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हरियाणा में हरियाली को बढ़ावा दे रही सरकार, जानें वन मित्र योजना से कैसे मिलेगा लाभ? - Haryana Van Mitra Scheme

Haryana Van Mitra Scheme: हरियाणा में हरियाली और वन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार भरपूर प्रयास कर रही है. जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने वन मित्र योजना शुरू कर दी है. इस मुहिम से लोगों को काफी फायदा होगा. रिपोर्ट में विस्तार से जानें

Haryana Van Mitra Scheme
Haryana Van Mitra Scheme (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 13, 2024, 2:54 PM IST

करनाल: हरियाणा सरकार और वन विभाग का प्रयास है कि प्रदेश में वन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके. जिसके चलते वन विभाग और सरकार ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए बोलते हैं. वहीं, अब हरियाणा में इस मुहिम को और आगे बढ़ाते हुए सरकार द्वारा वन मित्र योजना शुरू की गई है. ताकि हरियाणा में वन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके और हरियाणा में हरियाली ही हरियाली हो. सरकार इस योजना के तहत जहां वन क्षेत्र को बढ़ावा देगी तो वहीं, गरीब व बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का भी काम करेगी. आइए जानते हैं कि वनमित्र योजना क्या है और इसमें हरियाणा का कौन सा वर्ग इसका फायदा उठा सकते हैं.

क्या है वन मित्र योजना: हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा में हरियाली बढ़ाने के लिए वन मित्र योजना को शुरू किया गया है. ताकि हमारा हरियाणा प्रदेश हरा भरा बना रहे और हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहे. इस योजना के तहत बेरोजगार और गरीब लोग वन मित्र बनकर अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं. इस योजना के तहत वन मित्र बनकर हरियाणा में पेड़ लगाने के लिए सरकार द्वारा प्रति वृक्ष मानदेय दिया जाएगा. यह मानदेय सरकार द्वारा वन मित्र को कई चरणों में दिया जाएगा. इसमें पेड़ का गड्ढा खोदने से लेकर पेड़ के बड़े होने तक अलग-अलग चरणों में पैसा दिया जाएगा.

कैसे और कितने चरणों में वन मित्र को मिलेगा पैसा: करनाल जिला उपायुक्त उत्तम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि "हरियाणा सरकार द्वारा यह योजना जून महीने से शुरू की गई है. जो भी वन मित्र बनता है उसे जियो टैगिंग मोबाइल ऐप पर 1 गड्डे का फोटोग्राफ अपलोड करने पर प्रति गड्ढा ₹20 मिलेगा. जुलाई और अगस्त के महीने में एक वन मित्र ने जितने भी पौधे लगाए गए हैं उन्हें प्रति पौधा ₹30 दिया जाएगा. इसके बाद सितंबर महीने में पौधारोपण के रखरखाव और संरक्षण के लिए ₹10 प्रति जीवित पौधा दिया जाएगा. ताकि पौधा लगाने के बाद वह अच्छे से ग्रोथ कर सके और जीवित रहे. यह पैसा उनको हर महीना के अंतिम सप्ताह में दिया जाएगा. इसके बाद दूसरे वर्ष में प्रत्येक महीने के अंतिम सप्ताह में जीवित पौधे की जियो टैगिंग पर प्रति जीवित पौधा ₹8 हर महीने दिए जाएंगे. तीसरे वर्ष प्रति जीवित पौधा टैगिंग करने पर हर महीने ₹5 प्रति पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे. इसके बाद चौथे वर्ष में हर महीने प्रति जीवित पौधा ₹3 महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे.

कैसे और कौन कर सकता है आवेदन: उन्होंने बताया कि वन मित्र बनने के लिए उस इंसान की वार्षिक आय 180000 रुपए से कम होनी चाहिए. उसका परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है. उसके आधार पर ही उसकी इनकम देखी जाएगी. जो इंसान इस योजना का भागीदार बनना चाहता है और वन मित्र के लिए आवेदन करना चाहता है, वह हरियाणा सरकार के वन मित्र पोर्टल या मोबाइल ऐप पर पंजीकरण कर सकता है. जिसमें उसको अपना फोन नंबर, परिवार पहचान पत्र के साथ बैंक खाता और आधार कार्ड देना होगा. उसके बाद योजना में भाग लेने वाले पात्रता की सूचना परिवार को विभिन्न माध्यमों से दी जाएगी.

