नई दिल्ली: देश के तमाम मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए आयोजित NEET UG यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रैजुएट के नतीजों को लेकर हर कोई अचंभित है. नतीजे सामने आते ही इसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं. सबसे अधिक सवाल NEET की रैंकिंग और छात्रों को मिले मार्क्स पर उठ रहे हैं. असल में NEET UG 2024 की परीक्षा में एक, दो या तीन नहीं बल्कि 67 छात्रों की ऑल इंडिया रैंक वन है. यानी 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले हैं. जिसको लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने गुरुवार को स्पष्टिकरण दिया. एनटीए का कहना है कि, NEET-UG में कट ऑफ और टॉपर्स की संख्या में वृद्धि परीक्षा की प्रतिस्पर्धी प्रकृति को दर्शाती है. एजेंसी ने कहा कि, परीक्षण को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया है. बता दें कि, एनटीए द्वारा बुधवार शाम घोषित परिणामों में 67 छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिनमें से छह विद्यार्थी हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं.
NEET एग्जाम रिजल्ट को लेकर हंगामा!
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने के मुताबिक, NEET (UG) - 2024 का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से 5 मई को 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए 571 शहरों (विदेश में 14 शहरों सहित) के 4750 केंद्रों पर किया गया था. उम्मीदवारों द्वारा हाल ही में उठाए गए प्रश्नों के आलोक में, स्पष्टीकरण जारी करना आवश्यक समझा गया है. कटऑफ स्कोर प्रत्येक साल उम्मीदवारों के ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर निर्धारित किया जाता है. कटऑफ में वृद्धि परीक्षा की प्रतिस्पर्धी प्रकृति और इस वर्ष उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए गए उच्च प्रदर्शन मानकों को दर्शाती है. योग्य उम्मीदवारों के कट-ऑफ और औसत अंक (720 में से) हर साल अलग-अलग होते हैं. यह स्पष्टीकरण मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी (राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) में अनियमितताओं के आरोपों और अंकों को लेकर आया है. एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, कटऑफ में बढ़ोतरी परीक्षा की प्रतिस्पर्धी प्रकृति और इस साल उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए गए उच्च प्रदर्शन मानकों को दर्शाती है.
67 छात्रों की रैंकिंग 1
जानकारी के मुताबिक, इस बार इतने अधिक छात्रों की रैंकिंग वन है कि उनमें से कई को देश के सबसे बेहतरीन मेडिकल इंस्टीट्यूट में दाखिला मिलना मुश्किल हो सकता है. यही वजह है कि जैसे ही NEET के नतीजे सामने आए, उस पर घमासान शुरू हो गया.जानकारी के मुताबिक, कई छात्र और अभिभावक तो 4 जून को परीक्षा परिणाम जारी करने पर भी सवाल उठा रहे हैं. वहीं, NTA अधिकारी का कहना है कि. 2023 में उपस्थित होने वाले कैंडिडेट की संख्या 20 लाख 38 हजार 596 थी जबकि 2024 में उपस्थित होने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़कर 23 लाख 33 हजार297 हो गई. कैंडिडेट की संख्या में वृद्धि के कारण स्वाभाविक रूप से कैंडिडेट के एक बड़े समूह के कारण उच्च अंक प्राप्त करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है.
क्या बोली कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने 'एक्स' पर लिखा, 'नीट परीक्षा के बाद अब नीट का परिणाम भी विवादों में है. नीट का परिणाम आने के बाद एक ही परीक्षा केंद्र के छह छात्रों के 720 में से 720 अंक प्राप्त करने पर सवाल उठ रहे हैं. इसके अलावा, नीट परीक्षा से जुड़ी कई और धांधलियां भी सामने आई हैं.' पार्टी ने आगे कहा, 'पहले प्रश्न पत्र लीक होने और अब परिणाम में गड़बड़ी से देश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. साफ है कि यह सरकार कोई भी परीक्षा, प्रश्न पत्र लीक किए बिना नहीं करा सकती.एनटीए ने अंक बढ़ने का कारण बताते हुए कहा कि उसे परीक्षा के संचालन के दौरान समय बर्बाद होने के बारे में कई शिकायतें मिली थीं.
