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टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को किया सेना में भर्ती, यूक्रेन के खिलाफ लड़वाया जा रहा युद्ध, परिजनों की सरकार से गुहार - Haryana Youth Trapped in Russia

Haryana Youth Trapped in Russia: हरियाणा के करनाल का युवक हर्ष अपनी वीजा स्ट्रॉन्ग करने के लिए टूरिस्ट वीजा पर रूस गया था. हर्ष के साथ पंजाब के भी कुछ युवक साथ गए थे. लेकिन, रूस से बेलारूस जाने के दौरान रूसी सेना ने युवकों को गिरफ्तार कर लिया. परिजनों का आरोप है कि रूसी सेना ने जेल का डर दिखाकर जबरदस्ती सेना में भर्ती कर उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए भेज दिया है. परिजनों ने सरकार से उन्हें वापस बुलाने की मांग की है.

haryana youth trapped in russia
टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को यूक्रेन के खिलाफ लड़वाया जा रहा युद्ध.
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 7, 2024, 11:15 AM IST

टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को किया सेना में भर्ती.

करनाल: हरियाणा सहित पूरे भारत के युवा बेरोजगारी के अभाव में विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं. इस कड़ी में ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं कि विदेश जाने के चक्कर में कुछ लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं और अपने लाखों रुपए गवा कर विदेश नहीं पहुंच पाते, जो डोंकी से जाते हैं उनमें से कुछ लोगों की तो रास्ते में मौत भी हो जाती है. लेकिन, अब एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. करनाल के सम्भली गांव का युवक हर्ष टूरिस्ट वीजा पर घूमने के लिए रूस गया था. लेकिन, वहां पर वहां की पुलिस के द्वारा उसको गिरफ्तार कर लिया गया.

टूरिस्ट वीजा पर घूमने गया हरियाणा का युवक रूस में फंसा: परिजनों का आरोप है कि युवक को गिरफ्तार करके उसके सामने दो ऑप्शन रखे गए या तो 10 साल के लिए जेल में रहे या फिर 1 साल के कॉन्ट्रैक्ट के साथ रूस की आर्मी में शामिल होकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़े. मजबूरन उनसे कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवाए गए. ऐसे में अब वह रूस में रहकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है. अब हर्ष के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों का कहना है कि बेटा घूमने गया था, लेकिन वहां पर फंस गया. कहीं वहां पर उसके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए.

haryana youth trapped in russia
टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को किया सेना में भर्ती.

भारत सरकार से परिजनों की मांग: सभी जानते हैं कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई लंबे समय से जारी है जिसकी आग अब हरियाणा और पंजाब के घरों तक पहुंच गई है. टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने निकले कुछ भारतीयों को रूस की सेना ने बंदी बनाकर जबरदस्ती उन्हें यूक्रेन के डोनेक्स में लड़ने के लिए युद्ध में उतारे जाने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये युवक टूरिस्ट वीजे पर रूस गए थे. घूमते-घूमते जैसे ही वह बेलारूस पहुंचे वहां पर वहां के पुलिस के द्वारा उनको उनकी रफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उनके पास बेलारूस का वीजा नहीं था. पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद उनका रस की आर्मी को सौंप दिया गया. जिन्हें दस साल की जेल का डर दिखाकर रसियन भाषा में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर उन्हे युद्ध में उतारा गया है. जिन्हें खाने में कभी पशुओं का मीट दिया जाता है तो कभी खाली पेट रखा जा रहा है. युवक सहित उसका परिवार अब भारत सरकार से घर वापसी की अपील कर रहे हैं.

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हरियाणा के करनाल का युवक हर्ष.

युवकों ने वीडियो भेजकर बचाने की गुहार: इस मामले का खुलासा तब हुआ इन सभी युवाओं ने अपना एक सामूहिक विडियो बनाकर भारत सरकार से इस संकट से बाहर निकालने की गुहार लगाई है. विडियो जारी कर युवाओं ने बताया है "ये हो सकता है उनकी आखिरी वीडियो हो. क्योंकि युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ते समय कुछ भी हो सकता है, जिसके चलते वह बहुत ज्यादा परेशान चल रहे हैं."