क्या होगी वन मित्र की जिम्मेदारी: उन्होंने बताया कि अगर कोई इंसान हरियाणा में वन मित्र बनना चाहता है और हरियाणा सरकार की इस पहल में भागीदारी निभाना चाहता है वन मित्र बनकर उसके लिए कुछ जिम्मेदारियां रहेंगी. वन मित्र बनकर पौधारोपण करने के लिए उसको खुद भूमि की पहचान और व्यवस्था करनी पड़ेगी. अगर पौधरोपण के लिए पहचान की गई भूमि उसके स्वामित्व में नहीं आती वह भूमि के मालिक से लिखित रूप में अनुमति लेगा. रोपण के लिए गड्ढे खोदना, गड्ढा में पौधरोपण करना, मानक संचालन प्रक्रिया में निहित निर्देशों के अनुसार उसकी देखभाल व वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित करनी है.

वन मित्र को वन विभाग देगा ट्रेनिंग: उन्होंने बताया कि जो भी हरियाणा वासी इस योजना का लाभ लेना चाहता है और वह वन मित्र बनना चाहता है तो वन मित्र बनने के लिए वन विभाग के द्वारा उनको ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि वह पौधे का रखरखाव अच्छे से कर सके. इसमें वन विभाग के द्वारा वन मित्र को पौधारोपण करने के लिए स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. वन मित्र को पौधरोपण की तकनीक, रखरखाव और संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी. पौधारोपण के बाद उसमें खरपतवार, कटाई , सिंचाई, ठंड से पौधों को कैसे बचाया जा सके और अन्य सभी प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

वन मित्र को यह प्रशिक्षण वनरक्षक, वन दरोगा और रेंज अधिकारी देंगे. वन मित्रों को उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर वृक्षारोपण से संबंधित जब-जब जरूरत होगी वह उनका सहयोग करेंगे. पौधा वृक्षारोपण के बाद बड़ा हो जाएगा तब विभाग के इन्हीं कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा वृक्षारोपण के सफलता प्रतिशत के मूल्यांकन का दस्तावेज जारी किया जाएगा. इस योजना से जहां गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलेगा तो उसे प्रदेश में वन क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा और पेड़ों की संख्या बढ़ेगी. 4 साल तक सरकार से पेड़ लगाकर पैसे प्राप्त कर सकता है और प्रदेश को हरा भरा बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकता है.

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करनाल: हरियाणा सरकार और वन विभाग का प्रयास है कि प्रदेश में वन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके. जिसके चलते वन विभाग और सरकार ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए बोलते हैं. वहीं, अब हरियाणा में इस मुहिम को और आगे बढ़ाते हुए सरकार द्वारा वन मित्र योजना शुरू की गई है. ताकि हरियाणा में वन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके और हरियाणा में हरियाली ही हरियाली हो. सरकार इस योजना के तहत जहां वन क्षेत्र को बढ़ावा देगी तो वहीं, गरीब व बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का भी काम करेगी. आइए जानते हैं कि वनमित्र योजना क्या है और इसमें हरियाणा का कौन सा वर्ग इसका फायदा उठा सकते हैं.

क्या है वन मित्र योजना: हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा में हरियाली बढ़ाने के लिए वन मित्र योजना को शुरू किया गया है. ताकि हमारा हरियाणा प्रदेश हरा भरा बना रहे और हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहे. इस योजना के तहत बेरोजगार और गरीब लोग वन मित्र बनकर अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं. इस योजना के तहत वन मित्र बनकर हरियाणा में पेड़ लगाने के लिए सरकार द्वारा प्रति वृक्ष मानदेय दिया जाएगा. यह मानदेय सरकार द्वारा वन मित्र को कई चरणों में दिया जाएगा. इसमें पेड़ का गड्ढा खोदने से लेकर पेड़ के बड़े होने तक अलग-अलग चरणों में पैसा दिया जाएगा.

