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भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 10 वर्षों में 165 फीसदी बढ़ी: प्रल्हाद जोशी - India renewable energy - INDIA RENEWABLE ENERGY

India's renewable energy capacity increased: भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में भारी तरक्की की है. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के अनुसार इस क्षेत्र में 10 वर्षों में 165 प्रतिशत का ग्रोथ हुआ है.

Union Minister Prahlad Joshi
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी (ANI)
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By ANI

Published : Aug 7, 2024, 8:36 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले एक दशक में 165 प्रतिशत बढ़ी है. ये 2014 में 76.38 गीगावाट (GW) से बढ़कर 2024 में 203.1 गीगावाट हो गई है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित अनुदानों की मांगों पर राज्य सभा में हुई बहस का उत्तर देते हुए जोशी ने बताया कि भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है. साथ ही सौर और पवन ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.

India's renewable energy capacity
नवीकरणीय ऊर्जा (ANI)

जोशी ने कहा, 'मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथा स्थान हासिल कर लिया है. हम पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे और सौर पीवी क्षमता में पांचवें स्थान पर हैं.' उन्होंने कहा, 'पहली बार हमने गैर-जीवाश्म ईंधन (non-fossil fuel) स्रोतों से 200 गीगावाट क्षमता को पार कर लिया है.

इसमें 85.47 गीगावाट सौर ऊर्जा और 46.93 गीगावाट बड़ी जलविद्युत, 46.66 गीगावाट पवन ऊर्जा, 10.95 गीगावाट जैव विद्युत और 5.00 गीगावाट लघु जलविद्युत शामिल हैं.' उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर जून 2024 तक 85.47 गीगावाट हो गई. ये लगभग 30 गुना वृद्धि को दर्शाता है.

जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा अब भारत के लिए एक विकल्प नहीं बल्कि देश की सतत वृद्धि और विकास के लिए एक आवश्यकता है. उन्होंने कहा, 'भारत ने दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे तेज विकास दर देखी है. हम विकसित देशों के साथ जुड़े हुए हैं और कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया है.'

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सीओपी26 (COP26) प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया. इसके तहत 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. जोशी ने कहा, 'ऊर्जा सुरक्षा इस सरकार के 9 प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है. इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का बजटीय आवंटन पिछले वर्ष के 10,000 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना कर इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है.'

उन्होंने कहा कि कुल स्थापित क्षमता में तापीय स्रोतों (Thermal sources) की हिस्सेदारी 2013-14 में 67.69 प्रतिशत से घटकर 2024-25 (जून 2024 तक) में 54.46 प्रतिशत हो गई है, जबकि कुल स्थापित क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी 32.30 प्रतिशत से बढ़कर 45.54 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत में कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 2013-14 में 193.50 बिलियन यूनिट (बीयू) से बढ़कर 2023-24 में 359.89 बीयू हो गया. ये 86 फीसदी की वृद्धि है. सौर ऊर्जा शुल्क 2010-11 में 10.95 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 2023-24 में 2.60 रुपये हो गया है.

ये भी पढ़ें- 2030 तक बिजली क्षमता व गैर-जीवाश्म ईंधन का योगदान 65 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा: ऊर्जा मंत्री

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले एक दशक में 165 प्रतिशत बढ़ी है. ये 2014 में 76.38 गीगावाट (GW) से बढ़कर 2024 में 203.1 गीगावाट हो गई है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित अनुदानों की मांगों पर राज्य सभा में हुई बहस का उत्तर देते हुए जोशी ने बताया कि भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है. साथ ही सौर और पवन ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.

India's renewable energy capacity
नवीकरणीय ऊर्जा (ANI)

जोशी ने कहा, 'मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथा स्थान हासिल कर लिया है. हम पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे और सौर पीवी क्षमता में पांचवें स्थान पर हैं.' उन्होंने कहा, 'पहली बार हमने गैर-जीवाश्म ईंधन (non-fossil fuel) स्रोतों से 200 गीगावाट क्षमता को पार कर लिया है.

इसमें 85.47 गीगावाट सौर ऊर्जा और 46.93 गीगावाट बड़ी जलविद्युत, 46.66 गीगावाट पवन ऊर्जा, 10.95 गीगावाट जैव विद्युत और 5.00 गीगावाट लघु जलविद्युत शामिल हैं.' उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर जून 2024 तक 85.47 गीगावाट हो गई. ये लगभग 30 गुना वृद्धि को दर्शाता है.

जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा अब भारत के लिए एक विकल्प नहीं बल्कि देश की सतत वृद्धि और विकास के लिए एक आवश्यकता है. उन्होंने कहा, 'भारत ने दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे तेज विकास दर देखी है. हम विकसित देशों के साथ जुड़े हुए हैं और कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया है.'

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सीओपी26 (COP26) प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया. इसके तहत 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. जोशी ने कहा, 'ऊर्जा सुरक्षा इस सरकार के 9 प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है. इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का बजटीय आवंटन पिछले वर्ष के 10,000 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना कर इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है.'

उन्होंने कहा कि कुल स्थापित क्षमता में तापीय स्रोतों (Thermal sources) की हिस्सेदारी 2013-14 में 67.69 प्रतिशत से घटकर 2024-25 (जून 2024 तक) में 54.46 प्रतिशत हो गई है, जबकि कुल स्थापित क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी 32.30 प्रतिशत से बढ़कर 45.54 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत में कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 2013-14 में 193.50 बिलियन यूनिट (बीयू) से बढ़कर 2023-24 में 359.89 बीयू हो गया. ये 86 फीसदी की वृद्धि है. सौर ऊर्जा शुल्क 2010-11 में 10.95 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 2023-24 में 2.60 रुपये हो गया है.

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