वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 28 लोगों के खिलाफ कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट के मामले में गलत तरीके से इसे प्रस्तुत किए जाने को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट में दायर की गई याचिका पर आज सुनवाई टल गई. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट) की अदालत में दाखिल इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी, और उसके चेयरमैन समेत 28 लोगों को विपक्षी बनाया गया है. अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 जून की तारीख तय की है.
याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास सिंह की तरफ से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 28 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं. विकास सिंह का कहना है कि मामला मानव संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत कोर्ट के सामने पेश किया गया है. इस मामले में एस्ट्रोजन कंपनी और उसके चेयरमैन को भी आरोपी बनाया गया है. याचिका में कंपनी से जुड़े लोगों को वैक्सीन के दुष्प्रभाव के लिए जिम्मेदार बताया गया है.
एमपी एमएलए कोर्ट में दाखिल याचिका को वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय की एसीजेएम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. जिसकी आज पहली सुनवाई होगी. दाखिल याचिका में महामारी के दौरान लगाई गई कोविशील्ड वैक्सीन से हो रहा है. साइड इफेक्ट का दावा किया गया है. विकास का आरोप है कि गलत तरीके से झूठ बोलकर चीजों को प्रस्तुत किया गया, जिसकी वजह से लोगों को नुकसान पहुंचा है.
9 मई 2024 को वकील गोपाल कृष्ण के जरिए यह आवेदन कोर्ट में दाखिल किया गया था. विकास का कहना है कि लोगों को कोरोना का डर दिखाकर मिली भगत करके बिना परीक्षण के कोविशील्ड दवा तैयार हुई और इसका भय दिखाकर लोगों को जबरदस्ती लगवाई भी गई. भाजपा को चंदा देकर वैक्सीन में कंपनी ने अपना फायदा करने का काम किया है और पब्लिक को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला है. फिलहाल आज कोर्ट के सामने पहली सुनवाई होगी.
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