रूस में फंसा हरियाणा का हर्ष: हरियाणा के करनाल जिले का हर्ष भी इनमें से एक है जो अपने घर आना चाहता है, लेकिन आ नहीं पा रहा. वो घर और सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है. अभी तक उनको कोई भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही. करनाल जिले के गांव साम्भली के 19 साल का युवा हर्ष भी इन युवाओं में शामिल है. जब हर्ष के परिवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को लेकर काफी चिंतित है और वह यही चाहते हैं कि सरकार किसी भी तरीके से उनके बेटे को भारत लेकर आए. हर्ष के परिवार में उनके माता पिता, दादी और एक बड़ा भाई है परिवार का खर्च गांव में ही एक छोटी सी परचून की दुकान से चलता है.

haryana youth trapped in russia
हर्ष की मााता और उसके भाई.

12वीं पास हर्ष दोस्तों के साथ घूमने गया है रूस: हर्ष की मां ने कहा कि जब से हर्ष के ऐसे विदेश में फंस जाने की खबर परिवार को मिली है तब से परिवार परेशान है. हर्ष की मां रोते हुए सरकार से हर्ष की वापसी की अपील की है. हर्ष की मां का कहना है "हर्ष अभी 19 वर्ष का है. उसने अभी 12वीं पास की थी और विदेश घूमना चाहता था. करीब 2.50 लाख रुपए खर्च कर वह रूस घूमने गया था. लेकिन, वहां की आर्मी ने उसे पकड़ कर यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में लड़ने भेज दिया. सरकार जल्द मेरे बेटे को वापस घर लाने में मदद करे."

बिना वीजा रूस से बेलारूस जाने के दौरान रूसी सेना ने किया गिरफ्तार: हर्ष के भाई साहिल भी हर्ष को लेकर चिंतित हैं. हर्ष के भाई ने बताया "हर्ष घूमने के लिए रूस गया था ताकि जिसका अभी 2 महीने का वीजा भी बाकी है. उनका पासपोर्ट स्ट्रॉन्ग हो इसलिए वो रूस गए थे, लेकिन एजेंट की वजह से वो बेलारूस पहुंच गए. उन्हें नहीं पता था कि बेलारूस के लिए अलग वीजा की जरूरत पड़ेगी. एजेंट उन्हें हाईवे पर छोड़ कर वहां से चला गया, जिसके बाद वहां की पुलिस ने उन्हें आर्मी के हवाले कर दिया. इसके बाद सेना ने पकड़कर जेल का डर दिखाकर कुछ दिन हथियारों की ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया. 10 साल की जेल का डर दिखाकर उन्हें एक रशियन लैंग्वेज में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया गया. एक सप्ताह तक हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. हम चिंता में हो गए. जब भाई से बात हुई तो उसने बताया कि हथियारों की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में छोड़ दिया. उन्हें युद्ध में एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. अब हमें बताया गया है कि यहां पर फोन की रेंज नहीं है और कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा."

परिवार के लोगों ने बताया कि जब उनको रूसी आर्मी के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था उनके सामने 2 ऑप्शन रखे गए थे कि या तो वह 10 साल के लिए जेल में रहे या उनकी आर्मी में 1 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेस पर शामिल हो जाए. फिर जबरन उनसे 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट करवा लिया गया, जिसमें उनको बताया गया कि उनको यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उनके सैनिकों के हेल्पर के तौर पर काम करना है.

क्या कहते हैं हरियाणा के CM?: इसी मामले को लेकर करनाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी पत्रकारों द्वारा हर्ष के विदेश में फंसे होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि यह उनके संज्ञान में नहीं था. लेकिन, अब उनके संज्ञान में आया है तो इसे जरूर देखेंगे. फिलहाल उनका इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है.

