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डेंगू के खिलाफ होम्योपैथिक EP 30सी की दवा प्रभावी: रिपोर्ट - Homeopathic EP 30C - HOMEOPATHIC EP 30C

Homeopathic EP 30C is an effective drug for dengue: एक चिकित्सा पत्रिका के अध्ययन में पाया गया है कि डेंगू के खिलाफ होम्योपैथिक दवा ईपी 30सी काफी असरकारी रहा. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. देबदत्त नायक ने कहा कि दवा में डेंगू संक्रमण के खिलाफ 65 प्रतिशत सुरक्षात्मक असर है. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Homeopathic EP 30C
डेंगू के खिलाफ होम्योपैथिक की दवा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 20, 2024, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि होम्योपैथिक दवा ईपी 30 सी (EP 30C) डेंगू संक्रमण को काफी हद तक रोका है. ईपी 30सी एक दवा यूपेटोरियम परफोलिएटम लिन नामक पौधे से तैयार की जाती है.

केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद भी डेंगू के खिलाफ इस दवा के इस्तेमाल पर जोर दे रही है. अध्ययन के दौरान दिल्ली की 6 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 40,769 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया गया. यह अध्ययन 2017 के डेंगू प्रकोप के दौरान डेंगू बुखार और तेज बुखार पीड़ितों पर किया गया. इसमें दवा के प्रभाव का अध्ययन किया गया.

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया, 'यह एक संभावित, ओपन-लेबल, समुदाय-आधारित समानांतर विशेष (cohort study) अध्ययन था जिसमें दिल्ली की 6 शहरी जेजे कॉलोनियों में रहने वाले स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया था.' प्रतिभागियों को दो समूहों में नामांकित किया गया था. दवा समूह (medicine cohort) और नियंत्रण समूह (control cohort). एमसी में प्रतिभागियों को डेंगू के बारे में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री के साथ 10 सप्ताह के लिए साप्ताहिक रूप से ईपी 30 सी की एक खुराक दी गई थी.

40,769 प्रतिभागियों में से 28,321 प्रतिभागी एमसी (MC) समूह में थे और 12,448 प्रतिभागी सीसी (CC) समूह में थे. एमसी (MC) समूह में प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि की गई डेंगू की घटना सीसी (CC) समूह में 7.55 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह की तुलना में 2.57 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह थी. एमसी (MC) समूह में एएफआई (AFI) की घटना 40.96 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह की तुलना में 19.66 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह थी.

प्रयोगशाला में पुष्टि किये गए डेंगू के विरुद्ध ईपी का समग्र सुरक्षात्मक प्रभाव 65.77 प्रतिशत था, तथा एएफआई (AFI) के विरुद्ध 52.58 प्रतिशत था. एमसी में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या शून्य थी, जबकि सीसी में यह 4.35 प्रतिशत थी. दोनों समूहों में से किसी में भी डेंगू से संबंधित मृत्यु का कोई मामला सामने नहीं आया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ देवदत्त नायक ने कहा कि ईपी 30 सी डेंगू के खिलाफ निवारक के रूप में प्रभावी पाया गया है. डॉ. नायक ने कहा, 'होम्योपैथिक दवा यूपेटोरियम परफोलिएटम (ईपी) 30सी में डेंगू संक्रमण के खिलाफ 65 प्रतिशत सुरक्षात्मक प्रभाव है.'

डॉ. नायक के अनुसार केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद डेंगू के खिलाफ रोगनिरोधी के रूप में यूपेटोरियम परफोलिएटम के उपयोग पर सलाह जारी करती रहती है. ऐसी ही एक सलाह में कहा गया, 'यूपेटोरियम परफोलिएटम 30सी की एक खुराक लें. जोखिम बने रहने तक हर महीने यही खुराक दोहराएं.' डॉ. नायक ने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं वायरल संक्रमण, विशेषकर डेंगू बुखार के खिलाफ रोकथाम में प्रभावी मानी जाती हैं.

ये भी पढ़ें-इन देशी-विदेशी हस्तियों का Homeopathy पर रहा है विश्वास, अनेक रोगों में है असरकारक

नई दिल्ली: प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि होम्योपैथिक दवा ईपी 30 सी (EP 30C) डेंगू संक्रमण को काफी हद तक रोका है. ईपी 30सी एक दवा यूपेटोरियम परफोलिएटम लिन नामक पौधे से तैयार की जाती है.

केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद भी डेंगू के खिलाफ इस दवा के इस्तेमाल पर जोर दे रही है. अध्ययन के दौरान दिल्ली की 6 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 40,769 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया गया. यह अध्ययन 2017 के डेंगू प्रकोप के दौरान डेंगू बुखार और तेज बुखार पीड़ितों पर किया गया. इसमें दवा के प्रभाव का अध्ययन किया गया.

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया, 'यह एक संभावित, ओपन-लेबल, समुदाय-आधारित समानांतर विशेष (cohort study) अध्ययन था जिसमें दिल्ली की 6 शहरी जेजे कॉलोनियों में रहने वाले स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया था.' प्रतिभागियों को दो समूहों में नामांकित किया गया था. दवा समूह (medicine cohort) और नियंत्रण समूह (control cohort). एमसी में प्रतिभागियों को डेंगू के बारे में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री के साथ 10 सप्ताह के लिए साप्ताहिक रूप से ईपी 30 सी की एक खुराक दी गई थी.

40,769 प्रतिभागियों में से 28,321 प्रतिभागी एमसी (MC) समूह में थे और 12,448 प्रतिभागी सीसी (CC) समूह में थे. एमसी (MC) समूह में प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि की गई डेंगू की घटना सीसी (CC) समूह में 7.55 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह की तुलना में 2.57 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह थी. एमसी (MC) समूह में एएफआई (AFI) की घटना 40.96 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह की तुलना में 19.66 प्रति 10,000 व्यक्ति-सप्ताह थी.

प्रयोगशाला में पुष्टि किये गए डेंगू के विरुद्ध ईपी का समग्र सुरक्षात्मक प्रभाव 65.77 प्रतिशत था, तथा एएफआई (AFI) के विरुद्ध 52.58 प्रतिशत था. एमसी में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या शून्य थी, जबकि सीसी में यह 4.35 प्रतिशत थी. दोनों समूहों में से किसी में भी डेंगू से संबंधित मृत्यु का कोई मामला सामने नहीं आया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ देवदत्त नायक ने कहा कि ईपी 30 सी डेंगू के खिलाफ निवारक के रूप में प्रभावी पाया गया है. डॉ. नायक ने कहा, 'होम्योपैथिक दवा यूपेटोरियम परफोलिएटम (ईपी) 30सी में डेंगू संक्रमण के खिलाफ 65 प्रतिशत सुरक्षात्मक प्रभाव है.'

डॉ. नायक के अनुसार केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद डेंगू के खिलाफ रोगनिरोधी के रूप में यूपेटोरियम परफोलिएटम के उपयोग पर सलाह जारी करती रहती है. ऐसी ही एक सलाह में कहा गया, 'यूपेटोरियम परफोलिएटम 30सी की एक खुराक लें. जोखिम बने रहने तक हर महीने यही खुराक दोहराएं.' डॉ. नायक ने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं वायरल संक्रमण, विशेषकर डेंगू बुखार के खिलाफ रोकथाम में प्रभावी मानी जाती हैं.

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