एनटीए ने अपने बयान में क्या कहा
एनटीए ने अंक बढ़ने का कारण बताते हुए कहा कि उसे परीक्षा के संचालन के दौरान समय बर्बाद होने के बारे में कई शिकायतें मिली थीं. उसने एक बयान में कहा, 'एनटीए ने ऐसे मामलों और अभ्यावेदनों पर विचार किया और सुप्रीम कोर्ट ने 13 जून 2018 के अपने निर्णय के तहत जो सामान्यीकरण फार्मूला तैयार किया और अपनाया था, उसे नीट (यूजी) 2024 के परीक्षार्थियों के लिए लागू किया गया ताकि समय बर्बाद होने के कारण उन्हें हुए नकुसान की भरपाई की जा सके. बयान में कहा गया, परीक्षा के दौरान समय के नुकसान का पता लगाया गया और कुछ अभ्यर्थियों को इसकी भरपाई के लिए अतिरिक्त अंक दिए गए, इसलिए उनके अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं.'
रिजल्ट को लेकर हंगामा
एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अतिरिक्त अंकों के अस्पष्ट कार्यान्वयन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि प्रश्नपत्र एनसीईआरटी की नयी पाठ्यपुस्तक के आधार पर तैयार किया गया था लेकिन कुछ छात्रों के पास पुरानी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें थीं. अधिकारी ने कहा, हमें इस मामले में अभ्यावेदन मिला था जिसके कारण एनटीए को उन सभी छात्रों को पांच अंक देने पड़े जिन्होंने दो विकल्पों में से एक को चुना था. इस कारण कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए, जिससे शीर्ष स्थान पर रहने वाले छात्रों की संख्या बढ़ गई. अधिकारी ने बताया कि परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी को लेकर चिंता जताने वाले कई अभ्यावेदन और कई अदालती मामलों के बाद जांच के लिए एक समिति गठित की गई जिसने सभी पहलुओं की जांच की और समय की बर्बादी होने का पता लगाया. अधिकारी ने कहा, 'ऐसे परीक्षार्थियों को अतिरिक्त अंक दिए गए. कुछ केंद्रों पर छात्रों के अंक अधिक हैं क्योंकि यह संभावना है कि उन सभी को अतिरिक्त अंकों का लाभ मिला हो.' विशेषज्ञों के अनुसार, नीट-यूजी 2024 के परिणाम में अंकों की वृद्धि से इस वर्ष मेडिकल स्कूल में स्थान प्राप्त करना और भी कठिन हो सकता है. कुछ परीक्षार्थियों ने परिणाम रद्द करने और फिर से परीक्षा कराने की ऑनलाइन मंचों के जरिए मांग की है.
लोगों के बयान
इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोसिएशन’ की अध्यक्ष और वकील अनुभा श्रीवास्तव ने कहा, 'कई छात्र कुछ वैध मुद्दे उठा रहे हैं. एक ही अनुक्रम की क्रमांक संख्या वाले छात्रों को समान अंक कैसे मिले. यह एक गंभीर विषय है.उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि ऐसे डॉक्टर हमारे देश की सेवा करें. इस मामले की जांच होनी चाहिए. एक अभ्यर्थी ने ‘एक्स’ से लिखा, 'नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद जारी परिणाम में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलना संदेह पैदा करता है. यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिससे छात्रों में रोष है. सरकार को इसकी उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए. ‘एक्स’ पर नितीश राजपूत नाम के एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि एनटीए ने अदालत के आदेश के अनुसार अतिरिक्त अंक दिए हैं, लेकिन छात्रों का तर्क है कि यह अचानक लिया गया निर्णय अन्यायपूर्ण है, क्योंकि एजेंसी ने यह नहीं बताया है कि किस पद्धति के आधार पर ये अतिरिक्त अंक दिए गए. यह प्रवेश परीक्षा पांच मई को विदेश के 14 शहरों सहित 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी.
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