नई दिल्ली: गुजरात में हाल ही में आए चक्रवाती मौसम के दौरान 67 लोगों की जान बचाने वाले भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) को पोरबंदर से लगभग 45 किलोमीटर दूर बचाव अभियान के दौरान अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी.
भारतीय तटरक्षक बल ने एक बयान में कहा कि पोत के मालिक से अनुरोध मिलने पर पोरबंदर से लगभग 45 किलोमीटर दूर समुद्र में भारतीय ध्वज वाले मोटर टैंकर हरि लीला पर सवार घायल चालक दल के सदस्यों को चिकित्सा के लिए निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया. यह अभियान सोमवार को रात करीब 11 बजे शुरू किया गया था.
समुद्र में इमरजेंसी लैंडिग
इस अभियान के दौरान ALH हेलीकॉप्टर को समुद्र में इमरजेंसी लैंडिग करनी पड़ी. इस हेलीकॉप्टर में चार एयर क्रू सवार थे. एक क्रू मेंबर को बचा लिया गया है और बाकी तीन क्रू मेंबर की तलाश जारी है. विमान का मलबा भी बरामद कर लिया गया है. यह घटना तब हुई जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए जहाज के पास जा रहा था. फिलहाल तटरक्षक बलों ने चार जहाज और दो विमानों को तलाशी अभियान में लगाया है.
Indian Coast Guard (ICG) Advanced Light Helicopter (ALH) which saved 67 lives during recent cyclonic weather in Gujarat was launched around 2300 hours yesterday for medical evacuation of a seriously injured crew onboard Indian Flagged Motor Tanker Hari Leela, about 45 kms from… pic.twitter.com/nx4VA7MsVc
— ANI (@ANI) September 3, 2024
समुद्र में डूबा मालवाहक जहाज
इससे पहले 26 अगस्त को भारतीय तटरक्षक बल ने चुनौतीपूर्ण रात के सर्च और बचाव अभियान के दौरान संकटग्रस्त MV आईटीटी प्यूमा से 11 क्रू मेंबर को बचाया था. जानकारी के अनुसार मुंबई में पंजीकृत सामान्य मालवाहक जहाज कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था, जब यह कथित तौर पर सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से लगभग 90 समुद्री मील दक्षिण में डूब गया.
मैरीटाइम सर्च और रेस्क्यू कोर्डिनेटर सेंटर (MRCC) चेन्नई को 25 अगस्त की देर शाम को संकट का संकेत मिला. इसके तुरंत बाद कोलकाता में आईसीजी के क्षेत्रीय मुख्यालय (उत्तर पूर्व) ने तुरंत दो आईसीजी जहाजों और एक डोर्नियर विमान को घटनास्थल पर भेजा.
एडवांस नाइट-कैपेबल सेंसर से लैस डोर्नियर विमान ने बहते हुए लाइफराफ्ट का पता लगाया और संकटग्रस्त चालक दल को बचाने के लिए रेड फ्लेयर्स देखे. विमान के मार्गदर्शन में, ICG जहाज उन जगह पहुंचा, जहां दो लाइफराफ्ट एक साथ बंधे हुए पाए गए, जिनमें जीवित लोग थे.
चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति के बावजूद, ICG जहाजों सारंग और अमोघ ने डोर्नियर विमान के साथ मिलकर समन्वित समुद्री-हवाई बचाव अभियान चलाया, जिससे 25 अगस्त की देर रात और 26 अगस्त की सुबह चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
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