अयोध्या: राम मंदिर के 161 फिट शिखर निर्माण पूरा होने के साथ राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन मंदिरों में मूर्तियों कि स्थापना पर भी मंथन शुरू हो गया है. इसके पहले जयपुर में बन रही मूर्तियों को दिसंबर तक अयोध्या पहुंचा दिया जायेगा. मंदिर निर्माण का काम जल्द पूरा करने के लिए श्रमिकों की संख्या कम लग रही है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि प्राथमिकता है कि किस प्रकार से हम निश्चित समय अनुसार कार्य को पूरा करें. इसकी समीक्षा में श्रमिकों की कमी सामने आई है.
उन्होंने कहा कि पत्थरों की आपूर्ति में कोई कठिनाई नहीं है. लगभग 1 किलोमीटर की परिक्रमा परिधि में बन रहे परकोटा में साढ़े आठ लाख क्यूबिक फीट बंसी पहाड़पुर के पत्थरों की आवश्यकता है. सभी पत्थर खरीदकर लाए जा चुके हैं. इसमें 200 श्रमिकों की आवश्यकता है. पहले जून 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें तीन माह और लेगंगे. राम जन्मभूमि परिसर में बंद रहे मंदिरों के लिए जो भी मूर्तियां आनी हैं, उनका निर्माण राजस्थान के जयपुर में किया जा रहा है.
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि राम दरबार की मूर्ति, सात अन्य मंदिरों की मूर्ति, पर कोटा में बना रहे छह मंदिरों की मूर्तियां दिसंबर के अंत तक आ जाएंगी. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इन मूर्तियों की स्थापना पर निर्णय लेगा. महासचिव चंपत राय ट्रस्ट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है.
अन्य मंदिरों की स्थापना किस प्रकार से की जाएगी, इस पर चर्चा की जा रही है. पूर्व में हुए प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को देखते हुए उन मंदिरों की स्थापना का प्रोग्राम उससे भिन्न होगा. राम मंदिर के लिए तैयार की गई दो अन्य प्रतिमाओं को ट्रस्ट ने स्वीकार कर लिया है. उसे भी श्रद्धा के अनुसार सम्मानित स्थान दिया जाएगा. यह निर्णय न्यास लेगा.
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