नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को 19 साल की उस लड़की के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और 29 सितंबर 2020 में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
राहुल गांधी के हाथरस दौरे को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हमला बोला था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोगों को भड़काना चाहते हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "राहुल गांधी आपके अंदर निराशा का भाव है, आप कुंठा के शिकार हैं. आपको ये भी नहीं पता कि हाथरस मामले की सीबीआई जांच हो चुकी है. मामला कोर्ट में चल रहा है."
#WATCH | Uttar Pradesh: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi arrives at Boolgarhi village in Hathras to meet the family of the 2020 rape victim. pic.twitter.com/2sxOvyxPPy
— ANI (@ANI) December 12, 2024
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, कानून व्यवस्था के मामले में नंबर 1 राज्य बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की चर्चा होती है. आज हम कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति आ रही है, जबकि आप उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में, दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं, लोगों को भड़काना चाहते हैं. कृपया ऐसा न करें, मेरा आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर 1 राज्य बनने के लिए तैयार हो रहा है."
#WATCH | Uttar Pradesh: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi leaves from Boolgarhi village in Hathras after meeting the family of the 2020 rape victim. pic.twitter.com/ExVPxaPxaV
— ANI (@ANI) December 12, 2024
इतना ही नहीं 30 सितंबर को उसके घर के पास ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. मृतक लड़की के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की और जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने उन्हें घर में बंद कर दिया था.
सीबीआई ने शुरू की जांच
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि देह संस्कार "परिवार की इच्छा के अनुसार" किया गया था. मामले से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. देशव्यापी आक्रोश के बीच 10 अक्टूबर को सीबीआई ने अपनी जांच शुरू की.
सीबीआई ने मामले में चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (रेप), 376 ए (पीड़िता की मृत्यु या उसे अचेत अवस्था में छोड़ देना), 376 डी (गैंग रेप) और 302 (हत्या) के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2)(v) (एससी/एसटी के खिलाफ अपराध) के तहत बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था.
#WATCH | On Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi to visit Hathras today, Uttar Pradesh Deputy CM Brajesh Pathak says, " rahul gandhi, you have a feeling of despair, you are a victim of frustration. you do not even know that the cbi has investigated hathras case. the case is… pic.twitter.com/kaVv5wqijW
— ANI (@ANI) December 12, 2024
चार लोगों पर केस दर्ज
उस समय तक आरोपी पहले ही गिरफ़्तार हो चुके थे. इसके बाद हाथरस की एससी/एसटी अदालत में चार लोगों- संदीप, रामू, लवकुश और रवि के खिलाफ हत्या के प्रयास, गैंग रेप और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के उल्लंघन के आरोपों के तहत मुकदमा शुरू हुआ.
तीन आरोपी बरी
2 मार्च 2023 को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 2020 के हाथरस मामले में आरोपी चार में से तीन को बरी कर दिया. रिपोर्टों के अनुसार, संदीप सिसोदिया को गैर इरादतन हत्या और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया गया, लेकिन उसे रेप के आरोप से बरी कर दिया गया.
मामले में तीन आरोपियों को निर्दोष पाया गया और लगभग दो साल की सजा काटने के बाद उन्हें अलीगढ़ जिला जेल से रिहा कर दिया गया. परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे उनसे किए गए वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें हाथरस से दूर , बेहतर होगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक घर और नौकरी शामिल है.