जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से लगते सरहदी जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में इन दिनों सेना के पराक्रम के साथ ही विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक हथियारों की गूंज सुनाई दे रही है. इस बीच भारतीय सेना ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग के उन्नत संस्करण का परीक्षण भी किया. यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा.
सैन्य सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना इन दिनों लगातार जैसलमेर के पोकरण में स्थित एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में लगातार युद्धाभ्यास कर अपने युद्ध कौशल व मारक क्षमता का परीक्षण कर रही है. इस अभ्यास में युद्ध के हालातों के दौरान की जाने वाली गतिविधियों व दुश्मन के ठिकानों में घुसकर उन्हें नेस्तनाबूद करने का भी अभ्यास लगातार किया जा रहा है.
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सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस अभ्यास में भारतीय सेना बमों और मिसाइलों के साथ ही विभिन्न प्रकार की तोपों, टैंकों और अन्य हथियारों की मारक क्षमता का भी लगातार परीक्षण कर रही है. इसी कड़ी में सेना ने उन्नत संस्करण वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल परीक्षण किया. परीक्षण के दौरान यह मिसाइल पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में काल्पनिक लक्ष्यों को भेदकर सभी मानकों पर खरी उतरी है. यह जमीन से जमीन पर दागी जाने वाली तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है. इसके अलावा इससे पहले भी कई बार नाग मिसाइल के परीक्षण हो चुके हैं.
पहले भी हो चुके परीक्षण : सैन्य सूत्रों के मुताबिक हर बार इस मिसाइल में कुछ नया जोड़ा जाता है, जिसके बाद इसका परीक्षण किया जाता रहा है. गत साल 2017, 2018, 2019, 2020 और 2023 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों के परीक्षण किए जा चुके हैं और इनमे से लगभग सभी परीक्षण सफल भी हुए हैं.
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वजन में हल्की, लेकिन बहुत ताकतवर : सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल वजन में काफी हल्की होने के बावजूद दुश्मन को टैंक या अन्य सैन्य वाहनों के साथ कुछ ही सेकंड में नेस्तनाबूद कर सकती है. इसके अलावा एक हेलिना मिसाइल भी इसी का संस्करण है, जिससे हवा से जमीन पर फायर दागा जा सकता है. साथ ही हेलिना मिसाइल को हेलीकॉप्टर से भी दागा जा सकता है. इसकी रेंज करीब 10 किलोमीटर की है.