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कांग्रेस को 10 साल बाद जीत का भरोसा, बिना CM फेस के लड़ेगी हरियाणा विधानसभा का चुनाव - Haryana Assembly Election 2024

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By Amit Agnihotri

Published : Sep 13, 2024, 4:03 PM IST

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है. पार्टी इस चुनाव में बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव में उतरेगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, 90 में से करीब 70 सीटें हुड्डा खेमे को, 9 शैलजा खेमे को, 2 सीटें सुरजेवाला खेमे को और 1 सीट अजय यादव खेमे को दी गई है। एआईसीसी ने सीधे तौर पर 6 सीटों पर फैसला किया.

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हरियाणा का रण, बीएस हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा (ANI)

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बता कांग्रेस की करें तो पार्टी को 10 साल बाद राज्य में जीत का भरोसा है, लेकिन वह सीएम पद के लिए कोई चेहरा पेश नहीं करेगी.

हालांकि 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा के खेमे को बड़ा हिस्सा मिला है, लेकिन कांग्रेस ने क्षेत्रीय नेताओं से कहा है कि प्रचार के दौरान कोई सीएम चेहरा पेश नहीं किया जाएगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए टिकट बांटने में हाईकमान को शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि बीएस हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेताओं के खेमे इस मामले में अपनी बात रखना चाहते थे.

हालांकि, राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा इस मुद्दे को कुशलतापूर्वक संभालने के परिणामस्वरूप टिकटों का संतुलित वितरण हुआ, जिससे सभी पक्ष खुश थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, 90 में से करीब 70 सीटें हुड्डा खेमे को, 9 शैलजा खेमे को, 2 सीटें सुरजेवाला खेमे को और 1 सीट अजय यादव खेमे को दी गई है. एआईसीसी ने सीधे तौर पर 6 सीटों पर फैसला किया.

हरियाणा के प्रभारी एआईसीसी सचिव मनोज चौहान ने ईटीवी भारत से कहा कि," टिकट वितरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. पार्टी की तरफ से टिकटों के वितरण में सावधानी बरती गई थी जिसके कारण कांग्रेस एक अच्छी लिस्ट लेकर आई है. यही कारण है कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राज्य इकाई में कोई असंतोष नहीं था. इसके विपरित, भगवा पार्टी (BJP) द्वारा टिकटों की घोषणा के बाद राज्य भाजपा के भीतर बहुत अधिक अंतर्कलह है."

पिछले कुछ दिनों से, एआईसीसी के भीतर एक चिंता का विषय था क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा रखने में कुछ भी गलत नहीं होने का दावा करते हुए अपनी दावेदारी पेश की थी. यह जानते हुए कि इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं, हाईकमान ने शैलजा, सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा जैसे सांसदों को विधानसभा टिकट नहीं देने का फैसला किया, जिन्हें बीएस हुड्डा के खेमे द्वारा संभावित मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया जा रहा था.

जुलाना सीट से कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारी गई जानी-मानी पहलवान विनेश फोगाट हुड्डा खेमे से हैं और इलाके में वोट मांग रही हैं. वे कह रही हैं कि अब दीपेंद्र हुड्डा को अगला सीएम बनाने का समय आ गया है.

चौहान ने कहा, "पार्टी को 10 साल बाद राज्य में जीत का भरोसा है, लेकिन हम सीएम का चेहरा पेश नहीं करेंगे. पूरी हरियाणा कांग्रेस एकजुट है और सभी वरिष्ठ नेता मिलकर काम कर रहे हैं. हम पिछले 10 सालों में राज्य को पीछे धकेलने वाली भाजपा सरकार को बेनकाब करने के लिए जोरदार अभियान चलाएंगे. सीएम का चेहरा चुनाव के बाद निर्वाचित विधायकों द्वारा तय किया जाएगा." पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने टिकट वितरण में जातिगत समीकरणों का भी संतुलन बनाए रखा है, क्योंकि 35 नामांकन जाटों, ओबीसी 20, एससी 17, मुस्लिम 6, ब्राह्मण 4, वैश्य 2, पंजाबी 6 और राजपूत 1 को दिए गए हैं.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि विनेश को मैदान में उतारना राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि उस महिला पहलवान का समर्थन करने का एक तरीका है, जिसने भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.

