उत्तरकाशी (उत्तराखंड): धार्मिक स्थल विवाद को लेकर उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में महापंचायत शुरू हो गई है. महापंचायत में शामिल होने हैदराबाद के गोशामहल सीट से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह भी शिरकत कर सकते हैं, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं दूसरे समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों द्वारा मस्जिद का निर्माण किया गया और वो वर्षों से यहां रह रहे हैं. लेकिन मस्जिद के खिलाफ माहौल बनाकर शहर का माहौल खराब किया जा रहा है.
देवभूमि विचार मंच के बैनर तले होगी महापंचायत: निर्धारित कार्यक्रमानुसार, विधायक रविवार को दोपहर लगभग एक बजे महापंचायत में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंचेंगे. हालांकि दून से वह सड़क मार्ग से आएंगे या हेली सेवा से, यह स्पष्ट नहीं है. महापंचायत में हिस्सा लेने के बाद ठीक शाम चार बजे उनके दून प्रस्थान का कार्यक्रम है. उनके महापंचायत में शामिल होने को लेकर देवभूमि विचार मंच के लोगों में उत्साह का माहौल है. रविवार यानि देवभूमि विचार मंच के बैनर तले यह महापंचायत बुलाई गई है.
ये भी होंगे महापंचायत में शामिल: हैदराबाद गोशामहल सीट से विधायक टी राजा सिंह के अलावा महापंचायत में स्वामी दर्शन भारती, राकेश उत्तराखंडी, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संयोजक अनुज वालिया, हिंदू जागृति संगठन के केशवगिरि महाराज आदि पहुंचेगे. देव भूमि विचार मंच के सदस्य सूरज डबराल ने बताया कि पूर्व में महापंचायत की तैयारी पूरी कर ली गई है.
ऐसे उपजा था मस्जिद विवाद: बता दें कि उत्तरकाशी मस्जिद विवाद को लेकर 24 अक्टूबर को बवाल हुआ था. संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की ओर से मस्जिद के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकली थी. जिसके बाद पुलिस ने मस्जिद की ओर जाने वाली रोड पर बैरिकेडिंग लगाने से गुस्साए प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. इस दौरान ढाई घंटे तक गतिरोध की स्थिति बनी रही. इस बीच कहीं से पुलिस की ओर बोतल फेंकी गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा. पुलिस बल पर जमकर पथराव किया गया.
पुलिस पर किया गया पथराव: पथराव और लाठीचार्ज में प्रदर्शनकारी व पुलिसकर्मी समेत कुल 27 लोग घायल हुए. जिससे शहर में अभी तक तनाव का माहौल बना हुआ है. वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने इलाकों में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए धारा 163 लागू की. जिसके बाद पुलिस ने 208 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराएं लगाई. जिसमें तीन लोगों को जेल भेज दिया.
दूसरे समुदाय विशेष ने क्या कहा: जबकि दूसरे समुदाय विशेष का कहना है कि प्रशासन द्वारा महापंचायत आयोजन की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. कहा कि वो टिहरी रियासत के समय से निवास कर रहे हैं. मस्जिद का निर्माण 1969 में हमारे पूर्वजों ने किया गया है. अब अचानक मस्जिद के खिलाफ माहौल बनाकर शहर का माहौल खराब किया जा रहा है.सोशल मीडिया पर भी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिस पर प्रशासन को अंकुश लगाना चाहिए.
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