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कोटा शहर से बना 'ब्रांड', JEE-NEET में हर साल हजारों सिलेक्शन...बच्चों के साथ अभिभावकों की भी पहली पसंद - Kota Coaching Centers

जेईई और नीट परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे पहले स्टूडेंट्स के दिमाग में कोटा का नाम आता है. आए दिन बढ़ रहे सुसाइड के मामलों के बावजूद कोटा शहर बच्चों के साथ उनके अभिभावकों की भी पहली पसंद है. आखिर क्यों खास हैं कोटा के कोचिंग संस्थान और कैसे कोटा बना ब्रांड, पढ़िए इस रिपोर्ट में...

Kota Coaching Centers
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 11, 2024, 7:15 AM IST

Updated : Apr 11, 2024, 2:30 PM IST

कोटा शहर से बना 'ब्रांड', JEE-NEET में हर साल हजारों सिलेक्शन.

कोटा. मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की कोचिंग के लिए कोटा देशभर में विख्यात है. यहां से हजारों की संख्या में सिलेक्शन हर साल आईआईटी और प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में होते हैं. सिलेक्शन रेट ज्यादा और टॉपर रहने वाले स्टूडेंट्स कोटा को ब्रांड बना जाते हैं. यह स्टूडेंट ही हर साल कोटा में नए विद्यार्थियों की राह को आसान करते हैं. ऐसे विद्यार्थियों की सलाह पर या फिर सिलेक्शन रेट के चलते ही विद्यार्थी कोटा आते हैं. इनमें से अधिकतर कक्षा 10वीं के बाद ही कोटा आ जाते हैं और 2 साल परीक्षा की तैयारी करते हैं. कुछ स्टूडेंट्स 12वीं के साथ और कुछ 12वीं पास करने के बाद कोटा आते हैं. इस साल भी बोर्ड परीक्षाओं के बाद कोटा के कोचिंग संस्थान में एडमिशन का मेला जैसा लगा है. कोटा के 10 बड़े संस्थानों में हजारों की संख्या में विद्यार्थी रोज एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं.

नए विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स भी शामिल होते हैं. इन विद्यार्थियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोटा के बारे में सभी लोग सजेस्ट करते हैं. दूसरे शहरों में भी कोचिंग संस्थानों को देखा था, लेकिन जैसा कंपटीशन कोटा में है, वैसा नहीं है. यहां से हर साल सिलेक्शन भी होते हैं, इसीलिए कोटा आए हैं.

पढ़ें. प्रशासन की सख्ती के बाद एंटी हैंगिंग डिवाइस का टोटा, शॉर्ट सप्लाई के चलते परेशान हो रहे हॉस्टल पीजी मालिक

टॉप फैकल्टी, केवल पढ़ाई : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट जीवन ज्योति अग्रवाल का कहना है कि बीते 35 से 40 साल तक कोटा का इतिहास रहा है कि यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को फैकल्टी के साथ अन्य तरह की सुविधाएं देते हैं. इसी वजह से बच्चों को कोटा एक मुफीद जगह लगती है. यहां पर बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के वे अपनी तैयारी कर पाते हैं. यहां के फैकल्टी बेहतरीन हैं, स्टूडेंट्स के मन में उपजने वाले सवाल का पहले ही उन्हें पता होता है. उसका जवाब विद्यार्थी के पूछने के पहले ही वो दे देते हैं.

हर डाइमेंशन में कोटा का पूरा सिस्टम : अग्रवाल का यह भी कहना है कि कोचिंग स्टूडेंट के लिए कोटा में पहले से ही सब कुछ डिजाइन है. यहां पर एक पूरा सिस्टम बना हुआ है. इसके तहत बच्चों को पढ़ाई से लेकर खाने-पीने और रहने की हर सुविधा उसके मुफीद मिल रही है. कोटा के लोगों ने कोचिंग स्टूडेंट के लिए हर डाइमेंशन में काम किया है. इसी के चलते यह एक परफेक्ट प्लेस बन गया है. लंबे समय तक कोटा से पढ़ रहे बच्चों ने अपना स्थान राष्ट्रीय परीक्षाओं में भी बनाया है. आईआईटी व मेडिकल एंट्रेंस में बेहतरीन रैंक व रिजल्ट ने हमेशा देश और विश्व का ध्यान आकर्षित किया है. यह एक बहुत बड़ी बात है, इसीलिए कोटा में बच्चा आना चाहता है.

