ग्वालियर: इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम सेक्टर में दुनियाभर के सभी देशों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची हुई है. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में 5G नेटवर्क का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है. भारत में अभी तक निजी कंपनियां ही उपभोक्ताओं को 4G और 5G सेवाएं दे रही थीं, लेकिन अब भारत दूनिया के उन पांच देशों के एलीट क्लब में शामिल हो चुका है जिसके पास अब सरकार का अपना खुद का स्वदेशी 4G नेटवर्क सिस्टम है.
बीएसएनएल पूरे देश में फैला है
भारत सरकार की सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का नेटवर्क पूर देश में फैला हुआ है. बीते कुछ सालों में निजी टेलीकॉम ऑपरेटरों ने किफायती दामों में आकर्षक ऑफर्स के जरिए उपभोक्ताओं को अपनी तरफ खींच लिया है. कई निजी टेलीकॉम कंपनियों ने पहले 2G, 3G और फिर 4G नेटवर्क पर शिफ्ट हुई और आज वो अपने उपभोक्ताओं को 5G नेटवर्क की सुविधाएं भी दे रही हैं. वहीं, इतने सालों में सरकारी कंपनी होने के बावजूद बीएसएनएल 4G में भी कदम नहीं रख पाया. देश की सबसे भरोसेमेंद टेलीकॉम कंपनी होने के बावजूद भी इसके पिछड़ने के कारणों के बारे में केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानकारी दी.
'चाइना के इक्विपमेंट इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे पीएम'
सिंधिया ने कहा कि, 'भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये संकल्प था कि देश के अंदर अगर हमें सरकारी दूरसंचार कंपनी के द्वारा 4G नेटवर्क संचालित करना है तो हम चाइना के इक्विपमेंट इस्तेमाल नहीं करेंगे. हम किसी भी विदेश कंपनी का इक्विपमेंट इस्तेमाल नहीं करेंगे. आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा में भारत अपना स्वदेशी 4G का स्टैक बनाएगा. फिर चाहे वह कोर सिस्टम हो, टावर हो जिसे रेडियो ऐक्सिस नेटवर्क (RAN) कहते हैं, या बैक हॉल का सिस्टम हो. हम अपनी टेक्नोलॉजी अपनी रिसर्च के आधार पर स्वयं बनाएंगे और उसी के तहत हम अपना 4G नेटवर्क देश के उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे.'
इन देशों के पास है खुद की 4जी टेक्नोलॉजी
भारत को स्वदेशी 4जी नेटवर्क सिस्टम को बनाने के लिए लगभग डेढ साल का समय लगा है. इतने कम समय में अपना खुद का नेटवर्क डेवलप करना विश्व रिकॉर्ड है. इसी के साथ भारत विश्व का पांचवां देश बन चुका है जिसके पास अपनी खुद की स्वदेशी 4G टेक्नोलॉजी है. अमेरिका, यूरोप, चाइना, फिनलैंड के बाद अब भारत वह पांचवां देश है जो 4G टेक्नोलॉजी के इलीट क्लब में शामिल हो गया है. बीएसएनएल 4G टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग भी हो चुकी है और उपभोक्ताओं को 4G नेटवर्क देने के लिए देश पूरी तरह तैयार है.
मार्च 2025 तक सभी को मिलेगा स्वदेशी 4जी नेटवर्क
भारत की स्वदेशी 4G टेक्नोलॉजी के चार नेटवर्क कोर देश के चारों कोनों में लग चुके हैं और टावर लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है. अक्टूबर 2024 तक लगभग 80 हजार टावर देश भर में लगाए जाएंगे. इसके अलावा मार्च 2025 तक 21 हजार टावर और लगाए जाएंगे. इस तरह अगले साल मार्च तक देश में एक लाख से अधिक बीएसएनएल 4G टावर हो जाएंगे. जिससे उपभोक्ताओं को बीएसएनएल का 4G नेटवर्क यूज करना आसान हो जाएगा.
1 लाख टावर से BSNL की 5G छलांग; ज्योतिरादित्य सिंधिया का ऐलान, होंगे नंबर 1 मोबाइल ऑपरेटर 'हेलो, मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया बोल रहा हूं', दिल्ली में BSNL की 5G नेटवर्क सर्विस की टेस्टिंग |
स्वदेशी कंपनियां मिलकर कर रहीं काम
ज्योतिरादित्य सिंधिया की मानें तो, 4G टेक्नोलॉजी के लिए स्वदेशी कंपनियां सभी इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी तैयार कर रही हैं. जिसके लिए सी-डॉट (सेंटर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक टेक्नोलॉजी) भारत सरकार की कम्पनी ने पूरा कोर बनाया है. तेजस नेटवर्क एक स्वदेशी कंपनी जिसने RAN (रेडियो ऐक्सेस नेटवर्क) टावर बनाए. टीसीएस टाटा कंसल्टेंसी साइटम इंटीग्रेटर है जिसका क्रियान्वयन बीएसएनएल कर रहा है. इसके अलावा दूरसंंचार मंत्री ने जल्द ही 4G के अलावा 5G की भी शुरुआत करने की बात कही है. जिसके लिए 4G टावरो में बस मामूली बदलाव करना होगा.