नई दिल्ली: हरियाणा विधान सभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी है. शुरुआती रुझान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. अब तक सामने आए रुझानों में बीजेपी 50 और कांग्रेस 35 सीट पर बढ़त बनाए हुए, जबकि 5 सीट पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं.
वहीं, अगर बात करें चौटाला परिवार की तो चैटाला फैमिली की दोनों ही पार्टियां इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) जमानत बचाने के लिए जूझ रही हैं और परिवार के बड़े सदस्य दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला चुनाव में हार की तरफ बढ़ रहे हैं.
परिवार का हो रहा सूपड़ा साफ
बता दें कि यह पहला मौका है, जब हरियाणा के विधानसभा चुनाव में चौटाला परिवार का संघर्ष कर रहा है और उसका सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है. चुनाव में दोनों चौटाला परिवार के दोनों ही दल खाता खोलने के लिए जूझ रही हैं. गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौटाला परिवार के 5 सदस्य मैदान में हैं.
पांच सदस्य मैदान में
चुनाव में चौटाला परिवार के जो 5 सदस्य मैदान में हैं, उनमें सबसे पहला नाम दुष्यंत चौटाला का है, जो हिसार के उचाना कलां से चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक दुष्यंत फिलहाल छठवें नंबर पर चल रहे हैं. ऐसा लगता है उनके लिए जमानत बचाना भी मुश्किल हो जाएगा.
चौटाला परिवार एक और सदस्य अभय चौटाल सिरसा के ऐलानाबाद से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इंडियन नेशनल लोकदल से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अभय चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी से पीछे चल रहे हैं.
ऐसा ही हाल आदित्य चौटाला का भी है, जो डबावाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. एक समय यह सीट चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. फिलहाल इस सीट से कांग्रेस से आगे चल रही है. वहीं, इस सीट से दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला भी मैदान में हैं. दिग्विजय तीसरे नंबर पर चल रहे हैं.
हालांकि, राहत की खबर यह कि अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला, जो रानियां सीट चुनाव लड़ रहे हैं. वह फिलहाल बढ़त बनाए हुए हैं. यहां से उनके दादा रणजीत चौटाला भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जो कि दूसरे नंबर पर हैं.
चौपट हो रहा है चौटाला परिवार
हरियाणा की सियासत में चौटाला परिवार का हमेशा दबदबा रहा है. 1967 से लेकर 1989 तक चौधरी देवीलाल ने हरियाणा में राजनीति मुख्य भूमिका निभाई. इस दौरान दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे. इतना ही नहीं वह 1989 में डिप्टी प्राइम मिनिस्टर भी बने.
इसके बाद देवीलाल ने सीएम की कुर्सी अपने बेटे चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दी और ओम प्रकाश चौटाला 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, 2005 में चौटाला हार गए, तब से लेकर अब तक सत्ता सीधे तौर पर चौटाला परिवार केह हाथ नहीं आई. इस बीच 2018 में चौटाला परिवार का विभाजन हो गया. दुष्यंत चौटाला ने ओम प्रकाश और उनके छोटे बेटे अभय चौटाला के खिलाफ बगावत कर दी.
दुष्यंत ने अपने पिता अजय सिंह चौटाला के साथ जननायक जनता पार्टी बना ली. पार्टी ने 2019 के चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल की और किंगमेकर बन गई. इस बार दोनों ही पार्टियां अलग-अलग गठबंधन के साथ मैदान में है.
बता दें कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ था. हरियाणा के चुनावी रण में कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें 464 निर्दलीय और 101 महिलाएं हैं.