकार ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी. कुछ वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला गया है, जिसमें लोकल स्टूडेंट्स विदेशी छात्रों के हॉस्टल्स पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. हालांकि, वहां की पुलिस ने इससे इनकार किया है.
सोशल मीडिया में कहा गया है कि पाकिस्तान के तीन छात्रों की मौत हो गई है. इन दावों के ठीक उलट बिश्केक ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है. पाकिस्तान ने भी आधिकारिक रूप से किसी भी छात्र के मौत की पुष्टि नहीं की है. पाकिस्तानी लड़कियों से रेप की घटना पर भी अभी तक किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी छात्राओं के साथ रेप की घटना हुई है.
इन घटनाों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक बयान सामने आया है. उन्होंने किर्गिस्तान में रहने वाले सभी भारतीय छात्रों को इंडियन एंबेसी के टच में रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव मदद करेगी. वैसे आपको बता दें कि बिश्केक में भारतीय छात्रों को सम्मान के नजरिए से देखा जाता है.
बिश्केक में सबसे पहली घटना 13 मई को घटी थी. तब लोकस स्टूडेंट्स ने अपने देश के अधिकारियों पर पूरे मामले को दबाने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि प्राधिकारी विदेशी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, पुलिस ने आरोपों को निराधार बताते हुए बताया कि तीन विदेशी छात्रों को हिरासत में लिया गया है. लेकिन स्थानीय छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ.
उन छात्रों ने उन हॉस्टलों पर आक्रमण कर दिया, जहां विदेशी छात्र ठहरे हुए हैं. जिन लोगों को निशाने पर लिया गया है, उनमें पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और भारतीय शामिल हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार किर्गिस्तान में करीब 15 हजार भारतीय छात्र पढ़ाई करते हैं. वे मुख्य रूप से वहां पर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. किर्गिस्तान के मेडिकल कॉलेजों द्वारा प्रदान की गई डिग्रियों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है, लिहाजा यहां पर बड़ी संख्या में छात्र दाखिले के लिए जाते हैं. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी मान्यता प्राप्त है.
भारत सरकार द्वारा जारी एक सलाह के अनुसार, किर्गिस्तान सुरक्षित, संरक्षित और मैत्रीपूर्ण है, खासकर भारतीय नागरिकों के लिए. बयान में कहा गया है कि भारत के लिए काफी सद्भावना है.
किर्गिस्तान में 11 हजार से ज्यादा पाकिस्तानि छात्र पढ़ाई करते हैं. किर्गिस्तान में 90 फीसदी आबादी सुन्नी मुसलमानों की है. यह मध्य एशिया में स्थित है. इसके उत्तर में कजाखिस्तान, पश्चिम में उजबेकिस्तान, पूर्व में चीन और द.पश्चिम में ताजिकिस्तान है.
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