पढ़ें. कोटा में सुसाइड बनी भजनलाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती, 10 साल में 148 कोचिंग स्टूडेंट्स की गई जान

रूम के साथ मिल रही हर तरह की सुविधा : हॉस्टल संचालक मानिक साहनी का कहना है कि कोटा में पढ़ने का माहौल काफी अच्छा है. यहां पर सभी सुविधा मिलती है. कोचिंग और हॉस्टल की बात की जाए तो पूरे देश से यहां पर अलग माहौल है. जिस प्रकार के यहां पर हॉस्टल और उसमें सुविधा हैं, वह भी काफी अच्छी है. हर तरीके की सुविधा बच्चों को अपने रूम के साथ ही मिल जाती है. हर बच्चे को केवल यहां पर पढ़ाई ही करनी होती है. सभी हॉस्टल में मॉनिटरिंग की जाती है. हॉस्टल एसोसिएशन ने गेटकीपर ट्रेनिंग भी यहां पर करवाई है, जिसमें स्टाफ को यह समझाया गया है कि किस तरह से बच्चों की देखभाल और उनकी मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.

कई शहर देखने के बाद कोटा को चुना : एमपी के जबलपुर से आई मधु थदानी का कहना है कि जबलपुर में भी कोचिंग हैं, लेकिन रिश्तेदारों ने कोटा जाने का सुझाव दिया. आईआईटी के लिए कोटा सबसे बेस्ट है. कोटा में ज्यादा कंपटीशन है, क्योंकि यहां ज्यादा बच्चे हैं. यहां पढ़ाई की क्वालिटी भी अच्छी है. वहीं, मध्य प्रदेश के राजगढ़ से आईं सुनीता पाटीदार का कहना है कि जेईई की कोचिंग के लिए में बेटी आभा का एडमिशन करवाया है. यहां पर काफी अच्छी फैकल्टी है. यहां पर रहना काफी अच्छा है और यहां पर पढ़ाई का माहौल भी है. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों के बच्चों ने भी कोटा से पढ़ाई की थी. सभी ने पढ़ाई के मामले में कहा कि कोटा का कोई मुकाबला नहीं है.

पढ़ें. Kota Suicide Cases : पेरेंट्स का दबाव और पढ़ाई का तनाव पड़ रहा बच्चों पर भारी, पढ़ाई का मोटा खर्चा भी बन रहा सुसाइड का कारण

कोटा को बताया था प्राथमिकता : उत्तर प्रदेश के अमेठी से आईं अंजना मिश्रा ने अपने बेटे शांतनु का एडमिशन कोटा में करवाया है. उनका कहना है कि वो अपने बेटे के साथ रहेंगी. कोटा इसलिए चुना क्योंकि यहां के बारे में काफी सुना था. उन्होंने बताया कि उनके एक परिचय अभी एसडीएम हैं, जिन्होंने भी कोटा से जेईई की तैयारी की थी, फिर एनआईटी से बीटेक किया और अब वे प्रशासनिक सेवा में एसडीएम हैं. कोटा और दूसरे शहरों की तुलना के संबंध में उनसे बातचीत की थी, उन्होंने कोटा को ही प्राथमिकता बताया है. इसी तरह से हरियाणा से आए परमिंदर सिंह का कहना है कि बेटी को जेईई की तैयारी के लिए कोटा में एडमिशन दिलाया है. यहां का वातावरण काफी अच्छा है. सुरक्षा की दृष्टि से कोटा दूसरे शहरों से अच्छा है.

