नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली के कथित शराब घोटाले के सीबीआई केस में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कोर्ट के सामने दलील दी. इस दलील में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का भी जिक्र किया गया. सिंघवी ने अदालत में कहा कि तीन दिन पहले हमने देखा पाकिस्तान में इमरान खान रिहा हुए, उन्हें दोबारा दूसरे केस में गिरफ़्तार कर लिया गया. हमने अखबारों में पढ़ा लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं, हमारा वैसा देश नहीं हैं, ऐसा हमारे देश में नहीं हो सकता.
वहीं, दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद जमानत पर फैसला किया जाएगा. 29 जुलाई को उनकी जमानत पर फैसला आ सकता है. बुधवार को कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस हुई.
केजरीवाल एक सीएम हैं, कोई आतंकवादी नहीं: सिंघवी
सिंघवी ने कोर्ट में ये भी कहा कि "अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं, कोई आतंकवादी नहीं कि उनको जमानत ना मिले. तारीखें इस बात का बयान देती हैं कि गिरफ्तारी की कोई जरूरत नही थी. ये केवल इंश्योरेंस अरेस्ट था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि पूछताछ गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता. ये कोई पोस्ट ऑफिस सिस्टम नहीं है. अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर 25 जून को एक अर्जी दायर की गई. ट्रायल कोर्ट ने केवल एक आधार पर अरेस्ट की इजाजत दे दी.
CBI की तरफ़ से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डी पी सिंह की दलील
- सरकारी वकील होने के नाते मैं इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकता जिसका कोई कानूनी अर्थ नहीं है
- इंश्योरेंस अरेस्ट जैसे शब्द का इस्तेमाल न्यायसंगत नहीं है
- जांच एजेंसी होने के नाते हमारे पास अपने अधिकार है हमारे पास अपने अधिकार हैं कि किस आरोपी के खिलाफ कब चार्जशीट करनी है और किस आरोपी को किस समय बुलाना है
- वो एक मुख्यमंत्री हैं उनकी भूमिका साफ़ नहीं थी क्योंकि क्योंकि शराब नीति आबकारी मंत्री के तहत बनी थी लेकिन जब जरूरी लगा उन्हें बुलाया गया
- सिंघवी ने इंन्योरेंस गिरफ्तारी शब्द अपनी तरफ से गढ़ा है ये अनुचित है.
- सीबीआई ने उन्हे धारा 160 के तहत बुलाया था, लेकिन यह धारा गवाहों के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल केस के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है. ये कोई भी हो सकता है
- इनका कहना है कि उनसे पूछताछ 9 घंटे तक चली. हमारे पास ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग है. सब कुछ टाइप किया गया, उन्होंने उसे चेक किया और उसमें सुधार भी किए और उन सुधारों को समायोजित किया गया.
- इस दौरान सीबीआई कार्यालय के बाहर भारी भीड़ थी.
- कौन तय करेगा कि किसी मामले की जांच कैसे की जाए? क्या ये तय करेंगे?
केजरीवाल की ओर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी का पक्ष
- 'अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, आतंकवादी नहीं कि उनको जमानत ना मिले'
- 'तीन दिन पहले पाकिस्तान में इमरान खान को रिहा किया गया, सभी ने अखबार में पढ़ा और उन्हें फिर से दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. हमारे देश में ऐसा नहीं हो सकता'
- 'सीबीआई ने इंश्योरेंस अरेस्ट के तौर पर केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की है. सीबीआई का मकसद सिर्फ यही था कि वह किसी भी सूरत में जेल से बाहर न निकले'
- 'नया सबूत क्या है? मगुंटा रेड्डी का बयान जनवरी में दर्ज किया गया था'
- 'सीबीआई के पास गिरफ्तार करने के लिए कोई सामग्री नहीं थी, मेरे पक्ष में रिहाई के तीन आदेश हैं'
- 'सीबीआई गिरफ्तारी का कोई भी कारण नहीं बताया गया, बिना नोटिस बिना सुनवाई के, गिरफ्तारी की अनुमति दे दी गई'
- सिंघवी ने सीआरपीसी की धारा 41ए का हवाला दिया
- 'गिरफ़्तारी क्यों? क्या यह वाकई ज़रूरी है? इससे क्या फ़ायदा होगा?'