चौहान ने कहा, "विनेश एक राष्ट्रीय गौरव हैं. हमने उन्हें अन्याय के खिलाफ पहलवान के साथ खड़े होने के लिए टिकट दिया. बीजेपी ने बृज भूषण शरण सिंह का समर्थन किया और उनका मजाक उड़ाया. अब वह जनता की अदालत में चली गई हैं."

ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल, हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बता कांग्रेस की करें तो पार्टी को 10 साल बाद राज्य में जीत का भरोसा है, लेकिन वह सीएम पद के लिए कोई चेहरा पेश नहीं करेगी.

हालांकि 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा के खेमे को बड़ा हिस्सा मिला है, लेकिन कांग्रेस ने क्षेत्रीय नेताओं से कहा है कि प्रचार के दौरान कोई सीएम चेहरा पेश नहीं किया जाएगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए टिकट बांटने में हाईकमान को शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि बीएस हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेताओं के खेमे इस मामले में अपनी बात रखना चाहते थे.

हालांकि, राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा इस मुद्दे को कुशलतापूर्वक संभालने के परिणामस्वरूप टिकटों का संतुलित वितरण हुआ, जिससे सभी पक्ष खुश थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, 90 में से करीब 70 सीटें हुड्डा खेमे को, 9 शैलजा खेमे को, 2 सीटें सुरजेवाला खेमे को और 1 सीट अजय यादव खेमे को दी गई है. एआईसीसी ने सीधे तौर पर 6 सीटों पर फैसला किया.

हरियाणा के प्रभारी एआईसीसी सचिव मनोज चौहान ने ईटीवी भारत से कहा कि," टिकट वितरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. पार्टी की तरफ से टिकटों के वितरण में सावधानी बरती गई थी जिसके कारण कांग्रेस एक अच्छी लिस्ट लेकर आई है. यही कारण है कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राज्य इकाई में कोई असंतोष नहीं था. इसके विपरित, भगवा पार्टी (BJP) द्वारा टिकटों की घोषणा के बाद राज्य भाजपा के भीतर बहुत अधिक अंतर्कलह है."

पिछले कुछ दिनों से, एआईसीसी के भीतर एक चिंता का विषय था क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा रखने में कुछ भी गलत नहीं होने का दावा करते हुए अपनी दावेदारी पेश की थी. यह जानते हुए कि इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं, हाईकमान ने शैलजा, सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा जैसे सांसदों को विधानसभा टिकट नहीं देने का फैसला किया, जिन्हें बीएस हुड्डा के खेमे द्वारा संभावित मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया जा रहा था.

जुलाना सीट से कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारी गई जानी-मानी पहलवान विनेश फोगाट हुड्डा खेमे से हैं और इलाके में वोट मांग रही हैं. वे कह रही हैं कि अब दीपेंद्र हुड्डा को अगला सीएम बनाने का समय आ गया है.

चौहान ने कहा, "पार्टी को 10 साल बाद राज्य में जीत का भरोसा है, लेकिन हम सीएम का चेहरा पेश नहीं करेंगे. पूरी हरियाणा कांग्रेस एकजुट है और सभी वरिष्ठ नेता मिलकर काम कर रहे हैं. हम पिछले 10 सालों में राज्य को पीछे धकेलने वाली भाजपा सरकार को बेनकाब करने के लिए जोरदार अभियान चलाएंगे. सीएम का चेहरा चुनाव के बाद निर्वाचित विधायकों द्वारा तय किया जाएगा." पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने टिकट वितरण में जातिगत समीकरणों का भी संतुलन बनाए रखा है, क्योंकि 35 नामांकन जाटों, ओबीसी 20, एससी 17, मुस्लिम 6, ब्राह्मण 4, वैश्य 2, पंजाबी 6 और राजपूत 1 को दिए गए हैं.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि विनेश को मैदान में उतारना राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि उस महिला पहलवान का समर्थन करने का एक तरीका है, जिसने भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.

चौहान ने कहा, "विनेश एक राष्ट्रीय गौरव हैं. हमने उन्हें अन्याय के खिलाफ पहलवान के साथ खड़े होने के लिए टिकट दिया. बीजेपी ने बृज भूषण शरण सिंह का समर्थन किया और उनका मजाक उड़ाया. अब वह जनता की अदालत में चली गई हैं."

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