अच्छा कंपटीशन मिले इसलिए आई कोटा : स्टूडेंट सान्या का कहना है कि कोटा में पूरे देश भर का क्राउड आता है. यहां कंपटीशन काफी अच्छा मिलता है. अगर ऑनलाइन या फिर अपने शहर में ही तैयारी करती तो वहां पर ये कंपटीशन नहीं मिल पाता, जो कोटा में मिलता है. यह एग्जाम में काफी मदद करता है. मेरी कोटा आने की इच्छा थी, इसमें पेरेंट्स ने सपोर्ट किया. कई कजिन भी यहां से पढ़कर सिलेक्ट हुए हैं. उनकी सफलता ने भी मुझे आकर्षित किया है.

कोटा शहर से बना 'ब्रांड', JEE-NEET में हर साल हजारों सिलेक्शन.

कोटा. मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की कोचिंग के लिए कोटा देशभर में विख्यात है. यहां से हजारों की संख्या में सिलेक्शन हर साल आईआईटी और प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में होते हैं. सिलेक्शन रेट ज्यादा और टॉपर रहने वाले स्टूडेंट्स कोटा को ब्रांड बना जाते हैं. यह स्टूडेंट ही हर साल कोटा में नए विद्यार्थियों की राह को आसान करते हैं. ऐसे विद्यार्थियों की सलाह पर या फिर सिलेक्शन रेट के चलते ही विद्यार्थी कोटा आते हैं. इनमें से अधिकतर कक्षा 10वीं के बाद ही कोटा आ जाते हैं और 2 साल परीक्षा की तैयारी करते हैं. कुछ स्टूडेंट्स 12वीं के साथ और कुछ 12वीं पास करने के बाद कोटा आते हैं. इस साल भी बोर्ड परीक्षाओं के बाद कोटा के कोचिंग संस्थान में एडमिशन का मेला जैसा लगा है. कोटा के 10 बड़े संस्थानों में हजारों की संख्या में विद्यार्थी रोज एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं.

नए विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स भी शामिल होते हैं. इन विद्यार्थियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोटा के बारे में सभी लोग सजेस्ट करते हैं. दूसरे शहरों में भी कोचिंग संस्थानों को देखा था, लेकिन जैसा कंपटीशन कोटा में है, वैसा नहीं है. यहां से हर साल सिलेक्शन भी होते हैं, इसीलिए कोटा आए हैं.

पढ़ें. प्रशासन की सख्ती के बाद एंटी हैंगिंग डिवाइस का टोटा, शॉर्ट सप्लाई के चलते परेशान हो रहे हॉस्टल पीजी मालिक

टॉप फैकल्टी, केवल पढ़ाई : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट जीवन ज्योति अग्रवाल का कहना है कि बीते 35 से 40 साल तक कोटा का इतिहास रहा है कि यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को फैकल्टी के साथ अन्य तरह की सुविधाएं देते हैं. इसी वजह से बच्चों को कोटा एक मुफीद जगह लगती है. यहां पर बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के वे अपनी तैयारी कर पाते हैं. यहां के फैकल्टी बेहतरीन हैं, स्टूडेंट्स के मन में उपजने वाले सवाल का पहले ही उन्हें पता होता है. उसका जवाब विद्यार्थी के पूछने के पहले ही वो दे देते हैं.

हर डाइमेंशन में कोटा का पूरा सिस्टम : अग्रवाल का यह भी कहना है कि कोचिंग स्टूडेंट के लिए कोटा में पहले से ही सब कुछ डिजाइन है. यहां पर एक पूरा सिस्टम बना हुआ है. इसके तहत बच्चों को पढ़ाई से लेकर खाने-पीने और रहने की हर सुविधा उसके मुफीद मिल रही है. कोटा के लोगों ने कोचिंग स्टूडेंट के लिए हर डाइमेंशन में काम किया है. इसी के चलते यह एक परफेक्ट प्लेस बन गया है. लंबे समय तक कोटा से पढ़ रहे बच्चों ने अपना स्थान राष्ट्रीय परीक्षाओं में भी बनाया है. आईआईटी व मेडिकल एंट्रेंस में बेहतरीन रैंक व रिजल्ट ने हमेशा देश और विश्व का ध्यान आकर्षित किया है. यह एक बहुत बड़ी बात है, इसीलिए कोटा में बच्चा आना चाहता है.