- 'सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी अनावश्यक थी, मामले की तारीखें खुद ही रो रही हैं'
- 'ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई के प्रोडक्शन वारंट जारी करने के आवेदन को स्वीकार कर लिया, जबकि जांच एजेंसी ने 25 जून को लगभग 3 घंटे तक उनसे पूछताछ की थी'
- 'तारीखें इस बात का बयान देती है कि गिरफ्तारी की कोई जरूरत नही थी, ये केवल इंसोरेंस अरेस्ट था'
'सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में साफ कहा है कि इंटेरोगेशन गिरफ़्तारी का आधार नहीं हो सकता' - 'ये कोई पोस्ट ऑफिस सिस्टम नहीं है कि अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर 25 जून को एक अर्जी दाखिल की गई, , निचली अदालत ने केवल एक आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत दे दी'
- 'आर्टिकल 21 और 22 को इस मामले में अनदेखा किया गया, इस मामले में केवल एक आधार था कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं, सीबीआई ने अपनी अर्जी में गिरफ्तारी का कोई आधार नही दिया. केवल कहा कि मुझे गिरफ्तार करना है'
- 'एक भी आधार नही बताए गए कि आखिर गिरफ्तारी क्यों की जा रही है. मुझे बिना सुने 25 जून को सीबीआई की अर्जी को मंजूरी मिल गई और मुझे गिरफ्तार किया गया'
- दो साल पहले सीबीआई ने एफआइआर दर्ज की थी, 14 अप्रैल 2023 को मुझे समन मिला, लेकिन वो गवाह के तौर पर था.
- '16 अप्रैल 2023 के दिन 9 घंटे तक मुझ से पुछताछ हुई थी, ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला है क्योंकि मेरे खिलाफ सीबीआई ने एक साल तक कुछ नही किया'.
- 'सुप्रीम कोर्ट ने मुझे जमानत दी, मैं 2 जून को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वापस तिहाड़ जेल गया, - इस मामले में सीबीआई ने जो गिरफ्तारी की उसका कोई आधार नहीं'.
- 'ED मामले में मुझे निचली अदालत ने जमानत दी, उसके बाद मुझे वेकेशन जज के समक्ष पेश किया गया. 26 जून को सीबीआई एक्टिव हुई और गिरफ्तारी की गई'.
हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. अरविंद केजरीवाल को ED केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. बता दें कि 26 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा था. राऊज एवेन्यू कोर्ट के ड्यूटी जज अमिताभ रावत ने कहा था कि केजरीवाल की सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है. बाद में 29 जून को सीबीआई से गिरफ्तारी होने पर केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
कोर्ट में सीबीआई ने सबूत होने का दावा पेश किया
बता दें कि 26 जून केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई की ओर से वकील डीपी सिंह ने कोर्ट से कहा था कि कई गवाहों के बयान हैं कि एक व्यक्ति केजरीवाल से दिल्ली आबकारी नीति के बारे में मिलता है, ऐसा इस नीति के बनने के पहले भी हुआ। डीपी सिंह ने मगुंटा रेड्डी के बयानों का जिक्र किया. डीपी सिंह ने कहा कि सीबीआई के पास इस बात के साक्ष्य हैं कि साउथ ग्रुप ने बताया कि आबकारी नीति कैसे तैयार की जाए. साउथ ग्रुप दिल्ली आयी. उस समय कोरोना अपने चरम पर था और लोग मर रहे थे. उन्होंने एक रिपोर्ट बनाई और अभिषेक बोइनपल्ली को दी. ये रिपोर्ट विजय नायर के जरिये मनीष सिसोदिया को दी गया. डीपी सिंह ने कहा कि कोरोना के दौरान जल्दबाजी में नोटिफिकेशन जारी किया गया.
दिल्ली हाईकोर्ट से 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था. 21 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के मामले में केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी.
ये भी पढ़ें-तिहाड़ जेल की रिपोर्ट में केजरीवाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं, आतिशी ने भाजपा पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
ये भी पढ़ें- स्वाति मालीवाल केस: CM केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ 500 पेज की चार्जशीट दाखिल