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जनगणना में पूछे जाएंगे ये सवाल, तोते की तरह रट लें जवाब, संप्रदाय की भी देनी पड़ सकती है जानकारी

देश में अगले साल से जनगणना शुरू होगी. इस बार की जनगणना में संप्रदाय को लेकर भी सवाल किए जाने के आसार हैं.

जनगणना
जनगणना (सांकेतिक तस्वीर ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2024, 1:26 PM IST

नई दिल्ली: देश में अगले साल से जनगणना शुरू होगी, जिसके आंकड़े साल 2026 में जारी किए जा सकते हैं. यह जनगणना ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जनसंख्या के मामले में भारत ने पहले ही चीन को पीछे छोड़ दिया है.

इस बार की जनगणना में संप्रदाय को लेकर भी सवाल किए जाने के आसार हैं. ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच सरकार लोगों से उनके संप्रदाय से जुड़ी जानकारी भी जुटा सकती है. बता दें कि अब तक की जनगणना में लोगों से केवल उनके धर्म और वर्ग के बारे में ही पूछा जाता रहा है. इसके अलावा SC, ST और जनरल कैटेगरी की गणना होती थी.

हालांकि, इस बार यह भी सवाल किया जा सकता है कि लोग किस संप्रदाय के मानने वाले हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई शख्स इस्लाम को मानने वाला है तो उसे यह भी बताना होगा कि वह शिया है या सुन्नी. इसी तरह जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य जैसे समूह शामिल हैं. फिलहाल केंद्र सरकार धर्म और वर्ग के साथ-साथ संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की मांग पर विचाचर कर रही है.

जनगणना 2025
जनगणना 2025 (सांकेतिक तस्वीर ANI)

डिजिटली जुटाए जाएंगे आंकड़े
जानकारी के मुताबिक सरकार जनगणना के लिए डिजिटल मैथड इस्तेमाल कर सकती है. अगर ऐसा होता है कि तो देश में पहली बार होगा कि जनगणना के आंकड़े डिजिटली तरीके से जुटाए जाएंगे. इसके लिए एक खास तरीके का पोर्टल बनाया गया है.

उल्लेखनीय है कि कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने संप्रदाय के आधार पर जनगणना कराए जाने की मांग की थी. ऐसा माना जा रहा है कि संप्रदाय के आंकड़े ज्यादा सही पॉलिसी बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं. बता दें जनगणना में संप्रदाय का मतलब है कि वह शख्स किस धार्मिक और सांस्कृतिक समूह से संबंध रखता है.

जनगणना 2025
जनगणना 2025 (सांकेतिक तस्वीर ANI)

भारत में किसकी कितनी आबादी?
जनगणना के आंकड़ों से देश की धार्मिक आबादी का डेटा इकट्ठा किया जा सकेगा. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा 79.8 फीसदी आबादी हिंदुओं की है. इसके बाद मुससमानों का नंबर आता है, जिनकी आबादी कुल 14.2 फीसदी है. वहीं 2.3 फीसदी आबादी ईसाई और 1.7 फीसदी सिख है.

जनगणना के चक्र में बदलाव
अब तक जितनी भी जनगणना हुई हैं, वह दशक की शुरुआत में ही हुईं, जैसे कि साल 1991, 2001, 2011. इस बार भी जनगणना साल 2021 में होने वाली थी. हालांकि, कोरोना महामारी के बजह से इसे टालना पड़ा. इसके चलते जनगणना के चक्र में भी बदलाव होने वाला है.

नए चक्र शुरू में जनगणना 2025 के बाद 2035 और फिर 2045, 2055 में होगी. हालांकि, जातिगत जनगणना को लेकर अब तक फैसला नहीं लिया गया है कि इस बार जातिगत जनगणना की जाएगी या नहीं. हालांकि, विपक्षी दल लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं.

