नई दिल्ली : भारत ने रक्षा क्षेत्र में रिकॉर्ड सफलता हासिल की है. भारत का एक्सपोर्ट इस क्षेत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी.
राजनाथ सिंह ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि सभी भारतवासियों को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय रक्षा निर्यात अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 21,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात बढ़कर 21,083 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है.
रक्षा मंत्री ने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में रक्षा मंत्रालय ने भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. ऐसे में निजी क्षेत्र और डीपीएसयू सहित हमारे रक्षा उद्योगों ने बीते कुछ वर्षों के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया है. रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए डिफेंस एक्सपोर्ट क्षेत्र के सभी हिस्सेदारों को शुभकामना भी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार गठन के बाद से ही सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दिया था. इसके साथ ही रक्षा के क्षेत्र पर पीएम मोदी का हमेशा से खास फोकस रहा है. ऐसे में रक्षा क्षेत्र की इस उपलब्धि को उनके आत्मनिर्भर भारत के विजन से जोड़कर देखा जा रहा है.
दो दशकों यानी 2004-05 से 2013-14 और 2014-15 से 2023-24 तक के तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है कि रक्षा निर्यात में 21 गुना की वृद्धि हुई है.रक्षा मंत्रालय ने कहा, 2004-05 से 2013-14 के दौरान कुल रक्षा निर्यात 4,312 करोड़ रुपये था, जो 2014-15 से 2023-24 की अवधि में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपये हो गया है. स्वीडिश थिंक टैंक एसआईपीआरआई के अनुसार 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत के हथियारों के आयात में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालांकि रूस भारत का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता बना रहा (उसके हथियारों के आयात का 36 प्रतिशत हिस्सा), 1960-64 के बाद यह पहली पांच साल की अवधि थी जब रूस (या 1991 से पहले सोवियत संघ) से डिलीवरी आधे से भी कम हुई.
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