लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. सरकार ने इस पूरे प्रकरण को काफी गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था. साथ ही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम भी गठित की थी.
एसआईटी ने घटना की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने एसआईटी की रिपोर्ट को घटना की गंभीरता के हिसाब से न होकर राजनीति से प्रेरित बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके मायावती ने एसआईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.
मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया कि यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं का बच्चों की मौत सरकारी लापरवाही का जीता जागता प्रमाण है. लेकिन, एसआईटी की सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से न होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है. यह अति दुखद है.
मायावती ने लिखा कि इस अति जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंता का कारण है. साथ ही उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीन चिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है. सरकार जरूर ध्यान दे जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
बता दें कि हाथरस कांड पर विपक्षी दल सरकार को चौतरफा घर रहे हैं. सत्संग के मुख्य आयोजक भोले बाबा पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई न किए जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार भोले बाबा को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही हैं. आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मोदी सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री रामदास अठावले ने भी कहा है कि मृतकों के परिजनों को सरकार ने जो मुआवजा दिया है वह तो ठीक है. भोले बाबा की संपत्ति से भी उन्हें मुआवजा दिया जाए.
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