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सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिये इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर 18 को सुनवाई - newly MP Rashid Engineer hearing

Rashid Engineer Plea Hearing: जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सांसद राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति की मांग पर 18 जून को सुनवाई होगी.

राशिद इंजीनियर को लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति की मांग पर  सुनवाई 18 जून को
राशिद इंजीनियर को लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति की मांग पर सुनवाई 18 जून को (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 10, 2024, 8:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सांसद राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति देने की मांग पर 18 जून को सुनवाई करेगी. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने ये आदेश दिया. सोमवार को सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि सांसदों के शपथ लेने का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया गया है. जिसपर कोर्ट ने मामले में 18 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर 18 जून से पहले शपथ लेने का नोटिफिकेशन जारी होता है तो याचिकाकर्ता कोर्ट आ सकते हैं. बता दें कि कोर्ट ने इंजीनियर राशिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. राशिद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. राशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

ये भी पढ़ें : अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार को लिखा पत्र, सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए मांगी रिहाई

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने , सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें : आजम खान को एक और राहत: डूंगरपुर बस्ती में तोड़फोड़-लूटपाट के तीसरे मामले में बरी हुए

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए सांसद राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति देने की मांग पर 18 जून को सुनवाई करेगी. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने ये आदेश दिया. सोमवार को सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि सांसदों के शपथ लेने का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया गया है. जिसपर कोर्ट ने मामले में 18 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर 18 जून से पहले शपथ लेने का नोटिफिकेशन जारी होता है तो याचिकाकर्ता कोर्ट आ सकते हैं. बता दें कि कोर्ट ने इंजीनियर राशिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था.

राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. राशिद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. राशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

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एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने , सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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