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धमतरी के सेमरा गांव में अनहोनी के डर से 7 दिन पहले खेली जाती है होली, जानिए किस रीति रिवाज के तहत होता है ऐसा ?

Dhamtari Semra village Holi: धमतरी के सेमरा गांव में होली के 7 दिनों पहले लोग होली खेलते हैं. यहां के लोग सालों से अनहोनी के डर से हर त्यौहार को सात दिन पहले ही मना लेते हैं. आखिर इसके पीछे क्या रीति रिवाज है इसे जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

Dhamtari Semra village Holi
धमतरी सेमरा गांव की होली
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 18, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 10:15 PM IST

सेमरा गांव में अनोखी होली

धमतरी: आज के दौर में भी कई लोग पुरानी परम्परा के साथ जी रहे हैं. कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पुरानी परम्परा को अनहोनी के डर से भी निभाते आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक गांव में देखने को मिल रहा है. यहां अनहोनी के डर से लोग 7 दिन पहले होली खेलते हैं. वर्षों पुरानी इस परंपरा के पीछे एक मान्यता है कि अगर होली वाले दिन ही होली मनाई गई, तो गांव में विपदा आ सकती है. आज 21वीं सदी में भी गांव का युवा वर्ग इस पुरातन परंपरा को निभा रहा है.

सेमरा गांव के लोगों ने खेली होली: दरअसल, इन दिनों पूरे देश में होली की तैयारियां चल रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सेमरा गांव में 7 दिन पहले ही होली खेली जाती है. सालों से यहां के लोग इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं. अनहोनी का ऐसा खौफ इन गांववालों के मन में है कि यहां के लोग होली वाले दिन न तो रंग खेलते हैं, ना ही गुलाल. इतना ही नहीं यहां ढ़ोल-नगाड़े भी होली के दिन नहीं बजाए जाते. ना ही लोग इस दिन कोई खास पकवान बनाते हैं. ये सारी चीजें लोग 7 दिन पहले ही कर लेते हैं. सोमवार 18 मार्च को लोगों ने सेमार गांव में होली मनाई.

जानिए परम्परा के पीछे की कहानी और रीति रिवाज: गांव के बुजुर्ग की मानें तो गांव के देवता सिरदार देव हैं. सालों पहले जब गांव में विपदा आई थी, तब गांव के मुखिया को ग्राम देवता सिरदार देव सपने में आए और आदेश दिया कि हर त्यौहार और पर्व सात दिन पहले मना लें. अगर ऐसा नहीं किया तो गांव में फिर से कोई न कोई विपदा जरूर आएगी. शुरू में सभी लोगों ने इस बात को नहीं माना और परंपरागत रूप से त्यौहार मनाने लगे, लेकिन कुछ दिनों बाद गांव में संकट आने लगा. कभी बीमारी, तो कभी अकाल पड़ने लगा. तब ग्रामीणों ने सपने वाली बात का पालन करने का फैसला किया. तब से ही ये परंपरा चली आ रही है. गांव के बुजुर्गो के कहने पर युवा भी इस परम्परा का पालन करते आ रहे हैं. आज भी ये परम्परा निभाई जा रही है.

क्या कहते हैं ग्रामीण: गांववालों की मानें तो यहां हर त्यौहार सात दिन पहले ही मना लिया जाता है. वरना गांव में कई तरह की परेशानी आने लगती है. ग्राम देवता के प्रकोप से बचने के लिए ये ग्रामीण सात दिन पहले ही होली का त्यौहार मना लेते हैं. होली ही नहीं ये ग्रामीण हर त्यौहार सात दिन पहले मनाते हैं.

बता दें कि पूरे देश में 25 मार्च को होली है. वहीं, सेमरा गांव के लोग 7 दिन पहले ही होली खेलते हैं. आस-पास के क्षेत्र के लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं, हालांकि गांव के लोग आज भी अनहोनी के डर से इस परम्परा को निभा रहे हैं.