'वीजा स्ट्रॉन्ग करने के लिए रूस गया था हर्ष': हर्ष की मां ने कहा "मैं अपने बेटे को बड़े लाड प्यार से पाला था. उनके भी अरमान थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो, वह विदेश में अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया जाना चाहता था. लेकिन, उससे पहले वह अपना पासपोर्ट स्ट्रॉन्ग करना चाहता था, जिसके चलते वह टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने के लिए गया था. लेकिन, उन्हें नहीं पता था कि रूस में टूरिस्ट वीजा पर जाने के बाद उनके यह घटना घट जाएगी जिसके चलते अब परिवार बहुत परेशान है और सरकार से गुहार लगा रहा है कि किसी भी प्रकार से उनके बेटे को भारत वापस लाया जाए. हालांकि परिवार के द्वारा रूस एंबेसी से भी संपर्क किया गया है. लेकिन वहां से उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें: रूसी सेना में धोखे से शामिल किए गए भारतीय युवक की यूक्रेन से युद्ध के दौरान मौत

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टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को किया सेना में भर्ती.

करनाल: हरियाणा सहित पूरे भारत के युवा बेरोजगारी के अभाव में विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं. इस कड़ी में ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं कि विदेश जाने के चक्कर में कुछ लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं और अपने लाखों रुपए गवा कर विदेश नहीं पहुंच पाते, जो डोंकी से जाते हैं उनमें से कुछ लोगों की तो रास्ते में मौत भी हो जाती है. लेकिन, अब एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. करनाल के सम्भली गांव का युवक हर्ष टूरिस्ट वीजा पर घूमने के लिए रूस गया था. लेकिन, वहां पर वहां की पुलिस के द्वारा उसको गिरफ्तार कर लिया गया.

टूरिस्ट वीजा पर घूमने गया हरियाणा का युवक रूस में फंसा: परिजनों का आरोप है कि युवक को गिरफ्तार करके उसके सामने दो ऑप्शन रखे गए या तो 10 साल के लिए जेल में रहे या फिर 1 साल के कॉन्ट्रैक्ट के साथ रूस की आर्मी में शामिल होकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़े. मजबूरन उनसे कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवाए गए. ऐसे में अब वह रूस में रहकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है. अब हर्ष के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों का कहना है कि बेटा घूमने गया था, लेकिन वहां पर फंस गया. कहीं वहां पर उसके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए.

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टूरिस्ट वीजा पर रूस गए हरियाणा के हर्ष को किया सेना में भर्ती.

भारत सरकार से परिजनों की मांग: सभी जानते हैं कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई लंबे समय से जारी है जिसकी आग अब हरियाणा और पंजाब के घरों तक पहुंच गई है. टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने निकले कुछ भारतीयों को रूस की सेना ने बंदी बनाकर जबरदस्ती उन्हें यूक्रेन के डोनेक्स में लड़ने के लिए युद्ध में उतारे जाने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये युवक टूरिस्ट वीजे पर रूस गए थे. घूमते-घूमते जैसे ही वह बेलारूस पहुंचे वहां पर वहां के पुलिस के द्वारा उनको उनकी रफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उनके पास बेलारूस का वीजा नहीं था. पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद उनका रस की आर्मी को सौंप दिया गया. जिन्हें दस साल की जेल का डर दिखाकर रसियन भाषा में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर उन्हे युद्ध में उतारा गया है. जिन्हें खाने में कभी पशुओं का मीट दिया जाता है तो कभी खाली पेट रखा जा रहा है. युवक सहित उसका परिवार अब भारत सरकार से घर वापसी की अपील कर रहे हैं.

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हरियाणा के करनाल का युवक हर्ष.

युवकों ने वीडियो भेजकर बचाने की गुहार: इस मामले का खुलासा तब हुआ इन सभी युवाओं ने अपना एक सामूहिक विडियो बनाकर भारत सरकार से इस संकट से बाहर निकालने की गुहार लगाई है. विडियो जारी कर युवाओं ने बताया है "ये हो सकता है उनकी आखिरी वीडियो हो. क्योंकि युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ते समय कुछ भी हो सकता है, जिसके चलते वह बहुत ज्यादा परेशान चल रहे हैं."

रूस में फंसा हरियाणा का हर्ष: हरियाणा के करनाल जिले का हर्ष भी इनमें से एक है जो अपने घर आना चाहता है, लेकिन आ नहीं पा रहा. वो घर और सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है. अभी तक उनको कोई भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही. करनाल जिले के गांव साम्भली के 19 साल का युवा हर्ष भी इन युवाओं में शामिल है. जब हर्ष के परिवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को लेकर काफी चिंतित है और वह यही चाहते हैं कि सरकार किसी भी तरीके से उनके बेटे को भारत लेकर आए. हर्ष के परिवार में उनके माता पिता, दादी और एक बड़ा भाई है परिवार का खर्च गांव में ही एक छोटी सी परचून की दुकान से चलता है.

