श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोल ने पुष्टि की कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 61.13फीसदी मतदान हुआ. ये शुरुआती अनुमान 59 फीसदी से अधिक है. चुनाव अधिकारी ने कहा, 'इस बार हमने जिलेवार आंकड़े निकाले और परिसीमन के बाद कोई भी विधानसभा क्षेत्र दो जिलों में नहीं फैला है.' उन्होंने उच्च मतदान का श्रेय शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया को दिया.
इसके साथ ही उम्मीदवारों ने जोरदार प्रचार किया और चुनाव आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कई प्रयास किए. चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले में सबसे अधिक 80.14 फीसदी मतदान हुआ. जबकि कश्मीर के कुलगाम जिले में 62.62फीसदी मतदान हुआ. चुनाव में दक्षिण कश्मीर में खास तौर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन रहा.
पहले मतदाताओं की भागीदारी बहुत कम थी. चुनाव आयोग ने इन क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी में सुधार पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों के बाद से मतदान को लेकर लोगों में जागरूकता में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने अगले चरणों में और भी अधिक मतदान की उम्मीद जताई.
विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत का ब्यौरा
कश्मीर और जम्मू दोनों संभागों के 24 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रवासी मतदाताओं की सुविधा के लिए 3,276 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनमें 23 विशेष मतदान केंद्र शामिल थे. इसी तरह 19 जम्मू में और 4 दिल्ली में केंद्र बनाए गए थे. कश्मीर संभाग में पहलगाम निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 71.26 फीसदी मतदान हुआ. उसके बाद डी.एच. पोरा में 68.45फीसदी मतदान हुआ. कश्मीर में अन्य उल्लेखनीय मतदान में शोपियां में 57.78प्रतिशत वोटिंग हुई.
अनंतनाग पश्चिम में 48.73, कुलगाम में 62.76, श्रीगुफारा-बिजबेहरा में 60.33फीसदी मतदान हुआ. पुलवामा जिले में कश्मीर में सबसे कम 46.65फीसदी मतदान हुआ, जबकि इसके निर्वाचन क्षेत्र त्राल में इस चरण में सबसे कम 43.21प्रतिशत मतदान हुआ. जम्मू संभाग में सबसे अधिक मतदान इंद्रवाल में 82.16फीसदी रहा, उसके बाद पैडर-नागसेनी में 80.67फीसदी और डोडा वेस्ट में 75.98 प्रतिशत मतदान हुआ. भद्रवाह में 67.18 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि रामबन में 69.6प्रतिशत मतदान हुआ. एक अन्य प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र बनिहाल में 71.28प्रतिशत मतदान हुआ.
उपराज्यपाल ने मतदाताओं की भागीदारी की सराहना की
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मतदाताओं की भागीदारी के लिए उनकी सराहना की, जिसे उन्होंने 'ऐतिहासिक मतदान' कहा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों ने भारतीय लोकतंत्र की ताकत और लोकतांत्रिक मूल्यों में लोगों की आस्था को प्रदर्शित किया.
एक ट्वीट में सिन्हा ने चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों, जम्मू और कश्मीर पुलिस (जेकेपी) और चुनाव अधिकारियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं की बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए प्रशंसा की. इस चरण में 24 विधानसभा सीटों पर कुल 219 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. 16 कश्मीर में और 8 जम्मू में विधानसभा सीटों पर मतदान हुए.
चुनाव आयोग ने कहा- वोटिंग में वृद्धि बढ़ती लोकतांत्रिक भागीदारी का प्रमाण
इनमें 23.27 लाख से अधिक मतदाता वोट डालने के पात्र थे. इनमें 1.23 लाख पहली बार वोट देने वाले मतदाता, 60 थर्ड जेंडर मतदाता और 28,309 विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) थे, जो चुनाव प्रक्रिया की समावेशी प्रकृति को दर्शाता है. पी के पोल ने चुनाव के अगले चरणों के लिए आशा व्यक्त की, और कहा कि जैसे-जैसे अभियान तेज होते जाएंगे, मतदाताओं की भागीदारी और भी बढ़ेगी.
उन्होंने कहा, 'दक्षिण कश्मीर के जिलों में जहां पहले बहुत कम प्रतिशत दर्ज किए गए थे, अब बहुत अधिक संख्या में मतदान हो रहा है. यह जम्मू और कश्मीर में बढ़ती लोकतांत्रिक भागीदारी का प्रमाण है. इन चुनावों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि ये अनुच्छेद 370 के हटने और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में इसके पुनर्गठन के बाद जम्मू- कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है.