SPECIAL: एक हफ्ते पहले रंग और फाग में डूबा सेमरा, आखिर क्या है कहानी
यहां हफ्तेभर पहले ही मना ली जाती है होली,सदियों से चली आ रही परंपरा
SPECIAL: इस डर की वजह से इस गांव में एक हफ्ते पहले ही मनाई गई दिवाली

सेमरा गांव में अनोखी होली

धमतरी: आज के दौर में भी कई लोग पुरानी परम्परा के साथ जी रहे हैं. कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पुरानी परम्परा को अनहोनी के डर से भी निभाते आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक गांव में देखने को मिल रहा है. यहां अनहोनी के डर से लोग 7 दिन पहले होली खेलते हैं. वर्षों पुरानी इस परंपरा के पीछे एक मान्यता है कि अगर होली वाले दिन ही होली मनाई गई, तो गांव में विपदा आ सकती है. आज 21वीं सदी में भी गांव का युवा वर्ग इस पुरातन परंपरा को निभा रहा है.

सेमरा गांव के लोगों ने खेली होली: दरअसल, इन दिनों पूरे देश में होली की तैयारियां चल रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सेमरा गांव में 7 दिन पहले ही होली खेली जाती है. सालों से यहां के लोग इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं. अनहोनी का ऐसा खौफ इन गांववालों के मन में है कि यहां के लोग होली वाले दिन न तो रंग खेलते हैं, ना ही गुलाल. इतना ही नहीं यहां ढ़ोल-नगाड़े भी होली के दिन नहीं बजाए जाते. ना ही लोग इस दिन कोई खास पकवान बनाते हैं. ये सारी चीजें लोग 7 दिन पहले ही कर लेते हैं. सोमवार 18 मार्च को लोगों ने सेमार गांव में होली मनाई.

जानिए परम्परा के पीछे की कहानी और रीति रिवाज: गांव के बुजुर्ग की मानें तो गांव के देवता सिरदार देव हैं. सालों पहले जब गांव में विपदा आई थी, तब गांव के मुखिया को ग्राम देवता सिरदार देव सपने में आए और आदेश दिया कि हर त्यौहार और पर्व सात दिन पहले मना लें. अगर ऐसा नहीं किया तो गांव में फिर से कोई न कोई विपदा जरूर आएगी. शुरू में सभी लोगों ने इस बात को नहीं माना और परंपरागत रूप से त्यौहार मनाने लगे, लेकिन कुछ दिनों बाद गांव में संकट आने लगा. कभी बीमारी, तो कभी अकाल पड़ने लगा. तब ग्रामीणों ने सपने वाली बात का पालन करने का फैसला किया. तब से ही ये परंपरा चली आ रही है. गांव के बुजुर्गो के कहने पर युवा भी इस परम्परा का पालन करते आ रहे हैं. आज भी ये परम्परा निभाई जा रही है.

क्या कहते हैं ग्रामीण: गांववालों की मानें तो यहां हर त्यौहार सात दिन पहले ही मना लिया जाता है. वरना गांव में कई तरह की परेशानी आने लगती है. ग्राम देवता के प्रकोप से बचने के लिए ये ग्रामीण सात दिन पहले ही होली का त्यौहार मना लेते हैं. होली ही नहीं ये ग्रामीण हर त्यौहार सात दिन पहले मनाते हैं.

बता दें कि पूरे देश में 25 मार्च को होली है. वहीं, सेमरा गांव के लोग 7 दिन पहले ही होली खेलते हैं. आस-पास के क्षेत्र के लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं, हालांकि गांव के लोग आज भी अनहोनी के डर से इस परम्परा को निभा रहे हैं.

SPECIAL: एक हफ्ते पहले रंग और फाग में डूबा सेमरा, आखिर क्या है कहानी
यहां हफ्तेभर पहले ही मना ली जाती है होली,सदियों से चली आ रही परंपरा
SPECIAL: इस डर की वजह से इस गांव में एक हफ्ते पहले ही मनाई गई दिवाली
Last Updated : Mar 18, 2024, 10:15 PM IST
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