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हर्ष की मााता और उसके भाई.

12वीं पास हर्ष दोस्तों के साथ घूमने गया है रूस: हर्ष की मां ने कहा कि जब से हर्ष के ऐसे विदेश में फंस जाने की खबर परिवार को मिली है तब से परिवार परेशान है. हर्ष की मां रोते हुए सरकार से हर्ष की वापसी की अपील की है. हर्ष की मां का कहना है "हर्ष अभी 19 वर्ष का है. उसने अभी 12वीं पास की थी और विदेश घूमना चाहता था. करीब 2.50 लाख रुपए खर्च कर वह रूस घूमने गया था. लेकिन, वहां की आर्मी ने उसे पकड़ कर यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में लड़ने भेज दिया. सरकार जल्द मेरे बेटे को वापस घर लाने में मदद करे."

बिना वीजा रूस से बेलारूस जाने के दौरान रूसी सेना ने किया गिरफ्तार: हर्ष के भाई साहिल भी हर्ष को लेकर चिंतित हैं. हर्ष के भाई ने बताया "हर्ष घूमने के लिए रूस गया था ताकि जिसका अभी 2 महीने का वीजा भी बाकी है. उनका पासपोर्ट स्ट्रॉन्ग हो इसलिए वो रूस गए थे, लेकिन एजेंट की वजह से वो बेलारूस पहुंच गए. उन्हें नहीं पता था कि बेलारूस के लिए अलग वीजा की जरूरत पड़ेगी. एजेंट उन्हें हाईवे पर छोड़ कर वहां से चला गया, जिसके बाद वहां की पुलिस ने उन्हें आर्मी के हवाले कर दिया. इसके बाद सेना ने पकड़कर जेल का डर दिखाकर कुछ दिन हथियारों की ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया. 10 साल की जेल का डर दिखाकर उन्हें एक रशियन लैंग्वेज में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया गया. एक सप्ताह तक हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. हम चिंता में हो गए. जब भाई से बात हुई तो उसने बताया कि हथियारों की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में छोड़ दिया. उन्हें युद्ध में एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. अब हमें बताया गया है कि यहां पर फोन की रेंज नहीं है और कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा."

परिवार के लोगों ने बताया कि जब उनको रूसी आर्मी के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था उनके सामने 2 ऑप्शन रखे गए थे कि या तो वह 10 साल के लिए जेल में रहे या उनकी आर्मी में 1 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेस पर शामिल हो जाए. फिर जबरन उनसे 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट करवा लिया गया, जिसमें उनको बताया गया कि उनको यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उनके सैनिकों के हेल्पर के तौर पर काम करना है.

क्या कहते हैं हरियाणा के CM?: इसी मामले को लेकर करनाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी पत्रकारों द्वारा हर्ष के विदेश में फंसे होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि यह उनके संज्ञान में नहीं था. लेकिन, अब उनके संज्ञान में आया है तो इसे जरूर देखेंगे. फिलहाल उनका इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है.

'वीजा स्ट्रॉन्ग करने के लिए रूस गया था हर्ष': हर्ष की मां ने कहा "मैं अपने बेटे को बड़े लाड प्यार से पाला था. उनके भी अरमान थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो, वह विदेश में अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया जाना चाहता था. लेकिन, उससे पहले वह अपना पासपोर्ट स्ट्रॉन्ग करना चाहता था, जिसके चलते वह टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने के लिए गया था. लेकिन, उन्हें नहीं पता था कि रूस में टूरिस्ट वीजा पर जाने के बाद उनके यह घटना घट जाएगी जिसके चलते अब परिवार बहुत परेशान है और सरकार से गुहार लगा रहा है कि किसी भी प्रकार से उनके बेटे को भारत वापस लाया जाए. हालांकि परिवार के द्वारा रूस एंबेसी से भी संपर्क किया गया है. लेकिन वहां से उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

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