पढ़ें. कोटा में सुसाइड बनी भजनलाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती, 10 साल में 148 कोचिंग स्टूडेंट्स की गई जान

रूम के साथ मिल रही हर तरह की सुविधा : हॉस्टल संचालक मानिक साहनी का कहना है कि कोटा में पढ़ने का माहौल काफी अच्छा है. यहां पर सभी सुविधा मिलती है. कोचिंग और हॉस्टल की बात की जाए तो पूरे देश से यहां पर अलग माहौल है. जिस प्रकार के यहां पर हॉस्टल और उसमें सुविधा हैं, वह भी काफी अच्छी है. हर तरीके की सुविधा बच्चों को अपने रूम के साथ ही मिल जाती है. हर बच्चे को केवल यहां पर पढ़ाई ही करनी होती है. सभी हॉस्टल में मॉनिटरिंग की जाती है. हॉस्टल एसोसिएशन ने गेटकीपर ट्रेनिंग भी यहां पर करवाई है, जिसमें स्टाफ को यह समझाया गया है कि किस तरह से बच्चों की देखभाल और उनकी मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.

कई शहर देखने के बाद कोटा को चुना : एमपी के जबलपुर से आई मधु थदानी का कहना है कि जबलपुर में भी कोचिंग हैं, लेकिन रिश्तेदारों ने कोटा जाने का सुझाव दिया. आईआईटी के लिए कोटा सबसे बेस्ट है. कोटा में ज्यादा कंपटीशन है, क्योंकि यहां ज्यादा बच्चे हैं. यहां पढ़ाई की क्वालिटी भी अच्छी है. वहीं, मध्य प्रदेश के राजगढ़ से आईं सुनीता पाटीदार का कहना है कि जेईई की कोचिंग के लिए में बेटी आभा का एडमिशन करवाया है. यहां पर काफी अच्छी फैकल्टी है. यहां पर रहना काफी अच्छा है और यहां पर पढ़ाई का माहौल भी है. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों के बच्चों ने भी कोटा से पढ़ाई की थी. सभी ने पढ़ाई के मामले में कहा कि कोटा का कोई मुकाबला नहीं है.

पढ़ें. Kota Suicide Cases : पेरेंट्स का दबाव और पढ़ाई का तनाव पड़ रहा बच्चों पर भारी, पढ़ाई का मोटा खर्चा भी बन रहा सुसाइड का कारण

कोटा को बताया था प्राथमिकता : उत्तर प्रदेश के अमेठी से आईं अंजना मिश्रा ने अपने बेटे शांतनु का एडमिशन कोटा में करवाया है. उनका कहना है कि वो अपने बेटे के साथ रहेंगी. कोटा इसलिए चुना क्योंकि यहां के बारे में काफी सुना था. उन्होंने बताया कि उनके एक परिचय अभी एसडीएम हैं, जिन्होंने भी कोटा से जेईई की तैयारी की थी, फिर एनआईटी से बीटेक किया और अब वे प्रशासनिक सेवा में एसडीएम हैं. कोटा और दूसरे शहरों की तुलना के संबंध में उनसे बातचीत की थी, उन्होंने कोटा को ही प्राथमिकता बताया है. इसी तरह से हरियाणा से आए परमिंदर सिंह का कहना है कि बेटी को जेईई की तैयारी के लिए कोटा में एडमिशन दिलाया है. यहां का वातावरण काफी अच्छा है. सुरक्षा की दृष्टि से कोटा दूसरे शहरों से अच्छा है.

अच्छा कंपटीशन मिले इसलिए आई कोटा : स्टूडेंट सान्या का कहना है कि कोटा में पूरे देश भर का क्राउड आता है. यहां कंपटीशन काफी अच्छा मिलता है. अगर ऑनलाइन या फिर अपने शहर में ही तैयारी करती तो वहां पर ये कंपटीशन नहीं मिल पाता, जो कोटा में मिलता है. यह एग्जाम में काफी मदद करता है. मेरी कोटा आने की इच्छा थी, इसमें पेरेंट्स ने सपोर्ट किया. कई कजिन भी यहां से पढ़कर सिलेक्ट हुए हैं. उनकी सफलता ने भी मुझे आकर्षित किया है.

Last Updated : Apr 11, 2024, 2:30 PM IST
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