जनगणना में कितने और क्या सवाल पूछे जाएंगे?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जनगणना में लोगों से कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे. इनमें परिवार के लोगों की कुल संख्या, परिवार की मुखिया महिला है या नहीं, परिवार के पास कितने कमरे हैं, स्कूटर-बाइक है या नहीं और परिवार के पास टेलीफोन है या नहीं जैसे सवाल शामिल हैं. इसके अलावा लोगों से इसी तरह के दैनिक जीवन से जुड़े और भी कई सवाल पूछे जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- 'आतंकवादी हैं नवाब मलिक', अजित पवार की NCP पर भड़की BJP, किया बड़ा ऐलान

नई दिल्ली: देश में अगले साल से जनगणना शुरू होगी, जिसके आंकड़े साल 2026 में जारी किए जा सकते हैं. यह जनगणना ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जनसंख्या के मामले में भारत ने पहले ही चीन को पीछे छोड़ दिया है.

इस बार की जनगणना में संप्रदाय को लेकर भी सवाल किए जाने के आसार हैं. ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच सरकार लोगों से उनके संप्रदाय से जुड़ी जानकारी भी जुटा सकती है. बता दें कि अब तक की जनगणना में लोगों से केवल उनके धर्म और वर्ग के बारे में ही पूछा जाता रहा है. इसके अलावा SC, ST और जनरल कैटेगरी की गणना होती थी.

हालांकि, इस बार यह भी सवाल किया जा सकता है कि लोग किस संप्रदाय के मानने वाले हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई शख्स इस्लाम को मानने वाला है तो उसे यह भी बताना होगा कि वह शिया है या सुन्नी. इसी तरह जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य जैसे समूह शामिल हैं. फिलहाल केंद्र सरकार धर्म और वर्ग के साथ-साथ संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की मांग पर विचाचर कर रही है.

जनगणना 2025
जनगणना 2025 (सांकेतिक तस्वीर ANI)

डिजिटली जुटाए जाएंगे आंकड़े
जानकारी के मुताबिक सरकार जनगणना के लिए डिजिटल मैथड इस्तेमाल कर सकती है. अगर ऐसा होता है कि तो देश में पहली बार होगा कि जनगणना के आंकड़े डिजिटली तरीके से जुटाए जाएंगे. इसके लिए एक खास तरीके का पोर्टल बनाया गया है.

उल्लेखनीय है कि कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने संप्रदाय के आधार पर जनगणना कराए जाने की मांग की थी. ऐसा माना जा रहा है कि संप्रदाय के आंकड़े ज्यादा सही पॉलिसी बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं. बता दें जनगणना में संप्रदाय का मतलब है कि वह शख्स किस धार्मिक और सांस्कृतिक समूह से संबंध रखता है.

जनगणना 2025
जनगणना 2025 (सांकेतिक तस्वीर ANI)

भारत में किसकी कितनी आबादी?
जनगणना के आंकड़ों से देश की धार्मिक आबादी का डेटा इकट्ठा किया जा सकेगा. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा 79.8 फीसदी आबादी हिंदुओं की है. इसके बाद मुससमानों का नंबर आता है, जिनकी आबादी कुल 14.2 फीसदी है. वहीं 2.3 फीसदी आबादी ईसाई और 1.7 फीसदी सिख है.

जनगणना के चक्र में बदलाव
अब तक जितनी भी जनगणना हुई हैं, वह दशक की शुरुआत में ही हुईं, जैसे कि साल 1991, 2001, 2011. इस बार भी जनगणना साल 2021 में होने वाली थी. हालांकि, कोरोना महामारी के बजह से इसे टालना पड़ा. इसके चलते जनगणना के चक्र में भी बदलाव होने वाला है.

नए चक्र शुरू में जनगणना 2025 के बाद 2035 और फिर 2045, 2055 में होगी. हालांकि, जातिगत जनगणना को लेकर अब तक फैसला नहीं लिया गया है कि इस बार जातिगत जनगणना की जाएगी या नहीं. हालांकि, विपक्षी दल लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं.

जनगणना में कितने और क्या सवाल पूछे जाएंगे?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जनगणना में लोगों से कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे. इनमें परिवार के लोगों की कुल संख्या, परिवार की मुखिया महिला है या नहीं, परिवार के पास कितने कमरे हैं, स्कूटर-बाइक है या नहीं और परिवार के पास टेलीफोन है या नहीं जैसे सवाल शामिल हैं. इसके अलावा लोगों से इसी तरह के दैनिक जीवन से जुड़े और भी कई सवाल पूछे जा सकते हैं.

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