नई दिल्ली: भारत और कजाकिस्तान ने एक संयुक्त कार्य समूह की बैठक के दौरान आतंकवाद विरोधी चुनौतियों का आकलन किया. साथ ही दक्षिण एशिया में सीमा पार आतंकवाद पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. अस्ताना में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवादी खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें दक्षिण एशिया में राज्य प्रायोजित, सीमा पार आतंकवाद के अलावा अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां शामिल थीं. विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव केडी देवल ने किया, जबकि कजाक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कजाकिस्तान गणराज्य के विदेश मंत्रालय के राजदूत-एट-लार्ज, तलगत कलियेव ने किया था. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि आतंकवाद से मुकाबले पर भारत-कजाकिस्तान संयुक्त कार्य समूह की 5वीं बैठक इस वर्ष 8 अप्रैल को आयोजित की गई थी.
दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी चुनौतियों का आकलन किया, जिसमें आतंकवादियों द्वारा नई और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग, कट्टरपंथ और आतंक वित्तपोषण शामिल है. दोनों पक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संयुक्त राष्ट्र, ईएजी और एससीओ जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के माध्यम से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया. दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर भारत में संयुक्त सचिव स्तर पर संयुक्त कार्य समूह की छठी बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए.