चंडीगढ़ : हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार को 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ है. आज काउंटिंग के बाद तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी कि हरियाणा में आखिर किसका जादू चला है और कौन यहां पर सरकार बनाने जा रहा है. हालांकि वोटिंग के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया है लेकिन बीजेपी ने एग्जिट पोल्स के दावे को नकारते हुए फिर से जीत हासिल करते हुए हरियाणा में हैट्रिक लगाने का दावा कर डाला है.
हरियाणा में कितनी हुई वोटिंग ? : हरियाणा में अगर वोटिंग की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ है. सिरसा जिले में सबसे अधिक 75.36 प्रतिशत मतदान और फरीदाबाद जिले में सबसे कम 56.49 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. इसके अलावा ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 80.61 प्रतिशत मतदान और बड़खल विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 48.27 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. प्रदेश के 2,03,54,350 मतदाताओं में से 1,38,19,776 मतदाताओं ने मतदान किया. इनमें से 74,28,124 पुरूष, 63,91,534 महिलाएं और 118 थर्ड जेंडर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
एग्जिट पोल्स ने क्या कहा ? : हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग के बाद अगर एग्जिट पोल्स के अनुमान की बात करें तो इंडिया टुडे-सी वोटर्स के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस को 50-58 सीटें, BJP को 20-28 और बाकियों को 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं. पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस को 55 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि बीजेपी को 26 और अन्य को 1 से 5 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं ध्रुव रिसर्च के एग्जिट पोल के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस को 57 से 64 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 27-32 सीटें मिल सकती हैं. वहीं अन्य को 5-11 सीटें मिल सकती हैं.रिपब्लिक भारत-मैट्रिज के मुताबिक कांग्रेस को 55 से 62, बीजेपी को 18 से 24 और बाकियों को 1 से 11 सीटें मिल सकती हैं. टाइम्स नाऊ के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को 50-64, बीजेपी को 22-32, बाकियों को 2-8 सीटें मिल सकती हैं.न्यूज 24 चाणक्य के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को 55-62, बीजेपी को 18-24, बाकियों को 2-5 सीटें मिल सकती हैं.
सर्वे एजेंसी | बीजेपी | कांग्रेस | अन्य |
इंडिया टुडे-सी वोटर्स | 20-28 | 50-58 | 10-14 |
पीपुल्स पल्स | 26 | 55 | 1-5 |
ध्रुव रिसर्च | 27-32 | 57-64 | 5-11 |
रिपब्लिक भारत-मैट्रिज | 18-24 | 55-62 | 1-11 |
टाइम्स नाऊ | 22-32 | 50-64 | 2-8 |
न्यूज 24 चाणक्य | 18-24 | 55-62 | 2-5 |
हरियाणा चुनाव में कौन से रहे बड़े मुद्दे : हरियाणा के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी रहा जिस पर दलों ने एक दूसरे को जमकर घेरा और युवाओं से कई चुनावी वादे किए. इसके अलावा भ्रष्टाचार का मुद्दा भी चुनाव में जमकर उछला. बीजेपी ने खर्ची और पर्ची के आधार पर नौकरी देने को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. हरियाणा में अग्निवीरों को लेकर भी जोरदार सियासत हुई. कांग्रेस ने बीजेपी को अग्निवीरों को घेरा तो बीजेपी ने कांग्रेस पर युवाओं को गुमराह करने और झूठ बोलने के आरोप लगाए. किसानों का मुद्दा भी चुनाव में जोर पकड़ते हुए दिखा. किसानों के आंदोलन को लेकर भी कांग्रेस ने बीजेपी से कई सवाल पूछे. वहीं चुनावी रेवड़ियों के मुद्दे को बीजेपी ने उठाया और हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए लोगों को बताया कि किस तरह से कांग्रेस सरकार ने फ्रीबीज़ वाली घोषणाओं से वहां की हालत खस्ता कर डाली है.
हरियाणा चुनाव के बड़े चेहरे : हरियाणा चुनाव के बड़े चेहरों की बात करें तो हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने लाडवा से चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी सांपला-किलोई से चुनाव लड़ा. वहीं हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला उचाना कलां से चुनावी मैदान में उतरे. इसके अलावा राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी तोशाम से चुनावी मुकाबले में उतरी. वहीं इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने ऐलनाबाद सीट से चुनाव लड़ा. इस बीच 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने से चूकी विनेश फोगाट कांग्रेस के टिकट पर जुलाना से चुनावी दंगल में उतरी. वहीं आम आदमी पार्टी ने जुलाना से रेसलर कविता दलाल को टिकट दिया था जो चुनाव में काफी चर्चित चेहरा रहीं. हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके रणजीत सिंह चौटाला ने बीजेपी से टिकट ना मिलने पर रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जबकि हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट से चुनावी मुकाबले में उतरे. वहीं कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां और देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने बीजेपी से बगावत करते हुए हिसार से चुनाव लड़ा. इसके अलावा सिरसा से हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा चुनावी मैदान में उतरे. वहीं हरियाणा के कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने होडल से चुनाव लड़ा.
90 सीटों पर 1031 कैंडिडेट्स : हरियाणा के 22 जिलों की कुल 90 विधानसभा सीटों के लिए 1747 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था, जबकि 1151 कैंडिडेट्स के ही नामांकन को मंजूर किया गया. इसके बाद 394 नामांकन रिजेक्ट हो गए, जबकि 202 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में हरियाणा के 'रण' में कुल 1031 उम्मीदवार थे. इनमें पुरुष कैंडिडेट्स की संख्या 930 थी, जबकि महिला कैंडिडेट्स की संख्या 101 थी. वहीं इस बार चुनावी रण में उतरे 538 उम्मीदवार करोड़पति थे, जबकि क्रिमिनल केस वाले 133 उम्मीदवार भी मैदान में थे.
हरियाणा में कहां सबसे ज्यादा, सबसे कम कैंडिडेट ? : हरियाणा के चुनाव में अगर उम्मीदवारों की संख्या की बात की जाए तो हरियाणा के हिसार विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा 21 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में उतरे, जबकि सबसे कम 5 उम्मीदवार कालांवली और नांगल चौधरी सीट से उतरे थे.
हरियाणा चुनाव में कितने मतदाता ? : हरियाणा में वोटिंग के लिए 20,629 मतदान केंद्र बनाए गए थे. हरियाणा में अगर मतदाताओं की तादाद की बात करें तो कुल मतदाताओं की संख्या 2,03,54,350 थी, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,077,5,957 है, जबकि महिला मतदाताओं की तादाद 95,77,926 थी, वहीं ट्रांसजेंडर मतदाताओं की तादाद 467 थी.
हरियाणा का जातीय समीकरण : आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में जाट समाज 22.2%, अनुसूचित जाति 21%, पंजाबी 8%, ब्राह्मण 7.5%, अहीर 5.14%, वैश्य 5%, जाट सिख 4%, मेव और मुस्लिम 3.8%, राजपूत 3.4%, गुर्जर 3.35%, बिश्नोई 0.7% और अन्य 15.91% हैं.
2024 के लोकसभा में क्या हुआ ? : लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को खासा नुकसान हुआ. बीजेपी को 5 सीटें गंवानी पड़ी है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 100% मार्क्स लाते हुए सभी 10 सीटों पर कब्जा कर लिया था और कांग्रेस समेत बाकी दलों को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. वहीं इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में BJP ने 7 सीटें जीती थी, जबकि इनेलो ने 2 और कांग्रेस को 1 सीट ही मिल पाई थी.
2019 के विधानसभा चुनाव में क्या हुआ ? : हरियाणा में साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो तब बीजेपी ने 40 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं जेजेपी 10 सीटें जीतकर किंगमेकर की भूमिका में थी. इसके अलावा इनेलो ने 1, हलोपा ने 1 और 7 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे.
2019 में किसे कितना वोट प्रतिशत ? : 2019 के चुनाव की बात करें तो हरियाणा में कुल 68.84% मतदान हुआ था, जिसमें बीजेपी को 36.49%, कांग्रेस को 28.08%, जेजेपी को 14.80%, निर्दलीय को 9.17%, इनेलो को 2.44%, हलोपा को 0.66% वोट हासिल हुआ था.
2014 के विधानसभा चुनाव में क्या हुआ ? : हरियाणा में साल 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो तब बीजेपी ने 47, इनेलो ने 19, कांग्रेस ने 15, निर्दलीय ने 5, हजकां ने 2, बीएसपी ने 1 और शिरोमणि अकाली दल ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी. 2014 के चुनाव की बात करें तो हरियाणा में कुल 76.13% मतदान हुआ था.
जोरदार हुई टक्कर : हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद ये दूसरा मौका था जब पार्टियों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली. पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी ने हरियाणा के वोटर्स का दिल जीतने के लिए सारी ताकत झोंक डाली और अब सभी को हरियाणा में आने वाले नतीजों को इंतज़ार है. वहीं यूपी की पार्टियों ने भी हरियाणा के चुनाव में इस बार पूरा जोर लगाया था. जननायक जनता पार्टी (JJP) ने जहां आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उम्मीदवारों को उतारा था, वहीं इनेलो ने मायावती की पार्टी बसपा के साथ गठबंधन किया था. इस बीच केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अपना सियासी वजूद तलाशती हुई नज़र आई. आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली, पंजाब के बाद वो हरियाणा में अपना खाता खोलते हुए कुछ सीटें जीतने में कामयाब हो जाएगी.
चुनाव से पहले कैसे बने और बिगड़े समीकरण ? : हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार बनाई लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जेजेपी से बीजेपी ने ब्रेकअप का फैसला कर लिया. फिर दोनों ने अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि दोनों को नुकसान उठाना पड़ा. जेजेपी का खाता ही नहीं खुला और बीजेपी को 5 सीटें भी गंवानी पड़ी. इसके बाद जेजेपी ने यूपी की पार्टी ASP से चुनावी गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया. वहीं इनेलो ने भी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बसपा के साथ जाना बेहतर समझा और दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा. वहीं बीजेपी सरकार का साथ देने वाले गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा की भी बीजेपी के साथ पटरी बैठ नहीं पाई और गोपाल कांडा ने इनेलो-बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा. हालांकि सिरसा सीट से उम्मीदवार उतारने के बावजूद नामांकन वापसी के आखिरी पलों में बीजेपी प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद सिरसा सीट से मैदान में कोई भी बीजेपी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा. वहीं लोकसभा चुनाव में साथ-साथ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. वहीं कांग्रेस ने इंडी अलायंस गठबंधन के तहत भिवानी की सीट सीपीआई(एम) के प्रत्याशी कामरेड ओमप्रकाश के लिए छोड़ दी.
2024 में कौन जीतेगा दंगल ?: बीजेपी पिछले 10 सालों से केंद्र के साथ हरियाणा की सत्ता पर काबिज है, ऐसे में उसके लिए हरियाणा का चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाना काफी बड़ी चुनौती है. एग्जिट पोल्स के अनुमान की माने तो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है जिसे लेकर कांग्रेस काफी ज्यादा उत्साहित है और कुमारी शैलजा ने 90 में से 60 सीटें जीतने तक का दावा कर दिया है. लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स का अनुमान सटीक नज़र नहीं आया, ऐसे में बीजेपी ने एग्जिट पोल्स को नकारते हुए अपनी सरकार बनाने का दावा कर दिया है. हालांकि कई चुनावी सर्वे का ये भी कहना है कि राज्य की कई सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में टफ और नेक टू नेक फाइट है. ऐसे में ये सीटें राज्य में सत्ता के समीकरण बना और बिगाड़ भी सकती है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इस बार के विधानसभा चुनाव के दंगल में कौन किसे पटखनी देता है. आप बने रहिए ईटीवी भारत के साथ और सबसे तेज़ और सटीक नतीजों के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहिए.
हरियाणा समेत देश की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए ईटीवी भारत ऐप डाउनलोड करें. यहां आपको मिलेंगी तमाम बड़ी ख़बरें, हर बड़ा अपडेट, वो भी सबसे सटीक और डिटेल एनालिसिस के साथ - Download App
ये भी पढ़ें : ये हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव की 10 सबसे हॉट सीटें, कहीं दादा-पोते, कहीं चाचा-भतीजे मैदान में
ये भी पढ़ें : गैंगस्टर की पत्नी, पूर्व जेलर, कैदी, खिलाड़ी, 'लेडी खली', ये हैं हरियाणा चुनाव के चर्चित उम्मीदवार
ये भी पढ़ें : हरियाणा चुनाव के बाद गुणा-भाग शुरू, जानिए एग्जिट पोल पर दिग्गजों ने क्या कहा ?