चंडीगढ़ : क्या पंजाब और हरियाणा पुलिस ठीक से एनडीपीएस केसों की जांच नहीं कर पाती, ये बड़ा सवाल है क्योंकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बड़ा आदेश देते हुए कहा है कि पंजाब और हरियाणा पुलिस को एनडीपीएस केसों की जांच करना हिमाचल प्रदेश की पुलिस से सीखना चाहिए. हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को आदेश देते हुए कहा है कि वो हिमाचल प्रदेश में दोनों राज्यों के पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग करवाएं ताकि वे ठीक से एनडीपीएस केसों की जांच करना सीख पाएं.
हिमाचल पुलिस से सीखें NDPS केसों की जांच : दरअसल एनडीपीएस मामले में चरखी दादरी की अदालत से दोषी करार दिए गए भूपेंद्र सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और दी गई सज़ा को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान पाया कि जांच अधिकारी से कई स्तरों पर चूक हुई है. ऐसे में हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पंजाब और हरियाणा के मुकाबले में जांच बेहतर तरीके से होती है. ऐसे में इन दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बेहतर ट्रेनिंग देने की जरूरत है ताकि वे जांच के तरीके में सुधार कर सकें. इसलिए अब हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग को हिमाचल प्रदेश में करवाने का आदेश दे दिया है.
पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को आदेश : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पुलिस पंजाब और हरियाणा की पुलिस के मुकाबले बेहतर तरीके से एनडीपीएस केसों की जांच कर रही है. ऐसे में हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के डीजीपी को आदेश देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के दारोह पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पंजाब और हरियाणा पुलिस की 3 महीने के लिए ट्रेनिंग करवाई जाए. पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को 15 दिनों के भीतर इस आदेश को लागू करने के हाईकोर्ट ने आदेश दे दिए हैं. ट्रेनिंग के लिए पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बैच तैयार कर ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. ट्रेनिंग के दौरान पंजाब और हरियाणा पुलिस के अधिकारियों के रहने, खाने-पीने समेत बाकी खर्चे पंजाब और हरियाणा पुलिस उठाएगी. इसके अलावा हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के गृह सचिव समेत धर्मशाला के दारोह पुलिस ट्रेनिंग सेंटर को इस ट्रेनिंग के लिए सभी तरह के इंतज़ाम करने के लिए कहा है.
NDPS एक्ट क्या है ? : आपको बता दें कि नशीले पदार्थों के इस्तेमाल और खरीदने, बेचने के खिलाफ देश में जो कानून है, उसे NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट कहते हैं. इसे शॉर्ट में NDPS एक्ट भी बोला जाता है. कुछ पदार्थों का प्रोडक्शन मेडिकल जरूरतों के लिए जरूरी भी होता है, ऐसे में उन पर कड़ी निगरानी रखनी होती है, वर्ना लोग नशे की गिरफ्त में जा सकते हैं. इसे रोकने के लिए NDPS एक्ट, 1985 बनाया गया है.
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