नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की अधिसूचना जारी होने के बाद बुधवार को पहली बार 14 आवेदकों को नागरिकता के प्रमाणपत्र सौंपे गए. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने नई दिल्ली में इन आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा. इस अवसर पर गृह सचिव भल्ला ने आवेदकों को बधाई दी और नागरिकता संशोधन नियम, 2024 की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला. सचिव डाक, निदेशक (आईबी), भारत के रजिस्ट्रार जनरल और वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे.
भारत सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से ठीक पहले 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 को अधिसूचित किया था. जिसमें आवेदन पत्र की प्रक्रिया, जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा आवेदनों पर कार्रवाई की प्रक्रिया और राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) द्वारा जांच व नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान शामिल है.
सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भाकर आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस नियम के तहत ऐसे शरणार्थी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके थे.
दस्तावेजों के सत्यापन के बाद वरिष्ठ डाक अधीक्षकों और डाक अधीक्षकों की अध्यक्षता में नामित अधिकारियों की जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई गई. नियम के अनुसार कार्यवाही के बाद डीएलसी ने आवेदनों को निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति को भेजा. आवेदनों पर कार्यवाही प्रक्रिया पूरी तर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है.
नई दिल्ली स्थित निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति ने विधिवत जांच के बाद 14 आवेदकों को नागरिकता प्रदान की. इसके बाद निदेशक (जनगणना संचालन) ने इन आवेदकों को नागरिकता के प्रमाण-पत्र प्रदान किए.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2024 की अधिसूचना के बाद गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. हेल्पलाइन नंबर टोल-फ्री है और आवेदक सीएए से संबंधित जानकारी के लिए भारत में कहीं से भी कॉल कर सकते हैं. सरकार ने मोबाइल फोन के जरिये आवेदन की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप 'CAA-2019' भी लॉन्च किया है.
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