कैसे और कितने चरणों में वन मित्र को मिलेगा पैसा: करनाल जिला उपायुक्त उत्तम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि "हरियाणा सरकार द्वारा यह योजना जून महीने से शुरू की गई है. जो भी वन मित्र बनता है उसे जियो टैगिंग मोबाइल ऐप पर 1 गड्डे का फोटोग्राफ अपलोड करने पर प्रति गड्ढा ₹20 मिलेगा. जुलाई और अगस्त के महीने में एक वन मित्र ने जितने भी पौधे लगाए गए हैं उन्हें प्रति पौधा ₹30 दिया जाएगा. इसके बाद सितंबर महीने में पौधारोपण के रखरखाव और संरक्षण के लिए ₹10 प्रति जीवित पौधा दिया जाएगा. ताकि पौधा लगाने के बाद वह अच्छे से ग्रोथ कर सके और जीवित रहे. यह पैसा उनको हर महीना के अंतिम सप्ताह में दिया जाएगा. इसके बाद दूसरे वर्ष में प्रत्येक महीने के अंतिम सप्ताह में जीवित पौधे की जियो टैगिंग पर प्रति जीवित पौधा ₹8 हर महीने दिए जाएंगे. तीसरे वर्ष प्रति जीवित पौधा टैगिंग करने पर हर महीने ₹5 प्रति पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे. इसके बाद चौथे वर्ष में हर महीने प्रति जीवित पौधा ₹3 महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे.

कैसे और कौन कर सकता है आवेदन: उन्होंने बताया कि वन मित्र बनने के लिए उस इंसान की वार्षिक आय 180000 रुपए से कम होनी चाहिए. उसका परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है. उसके आधार पर ही उसकी इनकम देखी जाएगी. जो इंसान इस योजना का भागीदार बनना चाहता है और वन मित्र के लिए आवेदन करना चाहता है, वह हरियाणा सरकार के वन मित्र पोर्टल या मोबाइल ऐप पर पंजीकरण कर सकता है. जिसमें उसको अपना फोन नंबर, परिवार पहचान पत्र के साथ बैंक खाता और आधार कार्ड देना होगा. उसके बाद योजना में भाग लेने वाले पात्रता की सूचना परिवार को विभिन्न माध्यमों से दी जाएगी.

क्या होगी वन मित्र की जिम्मेदारी: उन्होंने बताया कि अगर कोई इंसान हरियाणा में वन मित्र बनना चाहता है और हरियाणा सरकार की इस पहल में भागीदारी निभाना चाहता है वन मित्र बनकर उसके लिए कुछ जिम्मेदारियां रहेंगी. वन मित्र बनकर पौधारोपण करने के लिए उसको खुद भूमि की पहचान और व्यवस्था करनी पड़ेगी. अगर पौधरोपण के लिए पहचान की गई भूमि उसके स्वामित्व में नहीं आती वह भूमि के मालिक से लिखित रूप में अनुमति लेगा. रोपण के लिए गड्ढे खोदना, गड्ढा में पौधरोपण करना, मानक संचालन प्रक्रिया में निहित निर्देशों के अनुसार उसकी देखभाल व वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित करनी है.

वन मित्र को वन विभाग देगा ट्रेनिंग: उन्होंने बताया कि जो भी हरियाणा वासी इस योजना का लाभ लेना चाहता है और वह वन मित्र बनना चाहता है तो वन मित्र बनने के लिए वन विभाग के द्वारा उनको ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि वह पौधे का रखरखाव अच्छे से कर सके. इसमें वन विभाग के द्वारा वन मित्र को पौधारोपण करने के लिए स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. वन मित्र को पौधरोपण की तकनीक, रखरखाव और संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी. पौधारोपण के बाद उसमें खरपतवार, कटाई , सिंचाई, ठंड से पौधों को कैसे बचाया जा सके और अन्य सभी प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

वन मित्र को यह प्रशिक्षण वनरक्षक, वन दरोगा और रेंज अधिकारी देंगे. वन मित्रों को उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर वृक्षारोपण से संबंधित जब-जब जरूरत होगी वह उनका सहयोग करेंगे. पौधा वृक्षारोपण के बाद बड़ा हो जाएगा तब विभाग के इन्हीं कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा वृक्षारोपण के सफलता प्रतिशत के मूल्यांकन का दस्तावेज जारी किया जाएगा. इस योजना से जहां गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलेगा तो उसे प्रदेश में वन क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा और पेड़ों की संख्या बढ़ेगी. 4 साल तक सरकार से पेड़ लगाकर पैसे प्राप्त कर सकता है और प्रदेश को हरा भरा बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकता है.

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