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हनीट्रैप में फंसकर भारतीय दूतावास के कर्मी ने ISI के लिए की थी जासूसी, यूपी एटीएस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा - यूपी एटीएस आईएसआई

भारतीय दूतावास के कर्मी सतेंद्र सिवाल (satendra siwal spy pakistan ISI) को यूपी एटीएस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपी एटीएस की रिमांड पर है. पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां दी हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 7:59 AM IST

लखनऊ : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने में मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारी को यूपी एटीएस ने पकड़ा था. एटीएस की पड़ताल में कई अहम जानकारियां सामने आने लगी हैं. पता चला है कि हनीट्रैप और लालच में फंसकर कर्मी ने महिला को पनडुब्बी, युद्धक विमानों समेत सेना की कई खुफिया डिटेल मुहैया कराई थी. महिला ने सोशल मीडिया पर कर्मी से दोस्ती कर उसे हनीट्रैप में फंसाया था. कर्मी के खाते में लाखों रुपये मौजूद हैं. इसकी पड़ताल की जा रही है.

पूजा मेहरा के नाम से बनाई थी प्रोफाइल : हापुड़ के शाहमहिउद्दीनपुर गांव निवासी सतेंद्र सिवाल ने हथियार प्रणाली की जुड़ी हुई जानकारियां आईएसआई से जुड़ी महिला को मुहैया कराई. मौजूदा वक्त में सतेंद्र सिवाल 10 दिनों के लिए यूपी एटीएस की रिमांड पर है. रिमांड 16 फरवरी को समाप्त हो जाएगी. यूपी एटीएस के मुताबिक, सिवाल पिछले साल महिला के संपर्क में आया था. महिला ने पूजा मेहरा के नाम से एक ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई थी.

महिला ने बनाए थे संबंध : महिला ने सतेंद्र को हनीट्रैप में फंसाया. 25 लाख रुपये के बदले गुप्त दस्तावेज साझा करने का प्रलोभन दिया. उसने खुद को कनाडा की रहने वाली विवाहिता बताया. महिला ने सतेंद्र से संबंध भी बनाए थे. सिवाल ने दावा किया है कि उसने महिला को जो दस्तावेज साझा किए थे, वे अभी भी उसके फोन में हैं. उसके फोन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए अन्य गैजेट्स की फोरेंसिक जांच की जा रही है.

चार फरवरी को पकड़ा गया था सिवाल : एटीएस ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक निगरानी के जरिए से जांच में पाया कि वह आईएसआई आकाओं के नेटवर्क के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था. एटीएस अफसरों का कहना है कि महिला का सोशल मीडिया अकाउंट पाकिस्तान खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा था. एटीएस ने सिवाल को चार फरवरी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. सिवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत एटीएस पुलिस थाना, लखनऊ में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

यह भी पढ़ें : सत्येंद्र सिवाल पूजा के जाल में फंसकर बना ISI एजेंट, पाकिस्तान की इन 14 शातिर हसीनाओं से रहें बचकर

मास्को में ISI एजेंट सिवाल के लेनदेन की एटीएस कर रही पड़ताल, पुलिस रिमांड पर होनी है सुनवाई

लखनऊ : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने में मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारी को यूपी एटीएस ने पकड़ा था. एटीएस की पड़ताल में कई अहम जानकारियां सामने आने लगी हैं. पता चला है कि हनीट्रैप और लालच में फंसकर कर्मी ने महिला को पनडुब्बी, युद्धक विमानों समेत सेना की कई खुफिया डिटेल मुहैया कराई थी. महिला ने सोशल मीडिया पर कर्मी से दोस्ती कर उसे हनीट्रैप में फंसाया था. कर्मी के खाते में लाखों रुपये मौजूद हैं. इसकी पड़ताल की जा रही है.

पूजा मेहरा के नाम से बनाई थी प्रोफाइल : हापुड़ के शाहमहिउद्दीनपुर गांव निवासी सतेंद्र सिवाल ने हथियार प्रणाली की जुड़ी हुई जानकारियां आईएसआई से जुड़ी महिला को मुहैया कराई. मौजूदा वक्त में सतेंद्र सिवाल 10 दिनों के लिए यूपी एटीएस की रिमांड पर है. रिमांड 16 फरवरी को समाप्त हो जाएगी. यूपी एटीएस के मुताबिक, सिवाल पिछले साल महिला के संपर्क में आया था. महिला ने पूजा मेहरा के नाम से एक ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई थी.

महिला ने बनाए थे संबंध : महिला ने सतेंद्र को हनीट्रैप में फंसाया. 25 लाख रुपये के बदले गुप्त दस्तावेज साझा करने का प्रलोभन दिया. उसने खुद को कनाडा की रहने वाली विवाहिता बताया. महिला ने सतेंद्र से संबंध भी बनाए थे. सिवाल ने दावा किया है कि उसने महिला को जो दस्तावेज साझा किए थे, वे अभी भी उसके फोन में हैं. उसके फोन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए अन्य गैजेट्स की फोरेंसिक जांच की जा रही है.

चार फरवरी को पकड़ा गया था सिवाल : एटीएस ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक निगरानी के जरिए से जांच में पाया कि वह आईएसआई आकाओं के नेटवर्क के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था. एटीएस अफसरों का कहना है कि महिला का सोशल मीडिया अकाउंट पाकिस्तान खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा था. एटीएस ने सिवाल को चार फरवरी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. सिवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत एटीएस पुलिस थाना, लखनऊ में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

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