पानीपत: जल्दी घर पहुंचने के चक्कर में अकसर लोग जान जोखिम में डालकर ओवरलोड बसों में यात्रा करते हैं. प्राइवेट बस चालक भी पैसे कमाने के चक्कर में नियमों को ताक पर रखकर जरूरत से ज्यादा सवारी और सामान बस में भर लेते हैं. ऐसा ही मामला पानीपत में सामने आया. जहां सुरक्षा की परवाह किए बिना एक ही बस में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया गया था. पानीपत ट्रैफिक पुलिस ने फिलहाल बस को सीज कर दिया है.
पानीपत में यात्रियों से भारी ओवरलोड बस सीज: पानीपत ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज रणबीर मान बताया कि ये बस पंजाब से उत्तर प्रदेश के लिए चली थी. जब उनकी नजर ओवरलोड बस पर पड़ी तो उनकी पीसीआर ने दो किलोमीटर तक बस का पीछा किया. जिसके बाद पानीपत गोहाना रोड पर सुविधा शोरूम के पास बस को पकड़ा. बस को रुकवाकर जब खाली कराया गया तो पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए, क्योंकि बस को खाली होने में आधा घंटा लग गया.
52 सीटर बस में 147 यात्री सवार: पानीपत ट्रैफिक पुलिस ने जिस बस को सीज किया है. उस बस की क्षमता 52 है, लेकिन बस में 147 यात्री सवार थे. जिसमें 98 बड़े (पुरुष और महिलाएं) और 49 बच्चे शामिल थे. इसके अलावा बस की छत पर सवारियों का भरपूर लगेज. जिसमें मकान की 10 चौखट, एक अलमारी, 2 बाइक, करीब 3 साइकिल, घर का सामान शामिल था. बस की ऊंचाई भी तय मानकों से ज्यादा मिली.
पंजाब से यूपी जा रही थी बस: फिलहाल पानीपत ट्रैफिक पुलिस ने बस का 46 हजार रुपये का चालान काटा है. इसी के साथ बस को सीज कर कर दिया है, क्योंकि ना तो बस चालक के पास लाइसेंस था, ना आरसी थी. बस की हाइट भी सामान्य से बहुत ज्यादा थी. जब ट्रैफिक इंचार्ज ने चालक और परिचालक से बस के रूट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये पंजाब के अमृतसर से चलकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पहुंचनी थी. बस 52 सीटर है. जिसमें 52 लोगों के बैठने की अनुमति है, लेकिन जान जोखिम में डालकर बस संचालकों ने 147 सवारियां बैठाई थी.
बस में दो ट्रेन के डिब्बों जितने यात्री सवार: आपको बता दें कि ट्रेन के एक डिब्बे में 72 सवारियों के बैठने की सुविधा होती है. इस बात से अंदाजा लगाया जाए, तो बस में दो ट्रेन के डिब्बों के बराबर लोग बैठे हुए थे. इस अवैध बस के पकड़े जाने के बाद तमाम सवाल खड़े होते हैं. आखिर सामान्य से ज्यादा हाइट वाली बस पर पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस का ध्यान क्यों नहीं गया. अगर हरियाणा पुलिस का भी ध्यान ना जाता तो उत्तर प्रदेश आराम से चली जाती. बड़ा सवाल ये भी अगर कोई हादसा होता, तो उसका जिम्मेदार कौन होता. ना जाने कितनी अवैध बस नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से चल रही हैं. जिनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.